- पूर्व पीएम राजीव गांधी ने नरसंहार उचित ठहराकर कातिलों को बचाने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह आज भी जारी- जरनैल सिंह
- राहुल गांधी एक ओर तो कहते हैं कि वह मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं, दूसरी ओर नरसंहार के आरोपी को सम्मान भी देते हैं- जरनैल सिंह
- सिखों का कत्लेआम करने वाले जगदीश टाइटलर के खिलाफ तमाम गवाहों ने कमीशन को सबूत दिए, इसके बाद भी कांग्रेस सिखों के जख्म कुरेद रही है- जरनैल सिंह
- कांग्रेस और भाजपा के बीच एक स्पष्ट समझौता हो चुका है कि तुम 1984 दंगों की बात मत करना, हम 2002 दंगों की बात नहीं करेंगे- जरनैल सिंह
“आप” की मांग, कांग्रेस ऐसी घिनौनी हरकतें बंद करे और टाइटलर को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाले
कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्ण अधिवेशन का सदस्य बनाए जाने पर आम आदमी पार्टी ने ज़बरदस्त हमला बोला है। आप का कहना है कि सिखों का कत्लेआम कराने वाले जगदीश टाइटलर को सजा दिलवाने के बदले कांग्रेस सम्मानित कर रही है। इससे सिख समाज में कांग्रेस के खिलाफ भारी आक्रोश है। आप के वरिष्ठ नेता और विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि कांग्रेस का हाथ 1984 के क़ातिलों के साथ है। सिखों का कत्लेआम कराने वाले जगदीश टाइटलर को प्लेनरी सेशन का सदस्य बनाकर कांग्रेस सिखों के जख्म कुरेद रही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिखों के नरसंहार को उचित ठहराकर कातिलों को बचाने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह आजतक चला आ रहा है। राहुल गांधी एक ओर तो यह कहते हैं कि वह मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं, जबकि दूसरी ओर जगदीश टाइटलर को पूर्ण अधिवेशन का सदस्य बनाते हैं। सिख नरसंहार मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ तमाम गवाहों ने कमीशन को सबूत दिए। बावजूद इसके, कांग्रेस उन्हें सम्मान दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच एक स्पष्ट समझौता हो चुका है कि तुम 1984 के सिख विरोधी दंगों की बात मत करना और हम 2002 के गुजरात दंगों की बात नहीं करेंगे। आप नेता जरनैल सिंह ने कांग्रेस को ऐसी घिनौनी हरकतें तत्काल बंद करने और जगदीश टाइटलर को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस से निकालने की मांग की।
“आप” की तरफ से विधायक जरनैल सिंह ने पार्टी मुख्यालय में सोमवार को प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1984 के सिख नरसंहार के प्रमुख आरोपी जगदीश टाइटलर को प्लेनेरी सेशन का निर्वाचित सदस्य बनाया गया है। इस कृत्य से पूरे सिख समुदाय में रोष है। 1984 में दिल्ली की सड़कों पर केरोसिन और टायर डालकर इंसानियत को शर्मसार करने वाला नरसंहार किया गया। तबसे ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस नरंसहार को यह कहकर उचित ठहराना शुरू कर दिया था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। जहां पूर्व प्रधानमंत्री का फर्ज बनता था कि कातिलों को सजा दिलवाएं, लेकिन उन्होंने उल्टे उन्हें बचानाशुरू कर दिया। वह सिलसिला आज तक जारी है।
उन्होंने कहा कि इस नरंसहार के आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए कई कमेटियां, कमीशन और एसआईटी बनी, लेकिन आज तक इंसाफ के नाम पर पीड़ित परिवारों के साथ धोखा ही हुआ है। मैं खुद उस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं, जहां पीड़ित परिवार आज भी रहते हैं। पीड़ित परिवार आज भी इंसाफ की उम्मीद में हैं। उन्हें भरोसा है कि कातिल कभी न कभी सलाखों के पीछे जाएंगे। दूसरी ओर कांग्रेस इन आरोपियों को बड़े-बड़े पद देकर नवाज रही है। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि दिल्ली के अंदर जहां कत्लेआम हुआ था, उस विधानसभा के अंदर आपकी संख्या दो बार से जीरो आ रही है। अगर आपने अब भी सबक नहीं लिया तो शायद पूरे देश में जीरो लाने की कोशिश कर रहे हैं।
विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि जब तक कांग्रेस की सरकार थी तो लगता था कि कमीशन मैनेज होते हैं। जब भाजपा की सरकार आयी तो हमें लगा कि अब शायद इंसाफ मिलेगा। भाजपा ने 2014 में जल्दबाजी में एक एसआईटी भी बना दी। उस एसआईटी ने भी कहा कि हम साल भर के भीतर कातिलों को अंजाम तक पहुंचाएंगे। आज लगभग 10 साल होने को हैं, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने वाली एजेंसियां सरेआम इस नरसंहार को दबाने में लगी हुई हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच स्पष्ट समझौता हो चुका है कि तुम 1984 की बात मत करना और हम 2002 के गुजरात दंगों की बात नहीं करेंगे। यह समझौता देश को समझना पड़ेगा। अगर किसी को लगता है कि वह इस तरह के कुकृत्य करा सत्ता तक पहुंच जाएगा तो यह इस देश के लिए बहुत गलत है।भाजपा की केंद्र सरकार को कांग्रेस से साठगांठ छोड़कर 1984 के पीड़ितों को इंसाफ और इस नरसंहार के आरोपियों को सजा दिलवानी चाहिए। यह साठगांठ पूरा समझ रहा है। उन्होंने कहा कि 1984 के कातिलों को इस तरह बार-बार सम्मान न देकर उन्हें सजा दिलाने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ राहुल गांधी कहते हैं कि मैं तो नफरत की नहीं मोहब्बत की दुकान खोलने आया हूं। दूसरी ओर उनकी पार्टी 1984 के नरसंहार के मुख्य आरोपी को सम्मान देने जैसी घिनौनी हरकत करती है। उन्होंने जगदीश टाइटलर को प्लेनरी सेशन से निष्कासित करने के साथ-साथ कांग्रेस से भी बाहर निकालने की मांग की। सिख नरसंहार मामले में कई गवाह हैं, जिन्होंने मुख्य आरोपी जगदीश टाइटलर को लेकर एफिडेविट दे रखे हैं। इतने सारे सबूत होने के बावजूद जगदीश टाइटलर को इस तरह सम्मान देना कांग्रेस की घोर बेशर्मी है। सिखों के जख्मों पर बार-बार नमक छिड़कने की कोशिशें बंद होनी चाहिए।
जरनैल सिंह ने अंत में कहा कि अगर आपके पड़ोसी पर हमला हो रहा है और आप शांत बैठे हैं तो अगला नंबर आपका है। इस देश के अंदर अमन-शांति की जरूरत है।