नए साल पर लड़की को सड़क पर घसीट-घसीट कर मारने वाला भाजपा का नेता है, इस वजह से मामले पर एलजी और दिल्ली पुलिस लीपापोती कर रही है- सौरभ भारद्वाज

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नए साल पर लड़की को सड़क पर घसीट-घसीट कर मारने वाला भाजपा का नेता है।‌ इस वजह से मामले पर एलजी और दिल्ली पुलिस लीपापोती कर रही है। सुल्तानपुरी थाने में बंद दरिंदा मनोज मित्तल बीजेपी का अध्यक्ष और मंडल का सह-संयोजक है। दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने पुलिस को इस हालत में खड़ा कर दिया है कि बीजेपी का नेता लड़की को गाड़ी से घसीट रहा है और पुलिस उसे रोक नहीं पाई। भाजपा के नेता 12 किमी गाड़ी में लाश फंसाकर चलते रहे और पुलिस कह रही है कि तेज़ म्यूजिक की वजह से पता नहीं चला। सड़कों पर हमारे घरों की बच्चियां निकलती हैं। बीजेपी के दरिंदे एक्स्ट्रा सर्विस मांगते हैं, न मिलने पर हत्या कर देते हैं। बीजेपी की गाड़ी का पीछा करते हुए चश्मदीद गवाह ने दिल्ली पुलिस को 22 कॉल किए और 3 पीसीआर मिलीं पर किसी ने नहीं रोका। उन्होंने कहा कि पुलिस को सुबह 4:11 पर फोन आता है कि लड़की की लाश पड़ी है तो पुलिस लाश बरामद करने पहुचंती है। क्या ये एलजी और पुलिस पर सवालिया निशान नहीं लगाता? इस बच्ची के साथ हो सकता है बलात्कार हुआ हो या बलात्कार की कोशिश हुई हो, इसकी जांच होनी चाहिए। डीसीपी हरेंद्र सिंह पत्रकारों को धमकाते हैं कि अगर किसी ने कहा रेप हुआ है तो पुलिस एक्शन लेगी। दिल्ली पुलिस के डीसीपी हरेंद्र सिंह आरोपियों का बयान अपना वर्जन बनाकर सामने रख रहे हैं। इससे घटिया काम कोई पुलिस वाला नहीं कर सकता। एलजी नाव में घूमते हैं और कहते हैं कि उनका सिर शर्म से झुक गया। ऐसा होता तो डीसीपी-एसएचओ बर्खास्त हो गए होते। एलजी विनय सक्सेना रात को रैन बसेरे में जाते है और कंबल नहीं मिलने पर सीओ को बर्खास्त करते हैं। मगर इतनी बड़ी हत्या होने पर कोई कार्रवाई नहीं। मैं विनय सक्सेना को चुनौती देता हूं कि वो आरपियों की कॉल डिटेल पब्लिक करें। क्योंकि वो आरोपी लगातार पुलिस के अफसरों और भाजपा के नेताओं के संपर्क में थे। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस की यह हालत कर दी है। विनय सक्सेना को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि साल 2023 की शुरूआत दिल्ली के अंदर एक बहुत दुखद घटना से हुई है। एक सामान्य प्रोटोकॉल है कि नए साल के जश्न के दिन और आधी रात और उसके बाद तक सड़कों पर लोग मौजूद होते है। पुलिस की ओर से जगह-जगह बैरिकेडिंग लगना एक सामान्य प्रोटोकॉल है। यदि कोई शराब पीकर गाड़ी चला रहा है या कोई भी इस तरीके की संदेहजनक एक्टिविटी हो रही है तो ऐसे में 31 दिसंबर की रात को जगह-जगह चेकपोस्ट पर लोगों की शिनाख्त करना पुलिस का एक साधारण सा प्रोटोकॉल है। ऐसी रात को दिल्ली पुलिस को सुबह करीब 3 बजकर 22 मिनट पर एक हलवाई की दुकान पर काम करने वाला दुकानदार फोन करके बताता है कि साहब ग्रे कलर की एक बोलेरो गाड़ी जा रही है, जिसमें नग्न अवस्था में एक लड़की फंसी हुई है। वह गाड़ी 20 से 30 की स्पीड में चल रही है, इसे आप देखें। आदमी स्वयं उस गाड़ी का पीछा करता है, इसके बावजूद पुलिस उस गाड़ी को नहीं पकड़ पाती है। जब दिल्ली पुलिस कओ 4 बजकर 11 बजे पर कॉल आती है कि एक जगह पर लड़की की नग्न अवस्था में लाश पड़ी है। तब पुलिस उस लाश को बरामद करने पहुंचती है। क्या यह दिल्ली पुलिस और दिल्ली पुलिस के सरगना दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना जी पर एक बड़ा सवालिया नहीं लगाता है?

