केजरीवाल सरकार के जासूसी कांड के विरूद्ध हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सचिवालय के पास आई.टी.ओ चौक पर चक्का जाम कर मुख्य मंत्री के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग की

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जहाँ एफ.बी.यू. जासूसी अरविंद केजरीवाल की हर तरह के विरोधियों पर जांच का माध्यम थी तो वहीं यह केजरीवाल के द्वारा 2015 में मिले पूर्ण बहुमत के तानाशाही दुरुपयोग का सबसे बड़ा प्रमाण — वीरेन्द्र सचदेवा

आज जब एफ.बी.यू. जासूसी कांड पर सी.बी.आई. की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट सामने है और मनीष सिसोदिया आदि पर एफ.आई.आर. दर्ज होने जा रही है तब केजरीवाल को इस जासूसी कांड की जिम्मेदारी स्वीकार कर इस्तीफा देना चाहिए — वीरेन्द्र सचदेवा

सरकारी रिकॉर्ड बता रहा है कि केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल, सांसद एवं विधायकों की जासूसी करने के लिए एक अलग विभाग की स्थापना कर दी — रामवीर सिंह बिधूड़ी

विजय गोयल, विजेन्द्र गुप्ता, हर्ष मल्होत्रा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया

दिल्ली भाजपा ने आज प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा एवं विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में नई दिल्ली के आई.टी.ओ. क्षेत्र में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ विरोध मार्च निकाल कर चक्का जाम किया और अरविंद केजरीवाल सरकार के एफ.बी.यू. जासूसी कांड का विरोध किया और मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की मांग की।

शहीदी पार्क से सचिवालय की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को आई.टी.ओ. चौक पर पुलिस ने बलपूर्वक रोका तो वह वहीं बैठ गये और चक्का जाम कर मुख्य मंत्री एवं उप मुख्य मंत्री की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी की। बाद में पुलिस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा आदि को डिटेन कर आई.पी.एस्टेट थाने ले गई जहाँ से उन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया।

प्रदेश महामंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह एवं श्री हर्ष मल्होत्रा के द्वारा संचालित प्रदर्शन में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री विजय गोयल एवं श्री विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश पदाधिकारी श्री विष्णु मित्तल, श्री अशोक गोयल, श्री राजीव बब्बर, श्रीमती नीमा भगत, श्री प्रवीण शंकर कपूर, श्री गौरव खारी, श्री इम्प्रीत सिंह बख्शी, श्रीमती योगिता सिंह, श्री संतोष पाल, श्री भूपेन्द्र गोठवाल, श्री सी.एल. मीणा, श्री कौशल मिश्रा, जिलाध्यक्ष श्री मनोज त्यागी, श्री विनोद सहरावत, श्री राजकुमार भाटिया, श्री मोहन गोयल, श्री बजरंग शुक्ला, श्री राजेश गोयल, श्रीमति लता गुप्ता, श्री रोहताश विधूड़ी, श्री नरेश वशिष्ठ, श्री सचिन भसीन, श्री रमेश शौखंदा, श्री कुलदीप सिंह, विधायक श्री जितेन्द्र महाजन, पूर्व महापौर श्री जयप्रकाश एवं श्री निर्मल जैन के आलावा अनेक निगम पार्षदों सहित हजारों कार्यकर्ता सम्मलित हुए।

विरोध मार्च में सम्मलित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुऐ प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा की मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल को किसी भी तरह का विरोध सहन नही है चाहें वह राजनीतिक विरोधियों का हो, प्रशासनिक अधिकारियों का हो या फिर न्याय पालिका की उनकी सरकार के प्रति विपरीत टिपण्णी ही क्यों ना हो। केजरीवाल हर विरोध के स्वर को दबाने में बदनाम करने में यकीन रखते हैं।

