दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले नालों से गाद निकालने के लिए एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। अब तक दिल्ली नगर निगम नालों से गाद निकालने का कार्य मानसून आने से पहले करता है तथा जून के अंत तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाता है। दिल्ली नगर निगम ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नालों से गाद निकालने का कार्य वर्ष में दो बार करने की योजना बनाई है। अब नालों से गाद निकालने का कार्य वर्ष में दो बार क्रमश: जून एवं जनवरी माह में किया जाएगा। नालों से गाद निकालने के कार्य का कुशलता से निर्वहन करने के लिए दिल्ली नगर निगम ने अपने सभी 12 क्षेत्रों के लिए 13.76 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार प्रत्येक वर्ष 20 जून तक पहले चरण की सफाई के पश्चात नागरिक नालों की सफाई के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया या शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। नागरिक दिल्ली नगर निगम की 311 ऐप के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया/शिकायत/फोटो साझा कर सकेंगे। नागरिकों द्वारा प्राप्त शिकायतों का समाधान ठेकेदार को 15 दिनों के अंदर करना होगा। नागरिकों की शिकायतों के सफलतापूर्वक निवारण के पश्चात ही निगम ठेकेदारों को भुगतान करेगा।
दिल्ली नगर निगम ने स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को भी अपनी इस मुहिम से जोड़ने की योजना बनाई है। इस मुहिम के अंतर्गत कक्षा 9 एवं 11 में पढ़ने वाले छात्र अपने क्षेत्र में नालों की सफाई के संदर्भ में हुए कार्य का आकलन करने के लिए स्वेच्छा से आगे आ सकते हैं। इस मुहिम के अंतर्गत स्वेच्छा से कार्य करने वाले छात्रों को उनके घर के पास स्थित नालियों से गाद निकालने के कार्य का आकलन करना है। उनका मुख्य कार्य व्हाट्सएप या निगम की 311 ऐप के माध्यम से अपने क्षेत्र में नालों से गाद निकालने के कार्य की प्रतिक्रिया देना है।
दिल्ली नगर निगम ने नालों से गाद निकालने के पहले चरण के कार्य को पूरा करने के लिए तिथि 05 जून एवं दूसरे चरण का कार्य पूरा करने के लिए तिथि 15 जनवरी निर्धारित की है। निगम ठेकेदारों का भुगतान किश्तों में करेगा। प्रथम चरण का कार्य पूरा होने के पश्चात 60% एवं दूसरे चरण का कार्य पूरा होने के पश्चात बाकि बची 40% राशि का भुगतान किया जाएगा। दिल्ली नगर निगम की यह मुहिम एक मील का पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से नागरिक अपने क्षेत्र में हुए कार्यों के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दे पाएंगे जिसके फलस्वरूप बेहतर नागरिक सुविधाओं का निष्पादन सुनिश्चित हो सकेगा। दिल्ली नगर निगम नागरिकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर ठेकेदारों की रेटिंग करेगा। जिस ठेकेदार के विरुद्ध ज्यादा शिकायतें मिलेंगी उसे खराब रेटिंग दी जाएगी एवं उसे भविष्य में निगम के ठेकों से भी वंचित कर दिया जाएगा।