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह हादसा पुलिस ने करवाया होगा। मगर ऐसे हादसे के बाद पुलिस का क्या रवैया रहा? क्या लिपापोती की गई? यह पूरा मामला उसका एक उदाहरण है। इससे घटिया और गिरी हुई हरकत कोई पुलिस वाला नहीं कर सकता।आरोपी अपने बचाव में जो कह रहें है वो पक्ष दिल्ली पुलिस के डीसीपी हरेंद्र कुमार पुलिस का वर्जन बताकर दे रहे हैं। अगर आपकी गाड़ी में एक छोटा सा पॉलिथीन भी फंस जाए तो गाड़ी खर-खर की आवाज करती है। जबतक गाड़ी रोकोगे नहीं, तक तब आपको स्वयं इरिटेशन होती है कि गाड़ी में क्या फंस गया। जबकि इस मामले में गाड़ी में एक लाश फंसी हुई है, 12 किमी तक वो लाश को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। पुलिस के डीसीपी कह रहे है कि गाड़ी का म्यूजिक इतना तेज था कि गाड़ी में बैठे 5 आरोपियों को पता ही नहीं चला। इसलिए 20 किमी की स्पीड पर वो 12 किमी की रैली निकाल रहे थे। इलाके में यूटर्न मार रहे थे। डीसीपी हरेंद्र सिंह इतने गिर गए कि वो पत्रकारों को धमकी दे रहे है कि अगर किसी ने इस मामले में बलात्कार के शक को लेकर कहा तो पुलिस उनपर कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। ऐसा संभव है कि इस बच्ची के साथ बलात्कार हुआ हो या फिर बलात्कार की कोशिश हुई हो। हरेंद्र सिंह के अंदर दम है तो मुझे गिरफ्तार करें। पुलिस की ये बतमीजी हो गई कि पत्रकारों को धमकाकर कहा जा रहा है। पत्रकारों के ट्विट डिलिट कराए गए कि तुमने कैसे कहा कि इस लड़की का बलात्कार हुआ हो। मैं कह रहा हूं कि हो सकता है कि इस लड़की के साथ बलात्कार हुआ हो या फिर बलात्कार की कोशिश हुई है। आखिर कैसे उस बेचारी बच्ची के कपड़े उतर गए। उसके वदन पर एक कपड़ा नहीं था। उसकी पसलियां तक सड़क पर घिस-घिसकर उखड़ गई थी। उसकी पूरी पसलियां भी नहीं हैं। उस बच्ची के नीचे के शरीर पर मास नहीं बचा, पसलियां भी घिस-घिसकर सड़क पर टूट-टूटकर गिर गई है। ये कह रहे हैं कि किसी को पता ही नहीं चला। बहुत शर्म की बात है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी कल नाव में घूम रहे थे। आप कह रहे हो कि मेरा सिर शर्म से झुक गया। यदि आपका सिर शर्म से झुक गया होता तो अबतक पुलिस वाले बर्खास्त होकर घर पर बैठे होते। अबतक डीसीपी, एसएचओ को क्यों बर्खास्त नहीं किया गया? अरे, आप रात को रैन बसेरे में जाते है और आपको कंबल नहीं मिलते, आप सीओ को बर्खास्त करते है। अगले दिन अखबार में खबर छपवाते है। इतनी बड़ी हत्या हो गई। पूरा शहर शर्म से शर्मसार हो गया और आप कह रहे हैं कि मेरा सिर शर्म से झुक गया। आप कार्रवाई कीजिए।

