दिल्ली के उपराज्यपाल को मनीष सिसोदिया के पत्र पर भाजपा की प्रतिक्रिया

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दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता श्री हरीश खुराना और श्री प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना को लिखा गया पत्र स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अरविंद केजरीवाल सरकार टकराव और विवाद की राजनीति कर रही है।

बीजेपी प्रवक्ताओं ने कहा है कि सिसोदिया ने पत्र में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करने और सामंजस्यपूर्ण कार्य करने के लिए सम्मान की बात की है, लेकिन खुद तीसरी बार प्रशासनिक सीमाओं को पार किया है और अपने पत्र लेखन के माध्यम से उपराज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।

यदि उपमुख्यमंत्री को उपराज्यपाल के संवैधानिक अधिकार या संवैधानिक प्रक्रियाओं के लिए सम्मान था तो उन्हें सीधे उपराज्यपाल को पत्र नहीं लिखना चाहिए था।

अगर अरविंद केजरीवाल सरकार को उपराज्यपाल के कामकाज पर कोई आपत्ति है तो प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल को पत्र लिखना चाहिए या उनसे बात करनी चाहिए।

कई बार कई माननीय न्यायालयों ने कहा है कि केवल उपराज्यपाल ही सेवाओं यानि अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के मामलों के लिए अधिकृत हैं और संशोधित संवैधानिक प्रक्रियाओं के तहत यह स्पष्ट है कि उपराज्यपाल किसी भी फाइल को मंगवाने के लिए अधिकृत हैं, इसलिए हम यह समझने में विफल रहता है कि सिसोदिया ने फिर से इन मुद्दों को क्यों उठाया है।

ऐसा लगता है कि आज के पत्र लिखने का मकसद सिर्फ कोई नया विवाद पैदा करना है। कमाल की बात है कि 8 साल की केजरीवाल सरकार ने 3 उपराज्यपालों के साथ काम किया है और उनमें से किसी के भी साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं रहे हैं जिससे पता चलता है कि खुद केजरीवाल सरकार ही है जो विवाद पैदा करती है न कि उपराज्यपाल कार्यालय।

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