दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और भाजपा द्वारा मेयर, डिप्टी मेयर व अन्य कमेटियों के चुनाव को सुचारु रुप कराने में दूसरी बार विफलता के बाद साबित हो गया है कि दोनो अवसरवादी पार्टियों ने चुनाव में जीत दिल्ली की जनता के सेवा के लिए नही बल्कि कुर्सी और सत्ता हथियाने के लिए पाई थी, जिस कारण 6 जनवरी के बाद एक बार फिर 24 जनवरी को मेयर के चुनाव नही हो सका। उन्होंने कहा कि कुर्सी के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा नेताओं के बीच मारपीट, बदसलूकी व सदन के हंगामें को दिल्ली की जनता आहत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि वह मेयर चुनाव प्रक्रिया से दूर रहेगी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनो दिल्ली नगर निगम में संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर मेयर चुनाव के दौरान जो प्रक्रिया अपना रही उससे सदन में लोकतंत्र की हत्या हो गई है। दो बार निगम सदन में मेयर चुनाव पर भाजपा और आम आदमी की आम सहमति नही बनने से साफ हो गया है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दिल्ली का विकास और जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों से कोई लेना देना नही है। उन्होंने कहा कि चुनाव होने के बाद निर्वाचित निकाय के बिना, एमसीडी को अधिकारियों द्वारा चलाया जा रहा है। जो एमसीडी के चुनाव कराने के उद्देश्य कि एक नए निकाय को प्रशासन के नियंत्रण में लाने को भाजपा व आम आदमी पार्टी की आपसी लड़ाई ने विफल कर दिया गया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की जनता ने एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट जनादेश दिया था, फिर भी वह दिल्ली नगर निगम का औपचारिक प्रभार लेने को लेकर इतनी अनिश्चत है, क्योंकि वह अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं कर पाएगी। उन्होंने आम आदमी पार्टी पार्षदों व भाजपा पार्षदों के गुंडागर्दी हुई, आप पार्टी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ कर ऐसा वातावरण बनाया कि पीठासीन अधिकारी सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के लिए मजबूर हो जाऐ।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की हवा और पानी लगातार खराब हो रहा है क्योंकि केजरीवाल सरकार पिछले 8 वर्षों में इस खतरे से निपटने में बुरी तरह विफल रही है और एमसीडी सदन में लगातार दूसरी बार हंगामा करके दिल्ली में केजरीवाल सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यदि एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी अपने प्रभार की औपचारिकताआें को पूरा कर लेती है तो दिल्ली को समस्याओं से और अधिक जूझना पड़ेगा।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार में जब कांग्रेस सत्ता में थी और भाजपा ने एमसीडी चुनाव जीते थे, तब भाजपा ने नगर निगम की कमान संभाली थी, तब कांग्रेस द्वारा कोई टकराव नहीं था, क्योंकि दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की मुख्य चिंता दिल्ली के लोगों की सेवा करना थी। दिल्ली के लोगों के हित और दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों में लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए कांग्रेस की सोच सुशासन देने की थी।