*ग्लासगो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार-90% से अधिक पैरेंट्स ने माना दिल्ली सरकार के स्कूलों में उनके बच्चों के भविष्य की बेहतर नींव डाली जा रही है
*80% माता-पिता दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की गुणवत्ता और स्कूल प्रबंधन से संतुष्ट हैं; 87% अभिभावकों ने कहा कि शिक्षक का प्रदर्शन सराहनीय है
*स्टडी में 79.9% पैरेंट्स ने माना कि स्कूल में पढ़ाने का स्तर बहुत अच्छा है और उनके बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है
*94.84% पैरेंट्स स्कूल में साफ़ सफ़ाई को लेकर संतुष्ट
*92% पैरेंट्स ने माना स्कूल में उनके बच्चों को बेहतर टीचिंग मटेरियल मिल रहा है; क्लासरूम की क्वालिटी से भी 96.78% पैरेंट्स संतुष्ट
*रिपोर्ट में कहा गया है- स्कूली स्तर पर दिल्ली सरकार द्वारा पैरेंट्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए शुरू किए गए पहलों ने माता-पिता को घर पर अपने बच्चों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने में मदद की है
*मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की पैरेंटल एंगेजमेंट पहल को दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में मान्यता मिल रही है- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
*विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों द्वारा इस तरह के स्टडी से हमें खुद का आकलन करने,अपने स्कूलों में बच्चों के लिए सीखने का शानदार माहौल बनाने में सहायता मिलती है-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
*ग्लासगो यूनिवर्सिटी के साथ इस स्टडी में किंग्स कॉलेज लंदन और नीदरलैंड्स की टिलबर्ग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स भी शामिल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवालके नेतृत्व में दिल्ली का शिक्षा मॉडल हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्व के टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल ‘ग्लासगो यूनिवर्सिटी’ के एडम स्मिथ बिज़नेस स्कूल द्वारा केजरीवाल सरकार के स्कूलों में ‘पैरेंटल इंगेजमेंट’ पर की गई स्टडी के शानदार नतीजे इसकी उदाहरण है। यूनिवर्सिटी द्वारा की गई स्टडी के अनुसार, दिल्ली सरकार के स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले 90% से अधिक पैरेंट्स का मानना है कि
वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और मानते है कि यहाँ उनके बच्चों के भविष्य की बेहतर नींव डाली जा रही है।
स्टडी में 90.51% अभिभावकों ने माना कि दिल्ली सरकार के स्कूल अच्छा काम कर रहे हैं और 90.71% अभिभावकों ने माना है कि स्कूलों में शिक्षक छात्रों का ध्यान रखते हैं। इन निष्कर्षों को ग्लासगो विश्वविद्यालय ने सोमवार को आयोजित एक बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा किया। यूनिवर्सिटी की नवीनतम स्टडी ‘पैरेंट्स सेटिस्फ़ैक्शन इंडेक्स’ केजरीवाल सरकार के स्कूलों में पैरेंट्स को स्कूलों से जोड़ने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए चल रहे विभिन्न पहलों पर केंद्रित है।
स्टडी में यह भी बताया गया है कि लगभग 90% माता-पिता इस बात से सहमत हैं कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाध्यापक अपनी जिम्मेदारियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। लगभग 80% माता-पिता शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन की गुणवत्ता से संतुष्ट हैं। 87% अभिभावकों ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों का प्रदर्शन असाधारण है।
स्टडी में ये भी साझा किया गया है कि 79.9% पैरेंट्स ने माना है कि स्कूल में पढ़ाने का स्तर बहुत अच्छा है और उनके बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है।
स्टडी में स्कूल में मौजूद सुविधाओं को लेकर क्या है पैरेंट्स के विचार
91% पैरेंट्स स्कूल में पानी की उपलब्धता के लिए संतुष्ट है। 94.84% पैरेंट्स स्कूल में साफ़ सफ़ाई को लेकर संतुष्ट है। 92% पैरेंट्स का मानना है कि स्कूल में उनके बच्चों को बेहतर टीचिंग मटेरियल मिलता है। क्लासरूम की क्वालिटी से भी 96.78% पैरेंट्स संतुष्ट है।