श्री सचदेवा ने कहा जब केजरीवाल 2015 में सत्ता में आये तो उन्होने पहला काम मीडिया के सचिवालय प्रवेश रोकने का किया, फिर अधिकारियों के बोलने पर प्रतिबंध लगाया, भाजपा से जुड़े राजनीतिक विरोधियों को दबाने की चेष्टा की पर पुलिस उनकी सरकार के आधीन ना होने से उसमे सफलता नही मिली। तब बौखलाये केजरीवाल ने राजनीतिक विरोधियों, मीडिया हाउसों, केन्द्रीय मंत्रियों, बड़े व्यपारिक प्रतिष्ठानों आदि पर निगाह रखने के लिये अन्य राज्यों से पुलिसकर्मी लाकर अपनी निजी संस्था एफ.बी.यू. बना डाली।

श्री सचदेवा ने कहा जहाँ एफ.बी.यू. जासूसी अरविंद केजरीवाल की हर तरह के विरोधियों पर जांच का माध्यम थी तो वहीं यह केजरीवाल के द्वारा 2015 में मिले पूर्ण बहुमत के तानाशाही दुरुपयोग का सबसे बड़ा प्रमाण।

श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा जब एफ.बी.यू. जासूसी कांड पर सी.बी.आई. की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट सामने है और मनीष सिसोदिया आदि पर एफ.आई.आर. दर्ज होने जा रही है तब केजरीवाल को इस जासूसी कांड की जिम्मेदारी स्वीकार कर इस्तीफा देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री चंद्रशेखर की सरकार के समय कांग्रेस की ओर से उनपर आरोप लगाया गया कि सरकार राजीव गांधी के परिवार की जासूसी करवा रही है और श्री चन्द्रशेखर की सरकार गिर गई लेकिन आज सरकारी रिकॉर्ड बता रहा है कि केजरीवाल सरकार में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के उपराज्यपाल, सांसद एवं विधायकों की जासूसी करने के लिए एक अलग विभाग की स्थापना कर दी और लेकिन इस्तीफा देना तो दूर केजरीवाल मदमस्त हो कर आरोपों को झूठा बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया की जगह दिल्ली सचिवालय में नहीं बल्कि तिहाड़ जेल में है।

श्री विजय गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने दिल्ली में जासूसी के लिए ही कैमरे और अन्य चीजें खरीदी और आज उसका इस्तेमाल यह सिर्फ सांसद, विधायकों की जासूसी करने में नहीं कर रहे हैं बल्कि इससे देश की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जांच एजेंसियों की जांच करना और उसकी जानकारी इकट्ठा करना एक बड़ा खतरा भी बना रहा जिसका खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मामले में सामने आकर स्वयं सफाई देनी चाहिए क्योंकि यह मामला सिर्फ दिल्ली का नहीं बल्कि देश का भी है।

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा कैमरे खरीदना, जासूसी के समान खरीदना और फिर एक विभाग बनाकर यह कहना कि यह विभाग फीडबैक देगा सब बहुत चौकाने वाला है लेकिन उसकी सच्चाई अलग थी। इस विभाग से सिर्फ विपक्ष की जानकारियां इकट्ठा की गयीं। इतना ही नहीं सरकारी खर्चे पर जांच एजेंसियों की भी जानकारियां ली गई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के एक से बढ़ के एक मामले सामने आए लेकिन इस जासूसी कांड पर सी.बी.आई. द्वारा मामला दर्ज किया गया है जिसमें सिसोदिया का नाम जुड़ा है। इसमें बहुत जल्द लोगों की गिरफ्तारियां भी होंगी।

श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कोई विकास कार्य नहीं किए लेकिन उन्होंने अपने विपक्षियों सहित देश की जांच एजेंसियों की भी जानकारी इकट्ठा की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया दिल्ली में अपनी घोटालों वाली योजनाएं लाकर सिर्फ दिल्ली को लूटने का काम किया है और जमीनी स्तर पर कोई विकास नहीं है।

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