दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज फिर आम आदमी पार्टी के नेताओं एवं पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के निर्देशों की अवहेलना की। उनके निर्देश के बावजूद दो नामांकित विधायक जो सजा आफता हैं सदन से उठ कर नहीं गये और मनोनीत पार्षदों के वोट के अधिकार पर आम आदमी पार्टी ने फिर विरोध किया।
श्री सचदेवा ने कहा है कि यह सार्वजनिक तौर पर ज्ञात है कि 2016 में आया दिल्ली उच्च न्यायलय का एक आदेश स्पष्ट रूप से कहता है कि नामांकित पार्षद भी सदन के सदस्य होंगे और निगम की सर्वोच्च स्थायी समिति तक के चुनाव लड़ सकेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि जब न्यायलय उनको स्थायी समिति तक का चुनाव लड़ने का अधिकार दे चुका है तो फिर वह मतदान क्यों नहीं कर सकते ?
श्री सचदेवा ने कहा है कि इसके अतिरिक्त हमारे संज्ञान में आया है कि हाल ही में खुद दिल्ली नगर निगम प्रशासन के मांगने पर देश के एक सर्वोच्च कानून अधिकारी ने यह सलाह दी है कि नामांकित पार्षदों को महापौर, उप महापौर आदि के चुनाव में मतदान का अधिकार है।
सम्भवतः इसी कानूनी सलाह को समझते हुये ही दिल्ली नगर निगम बैठक की पीठासीन अधिकारी ने निर्णय लिया कि मनोनीत निगम पार्षद मतदान कर सकते हैं।
श्री सचदेवा ने कहा है कि यह समझ से परे है कि आखिर आम आदमी पार्टी न कानूनी सलाह को मानेगी न पीठीसीन अधिकारी की सुनेगी तो फिर दिल्ली को महापौर कैसे मिलेगा।