दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी, दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी, एलजी को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे- अरविंद केजरीवाल

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  • दिल्ली को तानाशाही नहीं, बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए, जनता के हक़ के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा- अरविंद केजरीवाल

-एलजी की ओर से टीचर्स को ट्रेनिंग पर फिनलैंड भेजने से रोकने के विरोध में सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से एलजी हाउस तक किया पैदल मार्च

  • राज निवास मार्ग पर श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट के पास पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल समेत मंत्रियों और विधायकों को रोका

-एक घंटे तक अपने मंत्रियों व विधायकों के साथ एलजी से मिलने का इंतजार करते रहे सीएम अरविंद केजरीवाल, एलजी ने सभी से मिलने से किया इन्कार

  • यह दुखद है कि एलजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व सभी मंत्रियों-विधायकों से मिलने से इन्कार कर दिया, अब हम आगे की रणनीति पर विचार करेंगे- अरविंद केजरीवाल
  • हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, एलजी ने एक तरह से दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान किया है- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली की चुनी हुई सरकार है, दिल्ली के बच्चे हैं, हम लोगों के टैक्स के पैसे से शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेज रहे हैं, तो एलजी रोकने वाले कौन होते हैं?- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली के लोगों ने अपने मुख्यमंत्री को चुना है और मुख्यमंत्री अपने टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए भी नहीं भेज सकता तो ऐसे चुनाव व जनतंत्र का क्या फायदा?- अरविंद केजरीवाल
  • एलजी साहब कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता, ऐसे तो फिर इस देश में ना जनतंत्र बचेगा और ना संविधान बचेगा- अरविंद केजरीवाल
  • अगर एलजी साहब को कोई एतराज नहीं हैं, तो वो चिट्ठी लिखकर भेज दें कि मुझे शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से कोई दिक्कत नही हैं, बात खत्म हो जाएगी- अरविंद केजरीवाल
  • विधायकों के साथ मुख्यमंत्री जी और मैं एलजी से मिलने गए थे, ताकि उनसे निवेदन कर सकें कि शिक्षकों को ट्रेनिंग पर जाने से न रोकें, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया- मनीष सिसोदिया

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग पर फिनलैंड भेजने से एलजी द्वारा रोके जाने के विरोध में आज सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से एलजी हाउस तक पैदल मार्च किया। सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी पूरी सरकार के साथ जब राज निवास मार्ग पर श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और सीएम अरविंद केजरीवाल करीब एक घंटे तक अपने मंत्रियों व विधायकों के साथ एलजी से मिलने का इंतजार करते रहे लेकिन एलजी ने विधायकों के साथ मिलने से इन्कार कर दिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी। दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी। एलजी को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे। दिल्ली को तानाशाही नहीं, बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए। जनता के हक़ के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दुखद है कि एलजी साहब ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों-विधायकों से मिलने से इन्कार कर दिया। हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। एलजी साहब ने एक तरह से दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान किया है। वे कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। ऐसे तो फिर इस देश में ना जनतंत्र बचेगा और ना संविधान बचेगा।

दिल्ली विधानसभा का आज से तीन दिवसीय सत्र की शुरूआत हुई, लेकिन हंगामे के चलते विधानसभा के स्पीकर ने सत्र को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा सत्र स्थगित होने के बाद सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग पर जाने देने की अनुमति की मांग को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से एलजी हाउस तक पैदल मार्च किया। सभी के हाथ में ‘एलजी साहब शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो’ लिखी तख्तियां थी। सीएम अरविंद केजरीवाल सबसे आगे चल रहे थे और उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पीछे बाकी पूरी सरकार चल रही थी। इस दौरान ‘बच्चों की शिक्षा मत रोको, बच्चों की शिक्षा चलने दो, लोकतंत्र में एलजीशाही नहीं चलेगी, शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो, शिक्षकों की ट्रेनिंग चलने दो, बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद करो, संविधान की हत्या बंद करो, के नारे लगते रहे।

दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, इसीलिए हमने दिल्ली में स्कूल अच्छे किए- अरविंद केजरीवाल

इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के हर बच्चे को अपना बच्चा मानता हूं और हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। चाहे वो गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा हो, सबको अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। कई लोग ऐसे हैं, जिनको भगवान ने साधन दिए हैं, वो अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाई करने भेजते हैं। हम चाहते हैं कि गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को भी विदेशों जैसी अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले। इसीलिए हमने दिल्ली में स्कूल अच्छे कर दिए। अब हम अपने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं। वो वहां से दुनिया की सबसे अच्छी ट्रेनिंग लेकर आएंगे। हम टीचर्स को फिनलैंड भेज रहे हैं। फिनलैंड वो देश माना जाता है, जहां दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षा दी जाती है। इसलिए हम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेज रहे थे। वहां से शिक्षक ट्रेनिंग लेकर आएं और हमारे सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दें। अभी तक हम हजार से ज्यादा शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की विदेशों में ट्रेनिंग करा चुके हैं। इस बार हमें करीब 30 शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना था। एलजी साहब ने आदेश दिया कि टीचर्स फिनलैंड नहीं जाएंगे और इन्हें भारत में ही कहीं ट्रेनिंग करा दो। यह ठीक नहीं है। दिल्ली के लोगों की चुनी हुई सरकार है, दिल्ली के बच्चे हैं, दिल्ली के लोगों के टैक्स का पैसा है और दिल्ली के लोगों के टैक्स के पैसे से शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं। एलजी साहब रोकने वाले कौन होते हैं? मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ कि एलजी साहब दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिलवाना चाहते हैं।

हमें बेहद दुख है कि मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों-विधायकों को शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजने की अनुमति देने की मांग को लेकर एलजी हाउस तक पैदल मार्च करना पड़ा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को कहा था कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र रूप से कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ-साफ कहता है कि एलजी साहब के पास स्वतंत्र रूप से कोई भी निर्णय नहीं ले सकते। फिर एलजी साहब शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से क्यों रोक रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा एलजी साहब कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। अगर इस देश का कोई उपराज्यपाल या राज्यपाल यह कहेगा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता तो, फिर इस देश के अंदर ना जनतंत्र बचेगा और ना संविधान बचेगा। हमें बेहद दुख है कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के सभी विधायकों को किसी बड़ी चीज के लिए एलजी हाउस तक मार्च करके नहीं जाना पड़ रहा, बल्कि सिर्फ इसलिए चीज के लिए जाना पड़ रहा है कि एलजी साहब हमारे शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग के लिए जाने दो, उनको मत रोको। दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने वोट डालकर अपने मुख्यमंत्री को चुना है और 70 में से 62 सीट दी है। अगर वह मुख्यमंत्री अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड नहीं भेज सकता तो फिर क्या फायदा ऐसे चुनाव और जनतंत्र का क्या फायदा है। मैं उम्मीद करता हूं कि एलजी साहब को अपनी गलती का एहसास होगा और वे शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए जाने देंगे।

