लोकायुक्त की जाँच चल रही है कि भाजपा के नेता आदेश गुप्ता ने मेयर रहते हुए अवैध तरीके से बनाई करोड़ों की संपत्ति, अब लोकायुक्त कोर्ट के नोटिस का नहीं दे रहे जवाब- सौरभ भारद्वाज

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  • बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और आदेश गुप्ता के बेटे कंपनी के डायरेक्टर्स है, वो कंपनी जाँच के घेरे में है – सौरभ भारद्वाज
  • इस कंपनी में श्याम जाजू के बेटे का पता 11ए अशोका रोड नई दिल्ली है, जो कि बीजेपी का हेडक्वॉटर हैं- सौरभ भारद्वाज
  • लोकयुक्त कोर्ट में आदेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत में सामने आया है कि नॉर्थ एमसीडी मेयर रहते आदेश गुप्ता ने कंपनी बनाई, इसकी वैल्यूशन उनकी आय से बहुत ज़्यादा है- सौरभ भारद्वाज
  • लोकायुक्त जस्टिस हरीश चंद्रा मिश्रा ने अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक लगातार आदेश गुप्ता को उनकी प्रॉपर्टीज और इनकम सोर्स देने के लिए नोटिस दिए, लेकिन आदेश गुप्ता ने आज तक कोई जानकारी नहीं दी- सौरभ भारद्वाज
  • असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता आदेश गुप्ता, श्याम जाजू के बेटों की कंपनी में करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले हैं- सौरभ भारद्वाज
  • एलजी एक चिट्ठी इस विषय में भी एंटी करप्शन ब्रांच और सीबीआई को लिखें कि किस तरह प्रॉपर्टीज की ख़रीद-फ़रोख़्त की गई?- सौरभ भारद्वाज
  • इस मामले में केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई करे, ताकि न खाऊंगा न खाने दूंगा वाला मंत्र असल में बीजेपी वालों के खिलाफ भी इस्तेमाल हो सके- सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा लोकायुक्त को पिछले साल शिकायत मिली कि भाजपा के नेता आदेश गुप्ता ने मेयर रहते हुए अवैध तरीके से करोड़ों की संपत्ति बनाई। अब लोकायुक्त कोर्ट के नोटिस का नहीं दे रहे जवाब। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और आदेश गुप्ता के बेटे कंपनी के डायरेक्टर्स है।आरोप है उन्होंने कई प्रॉपर्टीज खरीदी और अवैध निर्माण करवाया। इस कंपनी में शाम जाजू के बेटे का पता 11ए अशोका रोड नई दिल्ली है, जो कि बीजेपी का हेडक्वॉटर है। लोकयुक्त कोर्ट में आदेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत में सामने आया है कि नॉर्थ एमसीडी मेयर रहते आदेश गुप्ता ने कंपनी बनाई। इसकी वैल्यूशन उनकी आय से बहुत ज़्यादा है। लोकायुक्त जस्टिस हरीश चंद्रा मिश्रा ने अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक लगातार आदेश गुप्ता को उनकी प्रॉपर्टीज और इनकम सोर्स देने के लिए नोटिस दिए। लेकिन आदेश गुप्ता ने आज तक कोई जानकारी नहीं दी। लोकायुक्त की जाँच में असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता आदेश गुप्ता, श्याम जाजू के बेटों की कंपनी में करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले। एलजी एक चिट्ठी इस विषय में भी एंटी करप्शन ब्रांच और सीबीआई को लिखें कि किस तरह प्रॉपर्टीज की ख़रीद-फ़रोख़्त की गई? इस मामले में केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई करे, ताकि न खाऊंगा न खाने दूंगा वाला मंत्र असल में बीजेपी वालों के खिलाफ भी इस्तेमाल हो सके।