उन्होंने कहा कि सड़कों पर जो बच्चियां काम करने के लिए निकलती हैं ये कौन बच्चियां है? जब अंकिता भंडारी के साथ बलात्कार की कोशिश हुई और भाजपा के दरिंदों ने उसकी हत्या की। मैंने पत्रकारों से ये बात कही थी कि ये आपके हमारे घर की बच्चियां है, जो परिवार का पेट पालने और करियर बनाने के लिए सड़कों पर निकलती है। बड़े-बड़े नेताओं, आईएस और आईपीएस की बच्चियां नहीं जाती है, बल्कि हमारी और आपकी बहनें जाती हैं। अगर हमारी बहनों और बच्चियों के साथ ऐसी हरकत होने लगेगी। जैसे अकिंता भंडारी को कहा गया कि नेताजी को एक्स्ट्रा सर्विस देनी पड़ेगी। एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए मना किया तो उसकी हत्या कर दी गई। मुझे रात को ये सोचकर नींद भी नहीं आई कि ये हमारी बेटी भी हो सकती थी। मैं इसे देखकर रात साढ़े 12 बजे तक ट्विट करता रहा। मैं सुबह फिर उठकर जानना चाहता था कि इस बच्ची के साथ क्या हुआ है? एलजी कह रहे है कि मेरा सिर शर्म से झुक गया।

विधायक ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि एलजी विनय सक्सेना को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। ऐसे कैसे लोगों के हाथ में हमने पूरी व्यवस्था दे दी। इन्हें दिल्ली के बारे में कुछ पता ही नहीं और ये दिल्ली में कभी रहे ही नहीं। इन्हें अगर दिल्ली में सुलतानपूरी में छोड़ दें तो इन्हें ये नहीं पता कि नजफगढ़ किस दिशा में है। ये तो यह भी नहीं जानते है कि ईस्ट जाना है या फिर वेस्ट जाना है। दिल्ली के ऊपर कमिश्नर लाकर थोप दिए जाते हैं। क्या दिल्ली का पुलिस कैडर इतना निकम्मा और नालायक है कि पहले आप गुजरात कैडर से अफसर लेकर आए? अब आप तमिलनाडु कैडर से अफसर लेकर आए। यह बहुत शर्म की बात है। पूरी केंद्र सरकार दिल्ली को बर्बाद करने में लगी हुई है।

मैं वो खुलासा करूंगा जो भाजपा की दिल्ली पुलिस ने अबतक नहीं किया। यह सुलतानपुरी का वो पुलिस स्टेशन है, जिसके अंदर आरोपी मनोज मित्तल बंद है। अबतक दिल्ली पुलिस और एलजी साहब की नींद नहीं खुली। उन्होंने यह नहीं बताया कि इस केस में लिपापोती क्यों की जा रही है? उस बच्ची को इंसाफ इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि इस पुलिस स्टेशन के बाहर जिस दरिंदे का होर्डिंग लगा हुआ है, उसपर मनोज मित्तल लिखा है, जोकि आरोपी नंबर-5 है। वह इसी थाने के अंदर बंद है। दिल्ली पुलिस के किसी अफसर और एलजी विनय सक्सेना ने आजतक ये बताने की हिम्मत नहीं कि ये आदमी भाजपा का अध्यक्ष और इनके मंडल का सहसंयोजक है। इनके होर्डिंग उसी पुलिस थाने के अंदर लगे हुए है, जहां पर वो दरिंदा बंद है। अबतक इस केस में लिपापोती क्यों की जा रही है? क्योंकि एलजी साहब को मालूम है कि भाजपा के कार्यकर्ता और नेता इसमें सम्मिलित है।

उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि आप उन आरोपियों की कॉल डिटेल निकालिए। मैं विनय सक्सेना को चैलेंज करता हूं कि उनकी कॉल डिटेल निकालर पब्लिक करें। वह आरोपी लगातार पुलिस के अफसरों और भाजपा के नेताओं के संपर्क में थे। चश्मदीद गवाह पौने घंटे तक उस गाड़ी के पीछे पीछे गाड़ी चलाता रहा। 3 पीसीआर वैन रस्ते में आई। उन्होंने इशारे से दिखाया कि लाश जा रही है। किसी पीसीआर की हिम्मत नहीं हुई कि गाड़ी को रोकर उस लाश को बाहर निकाल सके। मैं इन आरोपों के सबूत भी वीडियो के जरिए दिखाऊंगा। इन दो चश्मदीद गवाह पर पुलिस दबाव बना रही है कि वो अपनी गवाही बदलें, क्योंकि भाजपा के नेताओं को बचाने की कोशिश हो रही है।

विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक चश्मदीद गवाह पुलिसवालों को 22 फोन कॉल कर रहा है और उस लाश के पीछे-पीछे चल रहा है। उसे रास्ते में 3 पीसीआर की गाड़ियां मिली। बेगमपुर वाले को इसने बताया कि देखो, पीसीआर वाले उस गाड़ी को रोकने के लिए तैयार नहीं थे। ये भाजपा के नेताओं की बेशर्मी है। इन्होंने हमारे देश की संस्थाओं का ये हाल किया है। हमारे उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस जैसे इंस्टीट्यूशन को इस हालत में लाकर खड़ा कर दिया कि भाजपा का नेता हमारी बच्ची को नंगा करके घसीट रहा है और दिल्ली पुलिस की पीसीआर गाड़ी की रोकने की औकात नहीं है। आप सोचिए कि क्या ये सिर्फ इत्तेफाक है कि पीसीआर गाड़ियां आ रही हैं और 22 कॉल के बाद भी कोई रोकने को तैयार नहीं। अब मैं आपको दूसरा चश्मदीद गवाह दिखाऊंगा, जिसमें वो बताएगा कि किस तरीके से उसने भी पुलिस को बताया लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। ये बेशर्मी आज हमारे दिल्ली पुलिस जैसे इंस्टीट्यूशन की है। अभी पता चल जाए कि सौरभ भारद्वाज पर उसका कोई पड़ोसी शिकायत कर रहा है तो डीसीपी साहब स्वयं गवाही लेने पहुंच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि एक जोमेटो का डिलीवरी बॉय वैसे ही बेचारा डरा-डरा घुमता है वो पुलिसवालो को बता रहा है कि ऐसा-ऐसा हुआ। पुलिस वाले कह रहे हैं कि छोड़ दे। इसका मतलब ये है कि इस पूरे षडयंत्र का हिस्सा वहां पर मौजूद एक-एक पुलिस वाला, एक-एक चेकपोस्ट और एक-एक पीसीआर वाला था। ये किसी एसएचओ की औकात नहीं है कि वो इतने सारे थाने, पीसीआर की गाड़ियां और पुलिस पोस्ट को मैनेज कर ले। ये मामला उपराज्यपाल महोदय के स्तर का ही लगता है। उपराज्यपाल महोदय, शर्म कीजिए। आपके सिर को शर्म से झुकाने में दिल्ली को कोई फायदा नहीं है। आपकी बर्खास्तगी तुरंत होनी चाहिए। यहां के एसएचओ और डीसीपी को हमेशा के लिए पुलिस से निकाल देना चाहिए। ऐसा अफसर कभी भी दिल्ली पुलिस और इस समाज के काम का नहीं है।

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