एलजी दिल्ली के बहुत सारे काम रोक रखे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट कह रहा कि एलजी स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं, तो वो सारे काम कैसे रुकवा सकते हैं?- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन दिनों एलजी साहब ने दिल्ली के बहुत सारे काम रोक रखे हैं। उन्होंने दिल्ली में योगा क्लास रोक दी। दिल्ली में रोज 17 हजार लोग फ्री में योग कर रहे थे। योगा क्लासेस रोक कर एलजी साहब को क्या मिला? एलजी साहब ने अफसरों को बोलकर सारे मोहल्ला क्लीनिक के सभी भुगतान रुकवा दिए। दवाइयां, टेस्ट, डॉक्टरों की तनख्वाह, मोहल्ला क्लीनिक का रेंट और मोहल्ला क्लीनिक के बिजली का बिल रूकवा दिया। इस बार उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड की सारी पेमेंट रूकवा दी। हम चाहते हैं कि 24 घंटे पानी और यमुना की सफाई के ऊपर युद्ध स्तर पर काम हो। इसके लिए हमने कई हजार करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड के लिए रखे थे, मगर उन्होंने जल बोर्ड का कोई भी भुगतान नहीं होने दिया। हमनें बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शल लगाए हैं। एलजी साहब ने बस मॉर्शल की तीन महीने से सैलरी नहीं देने दी। ऐसे ही पता नहीं कितने सारे काम उन्होंने रोक दिए। एलजी साहब के लिए सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कोई अहमियत नहीं है। जब सुप्रीम कोर्ट कह रहा कि एलजी स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं, तो वो ये सारे काम कैसे रुकवा सकते हैं? मेरी एलजी साहब से अपील है कि वो संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानें। मैं परसो उनसे मिलने गया था, तो उन्होंने कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट की राय है। मैं कहना चाहूंगा कि वो अपने साथ एक अच्छा सलाहकार रखें, जो संविधान को अच्छे से समझता हो। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर राय नहीं होती। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर सबके ऊपर बाध्य होते हैं।

मुझे लगता है कि एलजी बीजेपी के कहने पर दिल्ली को ठप करना चाहते हैं, वो ऐसे कैसे दिल्ली को रोक सकते हैं, यह बिल्कुल गलत है- अरविंद केजरीवाल

मीडिया से बातचीत में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम अपने सरकारी स्कूलों के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए टीचर्स को ट्रेनिंग देने के लिए फिनलैंड भेजना चाहते हैं। लेकिन एलजी साहब रोक रहे हैं, उनको क्या तकलीफ है? दिल्ली के लोग अपने टैक्स के पैसे से टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहते हैं। टीचर्स को विदेश जाने से रोकने वाले एलजी साहब कौन होते हैं? एलजी साहब को टीचर्स को विदेश जाने से रोकने की कोई पावर नहीं है। मुझे बहुत ज्यादा दुख हो रहा है। एलजी साहब कह रहे हैं कि टीचर्स की ट्रेनिंग अपने देश में करा लो, फिनलैंड भेजने की क्या जरूरत है? वे शिक्षकों को फिनलैंड जाने से क्यों रोक रहे हैं? यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है। एलजी ने फाइल पर लिखा है कि शिक्षकों की ट्रेनिंग की कॉस्ट बेनिफिट एनॉलिसिस कराई जाए। इसकी क्या कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस हो सकती है? जब बीजेपी के बड़े-ब़ड़े नेता अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेशों में भेजते हैं, तो उसकी कॉस्ट बेनिफिट एनॉलिसिस किया गया। जब इनके कई बड़े-बड़े नेता वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में स्वीटजरलैंड गए, तो उसकी कॉस्ट बेनिफिट एनॉलिसिस की गई। मेरे ख्याल से एलजी साहब बीजेपी के कहने से दिल्ली को ठप करना चाहते हैं। एलजी साहब ऐसे कैसे दिल्ली को रोक सकते हैं। यह तो बिल्कुल गलत है। हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों की जिंदगी से खेलने नहीं देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पैदल मार्च को उन पर असर होना होगा।

दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए, एलजी के पास नहीं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए, एलजी के पास नहीं होने चाहिए। देश के लोगों ने आजादी की लड़ाई क्यों लड़ी थी? पहले एक वायसराय होते थे, जो अंग्रेज भेजते थे, वो चलाते थे। फिर लोगों ने लड़ाई लड़ी कि हमारे देश में हमें आजादी चाहिए, हमें जनतंत्र चाहिए। चुनी हुई सरकार चाहिए। अब अगर चुनी हुई सरकार के पास अधिकार नहीं होंगे और एक सख्स के पास शक्तियां होंगी, जो कहेगा कि बस मैं सबकुछ ही हूं, तो यह जनतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। हमें उम्मीद है कि सभी समस्याओं के हल निकलेंगे। दो-तीन वर्ष पहले तत्कालीन एलजी साहब सीसीटीवी कैमरों की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे। तब मैं और मनीष सिसोदिया जी व गोपाल राय जी उनके घर पर जाकर धरने पर बैठे थे। 10 दिन के धरने के बाद उन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। एलजी हाउस द्वारा फाइल नहीं रोके जाने के सवाल का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोई बच्चे नहीं है और वो हेडमास्टर नहीं है कि वो हमारे होमवर्क को चेक करते हैं। वो हेडमास्टर की तरह बर्ताव न करें। जो प्रसाव भेजा गया है, उसपर वो हां या ना करके भेजते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को दो बार नकारा है। अगर उनको कोई एतराज नहीं हैं, तो वो अभी चिट्ठी लिखकर भेज दें कि मुझे शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से कोई दिक्कत नही हैं। बात खत्म हो जाएगी।

एलजी ने सारी कैबिनेट और विधायकों से मिलने से मना कर दिया, अब हम आगे की रणनीति पर विचार करेंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ करीब एक घंटे तक एलजी हाउस के बाहर सड़क पर मिलने का इंतजार करते रहे। लेकिन एलजी से अंत में मिलने से साफ इन्कार कर दिया। इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल कहा कि एलजी ने मिलने से इंकार कर दिया है। यह बेहद दुख की बात है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी मंत्री और विघायक एलजी साहब के घर के बाहर खड़े हैं और उन्होंने हम सब से मिलने से इन्कार कर दिया। हम बहुत छोटे हैं। हमारी कोई औकात नहीं है, लेकिन हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह एक तरीके से एलजी साहब ने दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान किया है। यह अच्छी बात नहीं है। इस किस्म की मानसिकता भी ठीक नहीं है कि कोई अपने आपको बड़ा समझने लगे कि लोगों का अपमान करना शुरू करे। यह बहुत दुख और खेद की बात है कि एलजी ने सारी कैबिनेट और विधायकों से मिलने से मना कर दिया। अब आगे की रणनीति पर हम लोग विचार-विमर्श करेंगे।

सीएम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी। दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी। एलजी साहब को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे।’’
सीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली को तानाशाही नहीं, बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए। जनता के हक़ के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’’
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट कहा, ‘‘माननीय एलजी का कहना है कि उन्होंने शिक्षकों के फ़िनलैंड प्रशिक्षण प्रस्ताव को कभी नहीं रोका। यदि ऐसा है, तो क्या माननीय उपराज्यपाल कृपया मुझे एक पत्र लिखकर कह सकते हैं कि उन्हें फ़िनलैंड में शिक्षकों की ट्रेनिंग के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है और मामला खत्म हो जाएगा?’’

अगर दिल्ली की चुनी हुई सरकार फिनलैंड में शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहती है, तो एलजी साहब को इसमें आपत्ति क्यों हैं?- मनीष सिसोदिया

वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती हैं कि शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे। हम पहले भी एक हजार से ज्यादा शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज चुके हैं। अब एलजी साहब कह रहे हैं कि देश में ही कहीं ट्रेनिंग करा लो। अगर वो शिक्षा के क्षेत्र में देश- दुनिया में सबसे आगे हैं और अगर दिल्ली की चुनी हुई सरकार वहां शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहती है, तो एलजी साहब को इसमें आपत्ति क्यों हैं? वह क्यों उसमें टांग अड़ाना चाहते हैं? गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने से एलजी साहब को क्या दिक्कत है? उन्होंने कहा कि संविधान में उनके पास कोई शक्ति नहीं है। संविधान की व्याख्या जो सुप्रीम कोर्ट ने की है, उसमें साफ लिखा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार निर्णय लेगी, एलजी निर्णय नहीं लेंगे। एलजी साहब को हमारी बात माननी पड़ेगी। अगर चुनी हुई सरकार शिक्षकों को विदेश भेजना चाहती है, तो एलजी टीचर्स को अच्छी ट्रेनिंग क्यों नहीं करने देना चाहते। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे खिलाफ षड़यंत्र रचा गया है। एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक, जल बोर्ड का भुगतान रोका गया, पेंशन रोकी गई। एलजी साहब के पास यह अधिकार नहीं है कि वो इन चीजों को रोकें।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘‘विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी और मैं एलजी साहब से मिलने गए थे, ताकि उनसे निवेदन कर सकें कि शिक्षकों को फ़िनलैंड ट्रेनिंग पर जाने से न रोकें। एलजी साहब ने विधायकों के साथ मिलने से मना कर दिया। एलजी साहब! दिल्ली की जनता के चुने हुए विधायकों से मिलने में क्या डर है?’

सड़क पर एक घंटा इंतजार कराने के बाद एलजी सभी विधायकों के साथ मिलने को नहीं हुए तैयार

विधानसभा से पैदल मार्च करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी दिल्ली सरकार एलजी हाउस पहुंची। यहां पहले से ही पुलिस तैनात थी। पुलिस ने राज निवास मार्ग पर श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट गुजरात सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सीएम अरविंद केजरीवाल पैदल मार्च में शामिल सभी लोगों को रोक लिया। यहां करीब एक घंटे तक सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य लोग एलजी से मिलने के इंतजार में खड़े रहे। काफी देर बाद एलजी हाउस से संदेश आया कि सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आकर एलजी से मिल सकते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एलजी साहब हमें और डिप्टी सीएम को मिलने के लिए बुला रहे हैं, यह हमें मंजूर नहीं है। यहां आए सभी लोग जिम्मेदार लोग हैं। एलजी साहब की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वो सभी लोगों से मिलें। एलजी साहब दिल्ली के कामों को रोक रहे हैं, शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोक रहे हैं। इससे सभी लोगों का मन दुखी है। सीएम अरविंद केजरीवाल संग सभी मंत्री और विधायक एलजी से मिलने के संदेश का इंतजार करते रहे, लेकिन करीब एक घंटे बाद एलजी ने सीएम और मंत्रियों से मिलने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल अपने सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ वापस लौट आए।

‘‘आप’’ विधायकों ने सदन में एलजी के खिलाफ की नारेबाजी

दिल्ली विधानसभा का आज से तीन दिवसीय सत्र की शुरूआत हुई, जो कुछ देर बाद स्थगित हो कर दी गई। सत्र की शुरूआत में आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ‘‘बच्चों की शिक्षा तथा अध्यापकों के प्रशिक्षण में हो रहे अवैधानिक व अवांछित अवरोधों और दखलंदाजी’’ के संबंध में डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का ध्यान आकर्षित किया। सौरभ भारद्वाज ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के विधायक हर तरीके से एलजी साहब की वकालत कर रहे हैं। शिक्षकों से एलजी साहब की क्या दुश्मनी है। एलजी साहब शिक्षकों की कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस करने को कह रहे हैं। क्या एलजी साहब का कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस किया जाना चाहिए कि एलजी की दिल्ली में क्या जरूरत है, उन पर कितना खर्च होता है और दिल्ली वालों को क्या फायदा मिल रहा है? एलजी हाउस का खर्च दिल्ली का करदाता दे रहा है। एलजी दिल्ली सरकार के हर काम को रोक रहे हैं, दिल्ली के विकास को रोक रहे हैं। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने एलजी द्वारा शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोके जाने पर नारेबाजी की और का सदन ‘गरीबों के बच्चों को पढ़ने दो, टीचर ट्रेनिंग होने दो, शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो’ के नारे से गूंज उठा।

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