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एडवोकेट हेमंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन दिल्ली अध्यक्ष अदेश गुप्ता को लेकर लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत की थी। इस शिकायत में कहा कि आदेश गुप्ता, जब नार्थ दिल्ली एमसीडी के मेयर थे, उस दौरान मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी रजिस्टर की गई। इस कंपनी को अक्टूबर 2018 में बनाया गया। आदेश गुप्ता अप्रैल 2018 से अप्रैल 2019 तक नार्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर थे। पूरी नार्थ दिल्ली नगर निगम पर उनकी इनफ्लुएंस थी। इस कंपनी के अंदर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू जी के बेटे और आदेश गुप्ता के बेटे बराबर के शेयरहोल्डर्स व डायरेक्टर्स हैं। उस शिकायत में यह आरोप था कि आदेश गुप्ता, मेयर व बीजेपी के बड़े नेता रहते हुए अपने पद का फायदा उठाते हुए खूब प्रॉपर्टीज खरीद और बेच रहे हैं। इन प्रॉपर्टीज में अवैध निर्माण होने के बावजूद एमसीडी ने आंखें मूंदी हुई हैं, क्योंकि वह मेयर और बीजेपी के नेता है। इन प्रॉपर्टीज की डिटेल में अगर उनके खरीदने की इवैल्यूशन की जाए तो आदेश गुप्ता ने जितनी सोर्स ऑफ इनकम इलेक्शन लड़ते समय रिटर्निंग ऑफिसर को डिक्लेयर की थी, उससे बहुत ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि जब ये आरोप लगे तो अगस्त 2022 में न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा ने इसकी जांच के आदेश दिए। इसकी जांच अगस्त में असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन ने शुरू की। पहला नोटिस आदेश गुप्ता को 16 अगस्त 2022 को दिया गया कि आप इन-इन प्रॉपर्टीज के बारे में और सोर्स ऑफ इनकम के बारे में विस्तृत जानकारी दें। अबतक आदेश गुप्ता ने उसका जवाब नहीं दिया। उसके बाद 3 नवंबर 2022 को दोबारा लोकायुक्त कोर्ट की डेट पड़ी, जिसमें दोबारा आर्डर पास किया गया कि अगस्त 2022 में भेजे गए नोटिस का आपने अबतक जवाब नहीं दिया। आपको फिर से मौका दिया गया कि आप सोर्स ऑफ इनकम और प्रॉपर्टीज के संबंध में लोकायुक्त को बताएं। इतनी प्रॉपर्टीज आपके बेटे, उनकी कंपनियां और आप खुद खरीद रहे हैं, तो आपकी आय कहां से हो रही है। उस आय और चुनाव में डिक्लेयर्ड आय में फर्क है। आप इसे डिक्लेयर किजिए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 3 नवंबर 2022 को भी आदेश गुप्ता ने आय डिक्लेयर नहीं की। अब 19 जनवरी 2023 को दोबारा से लाकायुक्त कोर्ट में फिर से पूछा गया कि आदेश गुप्ता ने अपनी आय के साधन, इन संपत्तियों के विषय में नहीं बताएं हैं। यानी कि आदेश गुप्ता ने इसे लेकर कोई भी जानकारी कोर्ट में नहीं दी है। इस विषय में कई सवाल बनते है। ये प्रॉपर्टीज कोरोड़ों रुपये की है। असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन को जवाब नहीं दिया जा रहा है। जिन कुछ प्रॉपर्टीज का जिक्र था उनके बारे में असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन में अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसमें करीब 1 दर्जन से ज्यादा प्रॉपर्टीज हैं जो आदेश गुप्ता, उनके बेटे और श्याम जाजू के बेटों की कंपनी मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड की है। उसके अंदर करोड़ों के ट्रांजेक्शन देखे जा सकते हैं। वेस्ट पटेल नगर 33/28 के अंदर आदेश गुप्ता के बेटे रजत गुप्ता, यश गुप्ता और पत्नी अनुराधा गुप्ता ने प्रॉपर्टी खरीदी। 28/107 पटेल नगर में आदेश गुप्ता जी ने खुद 15 जुलाई 2019 को प्रॉपर्टी खरीदी। 29/30 वेस्ट पटेल नगर में अनुराधा गुप्ता ने प्रॉपर्टी खरीदी। 33/18 वेस्ट पटेल नगर में 5 फरवरी 2021 को मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रॉपर्टी बेची। 33/18 वेस्ट पटेल नगर में मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड एक और प्रॉपर्टी 25 फरवरी को बेची। 33/18 वेस्ट पटेल नगर में 4 मार्च को मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रॉपर्टी बेची। 33/18 में 16 जून 2021 को मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रॉपर्टी बेची। इसी तरीके से 10 जनवरी 2022 को आदेश गुप्ता जी ने कीर्ती नगर में एक प्रॉपर्टी खरीदी। 21 अप्रैल 2022 को 29/30 में आदेश गुप्ता की पत्नी अनुराधा गुप्ता ने एक प्रॉपर्टी बेची। 15 जून 2022 को अनुराधा गुप्ता ने प्रॉपर्टी बेची। 25 अगस्त 2022 अनुराधा गुप्ता ने एक ओर प्रॉपर्टी बेची। वेस्ट पटेल नगर में इसी तरीके से एक ओर प्रॉपर्टी बेची गई। 14 में से केवल 1 प्रॉपर्टी ऐसी है जिसका रिलेशन आदेश गुप्ता या उनके परिवार से नहीं पाया गया। इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में पाया गया है कि आदेश गुप्ता, उनके परिवार और श्याम जाजू से संबंधित लोगों या उनकी कंपनी के अंदर इनकी ट्रॉजेक्शन हुई है।

वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि ये कंपनी किसकी है? इस कंपनी के कागज क्या हैं? हमने इस कंपनी की एमसीए की वेबसाइट से मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन निकाला। उसमें नाम निकाले की कौन-कौन डायरेक्टर्स और किसकी कितनी शेयरहोल्डिंग है। देश में सबसे पहला महत्वपूर्ण पता प्रधानमंत्री निवास है और दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पता बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यालय है। जो कंपनियां जांच के घेरे में है, जिसका जांच रिपोर्ट के अंदर नाम आ रहा है, उसके शेयरहोल्डर्स में 1670 शेयर आदेश गुप्ता के बेटे रजत गुप्ता के है। 1670 शेयर आदेश गुप्ता के बेटे यश गुप्ता के है। इन दोनों के शेयर के बराबर 3330 शेयरसंदेश जाजू के शेयर है, जो श्याम जाजू जी के सुपुत्र है। इनका पता 11 ए अशोका रोड नई दिल्ली, एनडीएमसी है। यह बहुत चौंकाने और हैरान कर देने वाली बात है कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के अध्यक्ष उस समय क्या काम कर रहे थे। इन्हें प्रॉपर्टीज को बेचने खरीदने का समय कैसे मिलता है? उस दौरान ये सब लोग इसमें लिप्त थे।

उन्होंने कहा कि एलजी चिट्ठियां लिख रहे होते हैं। मैं चाहूंगा एलजी एक चिट्ठी इस विषय में भी एंटी करप्शन ब्रांच और सीबीआई को लिखें। क्योंकि ये दिल्लीवाले देखने के लिए बहुत दिनों से बेताब है कि किसी बीजेपी के किसी भी करप्शन के विषय में कोई चिट्ठी तो एलजी लिखें। यह बहुत गंभीर मामला है। जिस तरीके से एमसीडी की रिपोर्ट्स अभी लिपापोती की तरह आई है, उसमें ज्यादातर एमसीडी से पूछा गया कि अवैध निर्माण में क्या है। ज्यादातर यह कहा गया है कि अवैध निर्माण को लेकर ऐसी कोई कार्रवाई हमारे संज्ञान में नहीं है। यानी कि अवैध निर्माण के विषय में एमसीडी ने उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की है। मैं समझ सकता हूं कि एक एग्जीक्यूटिव इंजिनियर की रिपोर्ट एक प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ है। जिनके पास एमसीडी और दिल्ली की केंद्र सरकार है। उनके खिलाफ लिखना बहुत बड़ी बात है। हम चाहते हैं कि इसकी नए सिरे से जांच हो कि कितना अवैध निर्माण उस दौरान कराया गया? उस दौरान उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? किस तरीके से प्रॉपर्टीज की खरीद फरोख्त की गई? इन मामलों में केंद्र सरकार सख्ती दिखाते हुए सख्त कार्रवाई करें। ताकि केंद्र दिखा सके कि न खाऊंगा न खाने दूंगा वाला मंत्र असल में बीजेपी वालों के खिलाफ भी इस्तेमाल हो सकता है।

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