आम आदमी पार्टी चंदाचोर पार्टी से अब चंदाखोर पार्टी बन गई है – वीरेन्द्र सचदेवा

Listen to this article

*दुर्गेश पाठक ने अपनी लूट और भ्रष्टाचार को छुपाते हुए एक और झूठ दिल्ली की जनता से छुपाने की कोशिश की है – वीरेन्द्र सचदेवा

*गोवा चुनाव में में खर्च किया गया पैसा शराब नीति का पैसा था और उसे पार्टी फंड में प्रयोग किया गया था लेकिन दुर्गेश पाठक ने वही शराब नीति से मिले हुए पार्टी के चंदे को हड़पने का काम किया है – वीरेन्द्र सचदेवा

*जांच एजेंसी अपना काम कर रही है एक बार पूरी रिपोर्ट सामने आ जाए फिर इस पूरे मामले में अन्य लोगों के भी नाम सामने आएगा – वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी भी अजीब पार्टी है। आज से पहले हमने चंदाचोर पार्टी तो सुना ही था लेकिन अब यह चंदाखोर पार्टी बन गई है। दुर्गेश पाठक वह व्यक्ति हैं जिसने अपने ही पार्टी के चंदे को चुराने का काम किया है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं का चरित्र ही लूट, भ्रष्टाचार और झूठ है।

इसी कड़ी को आगे बढाते हुए दुर्गेश पाठक ने अपने लूट और भ्रष्टाचार को छुपाते हुए एक और झूठ दिल्ली की जनता से छुपाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में शराब घोटाले के माध्यम से पैसे इकट्ठा किया गया तो उस वक्त वह सारे पैसा गोवा चुनाव में लगाया गया था और उस वक्त दुर्गेश पाठक ही गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रभारी बने थे।

सचदेवा ने कहा कि दुर्गेश पाठक ने अपनी ही पार्टी का चंदा खाने का काम किया है, अगर जांच एजेंसी अपना कम कर रही है तो उनको इसमें परेशानी क्या है? अपनी ही पार्टी के चंदे को खाने वाले यह चंदाखोर लालू यादव से भी ज्यादा भ्रष्ट निकले।

उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी अपना काम कर रही है एक बार पूरी रिपोर्ट सामने आ जाए फिर इस पूरे मामले में अन्य लोगों के भी नाम सामने आएगा।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गोवा चुनाव में जो पैसा लगाया गया था वह शराब नीति का पैसा था और उसे पार्टी फंड में प्रयोग किया गया था लेकिन दुर्गेश पाठक ने वही शराब नीति से मिले हुए पार्टी के चंदे को हड़पने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चाहे दिल्ली हो या फिर पंजाब सिर्फ सरकार के खजाने को खाली करने का काम किया है क्योंकि इनके पास एक ही ऐसा नेता बचा है जो स्टेज तो चला सकता है लेकिन स्टेट नहीं।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *