सभी जिला कांग्रेस कमेटियों ने अपने-अपने क्षेत्र में एल.आई.सी.-एस.बी.आई. कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए। – अनिल भारद्वाज

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*केन्द्र सरकार कथित घोटाले की जेपीसी से जांच कराए और प्रधानमंत्री/वित्त मंत्री इस संकट से उत्पन्न वित्तीय अनियमितताओं पर संसद में अपना बयान देकर निवेशकों को भरोसा दें।- अनिल भारद्वाज

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आदेशानुसार भाजपा की मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह को फायदा पहुॅचाने की नीतियों के कारण जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक के करोड़ों निवेशकों की लाखों करोड़ की राशि डूब रही है, जिस पर केन्द्र सरकार की चुप्पी खिलाफ आज जिला कांग्रेस कमेटियों ने दिल्ली भर में एल.आई.सी.-एस.बी.आई. कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शन में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या जेपीसी से निष्पक्ष जांच कराये, घपलेबाज अडानी समूह की जांच कराओ, एल.आई.सी.-एस.बी.आई. के निवेशकों की सुरक्षा की जाए आदि नारे लगा रहे थे।

प्रदर्शनकारियों में कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक चै0 मतीन अहमद, श्री हरी शंकर गुप्ता, अल्का लाम्बा, श्री सुरेन्द्र कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, जिला अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार, श्री मनोज यादव, श्री जावेद मिर्जा, श्री गुरचरण सिंह राजू, आदेश भारद्वाज, जुबैर अहमद, राजेश चौहान, विष्णु स्वरूप अग्रवाल, धर्मपाल चंदेला और सतबीर शर्मा सहित ब्लाक अध्यक्ष, निगम पार्षद, निगम प्रत्याशी, सेवादल, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।

श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अडानी ग्रुप के धराशायी होने पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर मांग की कि इसकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के तहत एक निष्पक्ष जांच हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में विस्तार से जांच की जाए। यह भी मांग की गई कि एल.आई.सी. एस.बी.आई. और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अड़ानी समूह में ज़बरदस्ती निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद इसके निवेशकों अपनी निवेश राशि को खोने के डर से भयभीत हैं, विशेषकर एल.आई.सी. और एस.बी.आई में अपनी पूंजी को लेकर देश भर में उथल पुथल का माहोल है। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार की चुप्पी के कारण निवेशकों में अनिश्चितता को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि  हमारी मांग है कि सरकार इस कथित घोटाले की जेपीसी से जांच कराए, साथ ही प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इस तथाकथित वित्तीय अनियमितताओं पर संसद में अपना बयान देकर निवेशकों को भरोसा दें।

श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि एल.आई.सी. और एस.बी.आई. हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ो भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने है। मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में एल.आई.सी. और एस.बी.आई. जैसी सरकारी संस्थाओं के बेहद जोखिम भरे लेन-देन और निवेश ने भारत के निवेशकों एल.आई.सी. के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एस.बी.आई. के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। क्यों एल.आई.सी. ने अडानी समूह में भारी निवेश किया है और पिछले कुछ दिनों में एल.आई.सी. के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है। अडानी समूह पर भारतीय बैंकों को लगभग 80,000 करोड़ बकाया है।
 
श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि जब अंतर्राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज  में  S&P and Dow Jones  ने अडानी ग्रुप कम्पनीज़ को धोकाधड़ी से फंड अर्जित करने पर इंडेक्स सूची से बाहर कर दिया जिसके कारण करोड़ो भारतीयों निवेशकों और एल.आई.सी. और भारतीय बैंकों का पैसा डूब गया है। इतने बड़े नुकसान के बावजूद भी केन्द्र सरकार अडानी को बचाने की कोशिश सीधा इशारा करती है कि जांच नही होने के पीछे मोदी सरकार है। अडानी ग्रुप की धांधली की रिपोर्ट के 13 दिन बाद भी प्रधानमंत्री ने एक शब्द नही बोला है, जो देशहित में चिंता का विषय है।

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