अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ हुआ,कार्टेल के तीन सक्रिय सदस्यों को दिल्ली/एनसीआर से गिरफ्तार किया गया

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• गिरफ्तार किए गए तीन दवा आपूर्तिकर्ता अफ्रीकी मूल के हैं यानी दो नाइजीरिया से और एक कोटे-डी-आइवर से।
• दिल्ली और नोएडा से 14.5 किलो मेथाक्वलोन और मादक पदार्थों की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाली एक कार बरामद।
• कार्टेल के सदस्य ग्रेटर नोएडा की एक पॉश कॉलोनी में एक घर में ड्रग्स स्टोर करते थे.
बरामद मेथक्वलोन का मूल्य रुपये से अधिक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60 करोड़ रु.
एसीपी श्री के नेतृत्व में स्पेशल सेल / एसआर की टीम। अत्तर सिंह, इंसप्र. रणजीत सिंह, इंसप्र. संजीव कुमार व इंस्प्र. सतविंदर सिंह श्री के करीबी पर्यवेक्षण के तहत। डीसीपी/एसआर आलोक कुमार ने कार्टेल के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार करके एक अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है।

गिरफ्तार मादक पदार्थ आपूर्तिकर्ता हैं:-

  1. नममानी अहुकाजुडे (उम्र 44 वर्ष) निवासी निलोठी एक्सटेंशन। चंदर विहार, नई दिल्ली (एक नाइजीरियाई नागरिक)।
  2. फ्रेंक ओउमरलब्राहिम (उम्र 40 वर्ष) निवासी ग्रेटर नोएडा, यूपी (एक कोटे डी आइवर राष्ट्रीय)।
  3. चिनजी (34 वर्ष) निवासी ग्रेटर नोएडा, यूपी। (नाइजीरियाई नागरिक)
    ड्रग कार्टेल के उपरोक्त तीन सदस्यों की गिरफ्तारी से, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा, यूपी से 14.5 किलोग्राम मेथाक्वालोन बरामद किया गया है। बरामद मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक लाख रुपये से अधिक है। 60 करोड़।

सूचना और संचालन:

दिल्ली/एनसीआर से देश के कुछ हिस्सों में मादक पदार्थों की तस्करी में अफ्रीकी मूल के कई दिल्ली स्थित व्यक्तियों के लिप्त होने के बारे में विशेष प्रकोष्ठ/एसआर के पास जानकारी थी। यह जानकारी विकसित की गई और दिल्ली/एनसीआर में इस ड्रग कार्टेल के सदस्यों की पहचान की गई। स्पेशल सेल को दिनांक 04.03.2023 को धौला कुआं-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप के पास 04 और 05/03-2023 की दरम्यानी रात 11.15 बजे से 12.15 बजे के बीच मेथाक्वलोन की खेप के साथ एक नाइजीरियाई नागरिक के आने की विशेष सूचना प्राप्त हुई थी। उसके संपर्क को खेप पहुंचाने के लिए। तदनुसार, Inspr के नेतृत्व में एक छापा मारने वाली पार्टी। रणजीत सिंह में एसआई बलराज, एचसी देवेंद्र, एचसी अमित, एचसी नवीन, एचसी अनिल, एचसी हरविंदर आदि को शामिल कर पेट्रोल पंप के ऊपर जाल बिछाया गया।

रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर धौला कुआं की तरफ से ट्रॉली बैग के साथ नममानी अहुकाजुदे पैदल आता दिखाई दिया और वह दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर मेट्रो पिलर 99 के पास रुक गया। 05 मिनट तक इंतजार करने के बाद वह आगे बढ़ने लगा और टीम के सदस्यों ने उसे घेर लिया और पकड़ लिया। उसके ट्रॉली बैग की तलाशी ली गई और 4.680 किलोग्राम मेथाक्वलोन को गत्ते के बक्सों में छुपाकर बैग में रखे कपड़े से लपेटा हुआ पाया गया, जिसे जब्त कर लिया गया। इस संबंध में थाना विशेष प्रकोष्ठ में एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और जांच शुरू की गई थी।

गिरफ्तार अभियुक्त नममानी अहुकाजुदे ने खुलासा किया कि वह दिल्ली/एनसीआर में अफ्रीकी मूल के व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे ड्रग कार्टेल का सदस्य था। उसने यह भी खुलासा किया कि बरामद ड्रग्स को उसने ग्रेटर नोएडा में रहने वाले कोटे-डी-आइवर के एक फ्रैंक ओमरलब्राहिम से खरीदा था। फ्रैंक, कोरोला एल्टिस कार चला रहा था, उसे 05/03/2023 को माता चन्नन देवी अस्पताल, जनकपुरी के पास ननमनी अहुकाजुदे के कहने पर पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसकी कार की डिक्की से 8 किलो मेथाक्वलोन बरामद किया गया। फ्रेंक ने खुलासा किया कि उसे ड्रग की खेप ग्रेटर नोएडा के एक अन्य ड्रग सप्लायर चिनजी से मिली थी, जो एक नाइजीरियाई नागरिक है।

