भाजपा द्वारा शराब नीति लागू करने पर मौन समर्थन देने के बाद राष्ट्रपिता की समाधि राजघाट पर विरोध करते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का इस्तीफा मांग कर आडंबर रच रहे है। – चौ0 अनिल कुमार

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*केजरीवाल सरकार द्वारा मंत्रियों और विधायकों की वेतन वृद्धि पर भाजपा पूरी तरह मौन रहना वेतन वृद्धि पर मौन समर्थन है।- चौ0 अनिल कुमार

 दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजघाट पर मौन व्रत करना कोई नई प्रक्रिया नही है, इससे पहले जब अरविन्द केजरीवाल के देखरेख में नई शराब नीति लागू हुई थी उस वक्त भी भाजपा ने आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने की कार्यवाही पर मौन समर्थन दिया था और अब केजरीवाल सरकार द्वारा विधायकों के वेतन में 66 प्रतिशत की वृद्धि पर भी मौन समर्थन दे दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराब घोटाले को उजागर करने में सर्वप्रथम दिल्ली कांग्रेस ने आवाज उठाई थी जिसके लिए हमने उपराज्यपाल के सम्मुख सबूतों के साथ ज्ञापन देकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसका श्रेय भाजपा लेने का प्रयास कर रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि महात्मा के चरणों में भाजपा मौन व्रत करके आखिर साबित क्या करना चाहती है जबकि शराब घोटाला भाजपा की मिलीभगत से हुआ है। कोविड काल के दौरान जिस समय नई शराब नीति को लागू किया गया उस वक्त दिल्ली के सातों सांसद, आठ विधायक और दिल्ली के तीनों मेयरों ने अरविन्द केजरीवाल द्वारा लागू शराब नीति के खिलाफ एक शब्द नही बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा से पूछना चाहती है अब जब शराब नीति की सच्चाई पूरी दिल्ली जान चुकी है, भाजपा नेता यह आडंबर क्यों कर रहे है?

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि शराब घोटाले पर कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही विपक्ष की भूमिका निभाते हुए शराब के ठेको के सामने विरोध प्रदर्शन किए और हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार और दलाली का पर्दाफाश करके दिल्ली वालों के सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रयासों के कारण ही सीबीआई जांच और ई.डी. की कार्यवाही के चलते आज केजरीवाल मंत्रीमंडल के दो मंत्री जेल में है। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले में मुख्यमंत्री की संलिप्तता और जांच में सामने आए सबूतों के आधार पर अरविन्द केजरीवाल नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में विधायकों की 66 प्रतिशत वेतन में वृद्धि पर भी भाजपा नेता केजरीवाल के निर्णय का मौन समर्थन दे रहे है। उन्हांेने कहा कि बढ़ती महंगाई और रिकॉडतोड़ बेरोजगारी पर भाजपा केजरीवाल सरकार का विरोध न करके दिल्ली सरकार के दिल्ली विरोधी निर्णयों के साथ खड़ी है। जिससे साबित होता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा के मौन समर्थन से चल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लाखों युवाओं को रोजगार देने की बजाय अरविन्द केजरीवाल अपने विधायकों के वेतन में वृद्धि कर रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को विधायकों का वेतन बढ़ाने की जग कर्मचारियों के वेतन, भत्तों में वृद्धि करने की घोषणा करनी चाहिए ताकि दिल्ली की जनता को बढ़ती महंगाई, पेट्रोल, डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों से राहत मिल सके।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि एक तरफ अरविन्द केजरीवाल जिन्होंने दिल्ली में विकास का रोक दिया है वहीं पिछले 9 वर्षों में भाजपा विपक्ष में होने पर भी दिल्ली के विकास पर कोई चर्चा नही करती है। 20 लाख रोजगार देने का वादा करने वाले पूर्व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में है और देश की राजधानी में युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए केजरीवाल के पास कोई दूर्दर्शी योजना नही है परिणाम दिल्ली बेरोजगारी में नम्बर वन गई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल यह जानते है कि जिन विधायकों को उन्होंने मंत्री बनाया है और कैलाश गहलोट जांच के आगे बढ़ने पर जेल जाऐंगे परंतु दिल्ली वालों को भ्रम में रखने की उनकी कोशिश जारी है इसलिए वे प्रतिदिन नई-नई घोषणायेँ करते है फिर चाहे उन्होंने 9 वर्षों के शासन में एक भी घोषणा को पूरा नही किया हो।

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