बता दें कि ये स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो, टिलबर्ग यूनिवर्सिटी और किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने की थी। स्टडी मई से जुलाई 2022 के बीच की गई। जिसमें दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों के 2886 पैरेंट्स के साथ चर्चा की गई।
इन बिंदुओं पर फोकस है स्टडी:
-सेटिस्फ़ेक्शन इंडेक्स
~स्कूल प्रबंधन को लेकर संतुष्टि का स्तर
~स्कूल में मौजूद सुविधाओं को लेकर संतुष्टि का स्तर
~पैरेंट्स संवाद प्रोग्राम को लेकर संतुष्टि का स्तर
-पैरेंट्स का सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को लेकर नज़रिया
-पैरेंट्स में जागरूकता
-स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को लेकर फीडबैक
-पैरेंट्स संवाद कार्यक्रम को लेकर नज़रिया
-बच्चों के लर्निंग की लेकर घर में पैरेंटल इंगेजमेंट
-व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर पैरेंटल मोब्लाइज़ेशन
ग्लासगो विश्वविद्यालय द्वारा किए गए स्टडी के निष्कर्षों को साझा करते हुए, उपमुख्यमंत्री ने कहा, बच्चों के शिक्षा और सर्वांगीण विकास में माता-पिता की भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की टीम एजुकेशन लगातार इस दिशा में काम कर रही है। स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), मेगा पीटीएम और पेरेंट्स संवाद जैसे विभिन्न अनूठे कार्यक्रमों के साथ, दिल्ली सरकार के स्कूल अपने छात्रों के सीखने के क्रम में माता-पिता की भागीदारी को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षा मॉडल पर विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों द्वारा इस तरह के स्टडी से हमें खुद का आकलन करने,अपने स्कूलों में बच्चों के लिए सीखने का शानदार माहौल बनाने में सहायता मिलती है।
श्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, “यह गर्व की बात है कि विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय अब हमारे दिल्ली सरकार के स्कूलों में माता-पिता के इंगेजमेंट के मॉडल का अध्ययन करने में रुचि रखते हैं। इससे पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने दिल्ली सरकार के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मॉडल का स्टडी किया था। ग्लासगो विश्वविद्यालय के नवीनतम अध्ययन में यह भी कहा गया है कि स्कूल स्तर पर माता-पिता को जोड़ने की हमारी पहल ने माता-पिता को घर पर अपने बच्चों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने में मदद की है। भविष्य में, हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों के बेहतरी के लिए इस तरह के और स्टडी कराने का लक्ष्य रखते हैं।
केजरीवाल सरकार की पैरेंट्स को स्कूलों से जोड़ने की विभिन्न पहलें क्या हैं
-> विद्यालय प्रबंधन समिति(SMC)
एसएमसी दिल्ली की शिक्षा क्रांति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। 2015 से पहले तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स की साझेदारी न के बराबर थी। केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने के बाद पैरेंट्स को स्कूलों से जोड़ने का काम किया गया। एसएमसी के माध्यम से आज दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में पैरेंट्स स्कूलों की बेहतरी के लिए निर्णय ले सकते है और एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर के रूप में काम कर रहे है।
-> मेगा पीटीएम
मेगा पैरेंट टीचर मीटिंग दिल्ली सरकार का प्रयास है कि माता-पिता अपने बच्चे की शिक्षा में भागीदारी सुनिश्चित करें। ये शिक्षकों और पैरेंट्स के लिए बच्चों की पढ़ाई व उनके वेल-बींग के लिए बातचीत करने का मंच प्रदान करता है। इसे 2016 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लॉन्च किया गया था।
-> पैरेंट्स संवाद
दिल्ली सरकार की यह पहल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को स्कूल प्रबंधन से जोड़ती है ताकि वे स्कूलों के साथ-साथ घर में भी बच्चों को सीखने का अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए मिलकर काम कर सकें। यह दुनिया भर में स्कूल स्तर पर अपनी तरह का अनूठा माता-पिता आउटरीच कार्यक्रम है जो 18 लाख छात्रों के अभिभावकों को सीधे दिल्ली सरकार के स्कूलों से जोड़ने का काम किया है।