जाली दस्तावेज तैयार करने में शामिल रैकेट का भंडाफोड़ एनआर-1, क्राइम ब्रांच ने किया

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 फिंगर प्रिंट के बजाय पैर के अंगूठे के निशान का उपयोग करना
 फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में शामिल तीन गिरफ्तार
 इन दस्तावेजों पर प्राप्त मोबाइल सिम कार्ड
 जाली कार्ड का उपयोग बैंक खाते खोलने के लिए किया जाता था जो अन्य जालसाजों को बेच दिए जाते थे
 इन दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने के लिए ऋण।
परिचय:
उत्तरी रेंज-1 क्राइम ब्रांच की एक टीम ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस तैयार करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। ये रैकेट दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में स्थित साइबर कैफे से चला रहे थे। इस संबंध में थाना क्राइम ब्रांच में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है।
सूचना और संचालन:
एनआर-1, क्राइम ब्रांच के एएसआई ब्रह्म देव को मिली गुप्त सूचना के आधार पर बताया गया कि ए-ब्लॉक, जहांगीर पुरी, दिल्ली में एक साइबर कैफे चल रहा है, जिसमें जालसाज पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि बनवा रहे हैं। फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस, इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एएसआई ब्रह्म देव, एचसी नितिन कुमार और एचसी नवल सिंह की एक टीम। सतीश मलिक श्री के करीबी पर्यवेक्षण के तहत। विवेक त्यागी, एसीपी/एनआर-I, श्री द्वारा गठित। विचित्र वीर, डीसीपी/अपराध और श। एस.डी. मिश्रा जे.टी. सीपी/अपराध ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और एक फंदा भेजा। साइबर कैफे के रहने वालों ने फर्जी तरीके से पैन कार्ड, आधार कार्ड तैयार करने की सहमति दी और बैंक में दस्तावेजों का उपयोग करने के लिए एक सिम कार्ड भी प्रदान किया। पुष्टि होने पर साइबर कैफे पर छापा मारा गया और तीन लोगों को पकड़ा गया। जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ इन दस्तावेजों को तैयार करने में इस्तेमाल किए गए सामान जब्त किए गए।
उनमें से 07 पैन कार्ड, 09 आधार कार्ड और 02 वोटर कार्ड अलग-अलग नामों से जारी किए गए लेकिन एक ही व्यक्ति के फोटो वाले पाए गए। यह व्यक्ति बाद में मोहम्मद करीम नाम के साइबर कैफे का मालिक साबित हुआ। अलग-अलग नामों से जारी किए गए कई पैन कार्ड एनएसडीएल के लिफाफे में पाए गए, जिसमें धारक का पता जहांगीरपुरी, दिल्ली लिखा हुआ था, जो वही पता है जहां कथित साइबर कैफे चलाया जा रहा था। पूछताछ में पता चला कि इन दस्तावेजों को तैयार करने और इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करने के लिए उन्होंने आम लोगों का इस्तेमाल किया जिनके पास कोई आधार, पैन कार्ड और अन्य आईडी दस्तावेज नहीं थे। यह भी सामने आया कि कुछ मामलों में उन्होंने फिंगर प्रिंट की जगह पैर के अंगूठे के निशान का इस्तेमाल किया। इन्होंने अलग-अलग नामों से बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले हैं। नीचे दिए गए विवरण के अनुसार कई चेक बुक भी बरामद की गई हैं।

वसूली:

  1. आधार कार्ड- 27
  2. पैन कार्ड – 34
  3. इलेक्शन कार्ड – 04
  4. लाइसेंस के लिए ब्लैंक चिप कार्ड – 15
  5. मोबाइल फोन – 15
  6. लैपटॉप – 02
  7. डेबिट/क्रेडिट कार्ड – 07
  8. चेक बुक – 20
  9. वोडा/एयरटेल/जियो का सिम कार्ड- 48
  10. आदर्श नगर विधायक पवन शर्मा की मुहर- 01
  11. लाइवस्कैन फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन डिवाइस- 01
  12. नेत्र स्कैनर – 01
  13. लैमिनेटर – 01
  14. यूएसबी कैमरा – 01
  15. स्कैनर सह कलर प्रिंटर – 01
    आरोपी रोहित @ आकाश की प्रोफाइल:
    आरोपी रोहित उर्फ ​​आकाश मुकंदपुर का रहने वाला है और आयाना साइबर कैफे के मालिक करीम के यहां काम देखता है। वह अपने मालिक करीम के साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड बनाने और चिप आधारित ब्लैंक कार्ड पर फर्जी लाइसेंस छपवाने का काम करता है।
    आरोपी पिंटू की प्रोफाइल:
    आरोपी पिंटू गांव वजीराबाद का रहने वाला है और गिरोह द्वारा तैयार किए गए आधार कार्ड का इस्तेमाल कर करीम और रोहित @ आकाश को सिम कार्ड मुहैया कराता था. एक्टिवेट करने और एक्टिवेशन एसएमएस प्राप्त करने के लिए अलग-अलग मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
    आरोपी अनुराग की प्रोफाइल:
    आरोपी अनुराग बापरोला का रहने वाला है और इन आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य ऋण खरीदने के लिए ऋण की व्यवस्था करता था।
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