दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि हमारे बच्चों का बढ़ता आत्मविश्वास,अब बच्चों में अपने करियर को बेहतर बनाने के साथ-साथ देश की तरक्की के लिए भी विज़न-मनीष सिसोदिया
केजरीवाल सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का विज़न अब केवल रोजगार पाने तक सीमित नहीं है, बच्चे यह सोचने लगे है कि कैसे वो देश की तरक्की के लिए काम कर सकते है और उनके काम से समाज व देश कैसे प्रभावित होगा-मनीष सिसोदिया
संवाद के दौरान बच्चों ने उपमुख्यमंत्री से कहा, “हम अब बड़े सपने देखने लगे है, हमें विश्वास है कि हम उसे पूरा कर सकते है क्योंकि हमारे पास भी वो सभी सुविधाएं मौजूद है जो किसी अच्छे स्कूल में होती है
बच्चों ने बताया देशभक्ति करिकुलम ने भेदभाव न करते हुए साथ रहना सिखाया, हैप्पीनेस करिकुलम से सीखा कैसे दिमाग से नकारात्मक बातों को दूर रखे तो एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से सीखे लाइफ स्किल्स
केजरीवाल सरकार के बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम से एंत्रप्रेन्योर बनकर निकली सेजल ने अपने हर्बल प्रोडक्ट्स से साल भर के भीतर लाखों का प्रॉफिट कमाया, नौकरी की लाइन में लगने के बजाय 20 लोगों को दी नौकरी
रोजाना सुबह स्कूल विजिट कर बच्चों व शिक्षकों से मिलकर अपने दिन की शुरुआत करने की श्रृंखला को जारी रखे हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एसकेवी खेड़ा खुर्द में सुबह 7 बजे मोर्निंग असेंबली में शामिल होकर बच्चों के साथ संवाद किया| हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व देशभक्ति करिकुलम को लेकर उनके अनुभवों और उससे बच्चों की जिन्दगी में आए बदलावों को जाना| इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हमारे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब बच्चे न केवल अपने करियर को बेहतर बनाने का सपना देख रहे है बल्कि भविष्य में कुछ ऐसा करना चाहते है जिससे देश में परिवर्तन आए और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़े|
श्री सिसोदिया ने संवाद के दौरान बच्चों से पूछा कि स्कूल की नई शानदार बिल्डिंग बनने, पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में आए बदलाव तथा तीनों माइंडसेट करिकुलम से उनकी जिन्दगी में क्या बदलाव आए है तो इसपर जबाव देते हुए बच्चों ने कहा कि, “हमारा स्कूल अब किसी बड़े प्राइवेट स्कूल जैसा दिखता है और हमें अब स्कूल आने में ज्यादा अच्छा लगता है| इससे हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ा है कि हम सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी भविष्य में बहुत अच्छा कर सकते है| हम बड़े सपने देखने लगे है और विश्वास है कि हम उसे पूरा कर सकते है क्योंकि हमारे पास भी वो सभी सुविधाएं मौजूद है जो किसी अच्छे स्कूल में होती है|
इसपर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 7-8 साल पहले तक सरकारी स्कूल के बच्चे खुद को देश का भविष्य नहीं मानते थे| उन्होंने उस वाकया को साझा करते हुए बताया कि कैसे एक सरकारी स्कूल में बच्चे ने जबाव दिया था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य नहीं होते बल्कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य होते है| उन्होंने कहा कि पिछले 7 सालों में दिल्ली की टीम एजुकेशन ने शिक्षा सुधार के लिए इतनी मेहनत की है कि अब यह नजरिया बदल गया है| अब सरकारी स्कूल के बच्चे न केवल खुद को देश का भविष्य मानते है बल्कि यह विज़न भी रखने लगे है कि कैसे अपने काम की बदौलत समाज की समस्याओं को दूर कर देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकते है| अब किसी काम के साथ उनका विज़न केवल रोजगार पाने तक सीमित नहीं है बल्कि बच्चे यह सोचने लगे है कि कैसे उनके काम से समाज व देश प्रभावित होगा|
बच्चों ने बताया देशभक्ति करिकुलम ने भेदभाव न करना सिखाया
मोर्निंग असेंबली में संवाद के दौरान एक छात्रा ने कहा कि पहले वह जातिगत भेदभाव में विश्वास रखती थी लेकिन देशभक्ति क्लास में उसकी यह धारणा टूटी कि जब देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जाति-धर्म से परे जाकर एक साथ आजादी की लड़ाई लड़ी तो अब जब हम आजाद है तो इन भेदभाव को दूर रखते हुए साथ क्यों नही रह सकते| एक अन्य छात्रा ने कहा कि देशभक्ति क्लास से हमने सीखा कि सभी का सम्मान करना, अपने काम को अच्छे से करना,अपने आस-पास को साफ़ रखना भी देशभक्ति है|
एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से सीखे लाइफ स्किल्स
संवाद के दौरान 12वीं की एक छात्रा ने एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से उसे न केवल जॉब सीकर के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने की प्रेरणा मिली है बल्कि इस करिकुलम ने लाइफ स्किल्स भी सिखाए है| छात्रा ने बताया कि पहले वो किसी से बातचीत करने में हिचकती थी और लोगों से घुल मिल नहीं पाती थी| लेकिन ईएमसी और बिज़नेस ब्लास्टर्स ने उसके कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाया साथ ही इससे टीम के साथ मिलकर काम करना और लीडरशिप क्वालिटी भी डेवलप हुई है|
केजरीवाल सरकार के बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम से एंत्रप्रेन्योर बनकर निकली सेजल ने अपने हर्बल प्रोडक्ट्स से साल भर के भीतर लाखों का प्रॉफिट कमाया, नौकरी की लाइन में लगने के बजाय 20 लोगों को दी नौकरी
विजिट के दौरान उपमुख्यमंत्री ने एसकेवी खेड़ा खुर्द की छात्रा रही सेजल से मुलाकात की| सेजल ने इसी वर्ष 12वीं कक्षा उतीर्ण की है और दिल्ली सरकार के बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के पहले साल का हिस्सा भी थी| सेजल ने इस प्रोग्राम के जरिये हर्बल प्रोडक्ट्स का अपना स्टार्ट-अप शुरू किया और सालभर में लाखों का बिज़नेस किया है| सेजल ने अपने स्टार्ट-अप कंपनी के लिए जीएसटी नंबर भी लिया है और अपने इस बिज़नेस के माध्यम से वो 20 लोगों को रोजगार दे रही है|