एमसीडी संपत्ति कर रिकॉर्ड में संपत्ति के मालिकों के नाम का म्यूटेशन पूरी तरह से ऑनलाइन किया

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दिल्ली नगर निगम ने संपत्ति मालिकों की सुविधा के लिए म्यूटेशन मामलों में नाम के ई-परिवर्तन के लिए एक सरल एकीकृत नीति शुरू की है। विभाग ने ई-नाम परिवर्तन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है और अब संपत्ति कर रिकॉर्ड में संपत्ति के नामांतरण में किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।

दिल्ली नगर निगम ने 01.04.2019 से पहले, पंजीकृत बिक्री विलेख/पंजीकृत समझौते के माध्यम से भूमि स्वामित्व एजेंसी/पंजीकृत उपहार विलेख द्वारा हस्तांतरित संपत्तियों के संदर्भ में आवेदन की प्रक्रिया को और सरल कर दिया है। अब केवल पांच सामान्य दस्तावेजों की आवश्यक होगी। जोकि इस प्रकार है, (1) आवेदक से 10/- रुपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र। (विधिवत नोटरीकृत), (2) आवेदक से 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर पर क्षतिपूर्ति बांड (विधिवत नोटरीकृत), (3) पिछले मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, यदि लागू हो, (4) संपत्ति कर के अद्यतन भुगतान की रसीदें, (5) स्वामित्व दस्तावेजों की पूरी श्रृंखला।

वही पंजीकृत बिक्री विलेख/पंजीकृत अनुबंध के माध्यम से भूमि स्वामित्व एजेंसी/पंजीकृत उपहार विलेख द्वारा हस्तांतरिक संपत्तियों के संदर्भ में 01.04.2019 को या उसके बाद संपत्ति कर उद्देश्य के लिए आवश्यक नाम के ई-परिवर्तन के लिए अलग आवेदन की प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। ये मामले ऑटो ट्रिगर होते हैं और निगम के पोर्टल से डाउनलोड किए जा सकते है।एमसीडी पोर्टल पर आवेदन द्वारा जारी अन्य ई-नाम प्रमाण पत्रों के समान ये प्रमाण पत्र भी वैध है और इन पर किसी भी एमसीडी अधिकारी के मुहर और हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। जोन के संबंधित सर्कल अधिकारी की यह जिम्मेंदारी होगी की वह नाम के स्वत: ई-परिवर्तन के बाद या करदाताओं द्वारा के रिकॉर्ड के उत्पादन पर डी एंड सी रजिस्टर को अपडेट करे। यदि किसी भी मामलें में ये ऑटो ट्रिगर नहीं होता है तो निगम के पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है।

आवेदक दिल्ली नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.mcdonline.nic.in पर ई-म्यूटेशन/नाम के ई-परिवर्तन के संबंध में पूर्ण विवरण देख सकते हैं।

दिल्ली नगर निगम नागरिकों को सभी नागरिको सुविधाएं ऑनलाईन माध्यम से सरल व पारदर्शी रूप में उपल्बध करवाने के हर संभव प्रयास कर रही है और म्यूटेशन मामलों में नाम के ई-परिवर्तन के लिए सरल एकीकृत नीति इस दिशा में एक कदम है।

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