मामले की आगे की जांच के दौरान, चिनजी को 06/03/2023 को ओएनजीसी बिल्डिंग, वसंत कुंज, नई दिल्ली के बाहर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 1.250 किलो मेथाक्वलोन बरामद किया गया। उसके किराए के घर, ग्रेटर नोएडा, यूपी की तलाशी ली गई और वहां से 570 ग्राम मेथाक्वलोन बरामद किया गया। गिरफ्तार किए गए तीन ड्रग सप्लायर्स से मेथाक्वलोन की कुल बरामदगी अब 14.5 किलोग्राम है।

पृष्ठभूमि और आपराधिक इतिहास:

गिरफ्तार तीन नशा तस्करों से गहन पूछताछ की गई। उन्होंने खुलासा किया कि वे ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी मूल के एक व्यक्ति से मेथक्वलोन की खेप प्राप्त करेंगे। ये ज्यादातर दिल्ली के आईएनए मार्केट, वसंत कुंज मॉल, सी-1 जनक पुरी और विकासपुरी इलाके में ड्रग्स का लेन-देन करते थे। गिरफ्तार तीनों ने अपने वाहक के माध्यम से दिल्ली/एनसीआर से बेंगलुरु और मुंबई में ड्रग्स भेजने का भी खुलासा किया है। उनका काम करने का तरीका यह है कि वे अपने कैरियर्स को अहमदाबाद के माध्यम से केवल लंबे रूट की बसों द्वारा बैंगलोर भेजते हैं, जो वे धौला कुआँ, दिल्ली में सवार होते हैं। वाहक अपने बैग की गुप्त गुहाओं में ड्रग्स ले जाते हैं। ड्रग्स के कब्जे में होने पर वे कभी भी ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा नहीं करते हैं। खेप पहुंचाने के बाद वाहक हवाई मार्ग से दिल्ली लौटते हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि वे दो साल से अधिक समय से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त थे।

तीनों गिरफ्तार ड्रग सप्लायर वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। नममानी अहुकाजुदे ने खुलासा किया है कि वह मार्च 2022 में छह महीने के पर्यटक वीजा पर भारत आया था, लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अपने देश नहीं लौटा। उसके पास से बरामद पासपोर्ट पर दो फर्जी वीजा स्टीकर भी लगे हैं क्योंकि मार्च 2022 में उसके आने के बाद भारत से कोई रवानगी नहीं है। उसने खुद स्वीकार किया है कि उसके पासपोर्ट पर लगे दो वीजा स्टीकर और इमिग्रेशन स्टैंप जाली हैं।

फ्रैंक ने खुलासा किया है कि वह छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर जनवरी 2022 में भारत आया था, लेकिन वीजा खत्म होने के बाद भी वह अपने देश कोटे-डी-आइवर नहीं लौटा। उसके पास से आरोपी फ़्रैंक ओमरलब्राहिम के नाम का एक फ़र्ज़ी पासपोर्ट बरामद किया गया है, जिसकी तस्वीर कथित तौर पर कोटे डी आइवर से जारी की गई है। उक्त पासपोर्ट पर भारत का फर्जी वीजा स्टीकर और फर्जी इमीग्रेशन स्टांप लगा हुआ है। उसने यह भी स्वीकार किया है कि पासपोर्ट और वीजा स्टीकर फर्जी हैं।

चिनजी ने खुलासा किया है कि वह जनवरी 2018 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। हालांकि, उसके बाद वह अपने देश नाइजीरिया नहीं लौटा और तब से अवैध रूप से भारत में रह रहा है। घाना से कथित तौर पर कोफी क्वामी माजिद के नाम से जारी किया गया एक फर्जी पासपोर्ट उसके पास से बरामद किया गया है, जिसमें चिनजी की तस्वीर है। उक्त फर्जी पासपोर्ट में भारत के दो फर्जी वीजा स्टिकर और विभिन्न नकली आव्रजन टिकट हैं। आरोपी ने स्वीकार किया है कि उक्त पासपोर्ट, वीजा स्टिकर और इमिग्रेशन स्टाम्प फर्जी हैं।

उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि ये फर्जी पासपोर्ट, वीजा स्टिकर और इमिग्रेशन स्टांप उन्होंने अपने दिल्ली स्थित नाइजीरियाई सहयोगी के जरिए हासिल किए थे। इन तीनों अभियुक्तों द्वारा भारत में अवैध रूप से रहने के तथ्यों को देखते हुए, उन पर आईपीसी के तहत विदेशी अधिनियम के उल्लंघन और धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, जालसाजी, जाली दस्तावेजों को तैयार करने और रखने के अन्य अपराधों के लिए भी मामला दर्ज किया गया है।

ड्रग कार्टेल के शेष सदस्यों की पहचान/गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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