दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए पंजाब सरकार की सराहना की है, और सभी राज्य सरकारों से अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए आग्रह किया है। श्री चौधरी ने कहा कि दिल्ली के 22,000 अतिथि शिक्षक, डीटीसी के कर्मचारी, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, कुल मिलाकर 55,000 से अधिक कर्मचारी अभी भी अस्थायी पद पर हैं, जिन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अभी तक स्थाई नहीं किया है और वें अन्य राज्यों से अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने का आग्रह कर रहे है? उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए उसके विधेयक को पारित नहीं करने का आरोप लगाया है, जो एक तुच्छ सोच का प्रतीक है क्योंकि उन्होंने अन्य विभागों में अस्थायी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया है, हालांकि केजरीवाल ने अपने पहले चुनाव के घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर सभी तदर्थ कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा जो आज तक नहीं किए गए है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि पंजाब में अतिथि शिक्षकों के नियमन के बाद राज्य में सरकारी खजाने में धन की कमी के कारण सरकारी कर्मचारियों के वेतन में छह दिन की देरी हुई जो वित्तीय स्थिति के बारे में एक बड़ा खुलासा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपने आप को पंजाब राज्य में जेड-प्लस सुरक्षा मुहैया कराने और अपनी सुविधाओं पर फालतु खर्च करते है जोकि उन्हें दिल्ली में उपलब्ध नहीं है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और मनीष सिसोदिया द्वारा बताया जाने वाला शिक्षा मॉडल “दिल्ली मॉडल ऑफ एजुकेशन एंड हेल्थ” लोगों के साथ एक बड़ा धोखा है, क्योंकि वास्तव में दिल्ली में ऐसा कोई मॉडल मौजूद ही नहीं है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों लोगों से झूठ बोल रहे हैं और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि हजारों एमसीडी कर्मचारी अस्थायी रोल पर हैं, और 28 लाख से अधिक पद केंद्र सरकार के मंत्रालय और विभागों में अभी तक नहीं भरे गए हैं, हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों और आठ साल में छह करोड़ नौकरियों का वादा किया था। उन्होंने कहा कि यह बड़े ही दुख की बात है कि भारत पिछले 50 वर्षों में सबसे खराब बेरोजगारी की स्थिति का सामना कर रहा है और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस विषय में कोई ठोस कदम उठाने की बजाय 2024 तक 10 लाख नई नौकरियां पैदा करने का वादा कर रहे है जो एक और झूठा आश्वासन है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 5 साल में 20 लाख नौकरियां सृजित करने के लिए 75,800 करोड़ रुपये का अधिशेष रोजगार बजट पेश करने के बावजूद दिल्ली के युवा बेरोजगार घूम रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की गलत नीतयों के कारण आज दिल्ली में बेरोजगारी की दर अपने उच्च स्तर 43 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि 2017 के एमसीडी चुनाव अभियान के दौरान केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर आप पार्टी सत्ता में आती है तो वह निगमों के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करेंगे, लेकिन लोग जानते है कि यह एक खोखला वादा था क्योंकि उन्होंने अतिथि शिक्षकों सहित दिल्ली सरकार के विभिन्न विभाग के तदर्थ कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों से केजरीवाल सत्ता में हैं और दिल्ली सरकार में 40,000 से अधिक पद अभी भरे जाने बाकी हैं और जब बेरोजगारी का मुद्दा उठाया जाता है तो वह विभिन्न हथकंडे अपनाते हैं।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के डॉक्टर “वन पेन्शन, वन रैंक” की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और आंगनबाडी कार्यकर्ता अपने काम के लिए उचित वेतन के लिए आंदोलन कर रही हैं, लेकिन केजरीवाल ने उनकी मांगों को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि उनके साथ विश्वासघाट किया गया , केजरीवाल ने जनता को बेवकूफ बनाने के लिए हर मौके पर खोखले वादे किए।