सनसनीखेज दिन के उजाले में वांछित हताश अपराधी रुपये की सशस्त्र डकैती। अपराध शाखा की डब्ल्यूआर-II ने पीएस प्रशांत विहार के 54 लाख लोगों को गिरफ्तार किया

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उसकी गिरफ्तारी पर घोषित 50,000/- रुपये का इनाम।
 पिछले 10 महीनों से गिरफ्तारी से बचना
 पहले 03 जघन्य मामलों में शामिल
परिचय:
डब्ल्यूआर-द्वितीय, अपराध शाखा, दिल्ली की एक टीम ने जुगेश @ योगेश, 52 वर्ष, गांव सरूरपुर खेरकी, थाना बागपत, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश नामक एक हताश अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो दिनदहाड़े सशस्त्र डकैती में वांछित था। एफआईआर नंबर 288/2022 दिनांक 13.04.22 यू / एस 394/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट, पीएस प्रशांत विहार, दिल्ली मेरठ, यूपी से।
घटना का सार:
13/04/2022 को लगभग 04.30 बजे, एक राकेश कुमार सिंह निवासी हुमायूपुर, सफरजंग एन्क्लेव, दिल्ली, बेरी टेक्स प्रा. लिमिटेड, रुपये वाले कुछ पैकेट देने के लिए प्रशांत विहार गए थे। 54 लाख। दो आरोपितों ने उसे रोक लिया और रुपये से भरा बैग लूट लिया। तमंचे की नोंक पर 54 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। इस संबंध में, प्राथमिकी संख्या 288/2022 दिनांक 13.04.2022 यू/एस 394/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट, पीएस प्रशांत विहार, रोहिणी जिला, दिल्ली के तहत एक मामला दर्ज किया गया था और स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की गई थी। . यह घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। स्थानीय पुलिस ने सतपाल उर्फ ​​काके और विजेंद्र उर्फ ​​कबाड़ी नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन आरोपी जुगेश उर्फ ​​योगेश फरार था और जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा था।
सूचना और टीम संचालन:
एएसआई रविंदर और सी.टी. फरार आरोपी के बारे में डब्ल्यूआर-दो, अपराध शाखा के सोहित को सूचना मिली। इंस्पेक्टर के नेतृत्व में डब्ल्यूआर-द्वितीय, अपराध शाखा की एक टीम। पवन सिंह, जिसमें एसआई अनुज छिकारा, एसआई रविंदर सिंह, एसआई अनिल सरोहा, एएसआई रविंदर, एचसी रविंदर सिंह, एचसी आशीष, एचसी रविंदर, एचसी भवर, सीटी शामिल हैं। सोहित और सी.टी. श्री की करीबी देखरेख में पवन। यशपाल सिंह, एसीपी/डब्ल्यूआर-II का गठन श्री द्वारा किया गया था। सतीश कुमार, डीसीपी/क्राइम और श. एस.डी. मिश्रा, संयुक्त पुलिस आयुक्त/अपराध।

आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गुप्त मुखबिरों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। आरोपी बार-बार ठिकाना और ठिकाना बदल रहा था। गुप्त सूचना पर टीम ने आरोपी की लोकेशन को जीरो किया और यूपी के मेरठ में जाल बिछाया। आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन सीटी द्वारा पीछा किया गया और उस पर काबू पा लिया गया। सोहित ने दिखाई बहादुरी और तत्परता
पूछताछ:
आरोपी जुगेश उर्फ ​​योगेश ने खुलासा किया है कि उसने अपने साथियों सतपाल उर्फ ​​काके, विजेंद्र उर्फ ​​कबाड़ी, अंकित उर्फ ​​मीता और अरुण उर्फ ​​काले के साथ मिलकर रुपये की लूट की थी। पीएस प्रशांत विहार इलाके से बंदूक की नोंक पर 54 लाख रु. वह डकैती का मुख्य साजिशकर्ता था। उसके सहयोगी विजेंदर उर्फ ​​कबाड़ी ने पीड़ित के बारे में जानकारी विकसित की और वही जानकारी उसे दी।
अभियुक्त जुगेश @ योगेश ने दो अवैध पिस्तौलें व्यवस्थित कीं और अपने सहयोगी सतपाल @ काके को सफदरजंग एन्क्लेव के क्षेत्र से चोरी करके एक पल्सर एम/साइकिल की व्यवस्था करने का काम सौंपा। चोरी की बाइक की असली नंबर प्लेट को नकली से बदल दिया गया था।
सतपाल @ काके, अंकित @ मीता और अरुण @ काले पल्सर एम/साइकिल पर थे और जुगेश @ योगेश बुलेट एम/साइकिल पर थे जो उनके रिश्तेदार के थे।
लूट को अंजाम देने के बाद सभी अपनी-अपनी बाइक पर मौके से फरार हो गए और लूट का माल आपस में बांट लिया।
आरोपी व्यक्ति की प्रोफाइल:-
आरोपी जुगेश @ योगेश का जन्म वर्ष 1970 में खेकड़ी, बागपत, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में काम करते थे और वर्ष 1975 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद, उन्होंने छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया। उनकी शादी वर्ष 1993 में हुई थी। उनका एक बेटा है जिसका नाम सागर @ साई है, जो एक कट्टर डाकू / स्नैचर है और थाना तिलक नगर का हिस्ट्रीशीटर है। आसानी से पैसा कमाने के चक्कर में आरोपी बुरी संगत में पड़ गया और सशस्त्र डकैती और अन्य अपराधों को अंजाम देने लगा। शराब पीने और धूम्रपान की अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह अपराध करने लगा। उसने वर्ष 1996 में बागपत में फिरौती के लिए अपहरण किया था। इसके बाद वर्ष 2006 में थाना पांडव नगर इलाके में नगदी लूट ली। वह उन लोगों के संपर्क में रहता था जो नकद कारोबार करने वाले कारोबारियों के साथ काम करते थे।
पिछली भागीदारी:

  1. एफआईआर नंबर 503/2006 आईपीसी 25 आर्म्स एक्ट 399/402 के तहत, पीएस पांडव नगर,
    दिल्ली।
  2. एफआईआर नंबर 352/2006 आईपीसी 27 आर्म्स एक्ट की धारा 393 के तहत, पीएस मयूर विहार, दिल्ली।
  3. एफआईआर नंबर 288/2006 आईपीसी की धारा 384 34 के तहत, पीएस मयूर विहार, दिल्ली।
    मामला सुलझा:-
  4. एफआईआर नंबर 288/22 दिनांक 13.04.22 यू/एस 394/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट, पीएस प्रशांत विहार, रोहिणी जिला, दिल्ली।
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