जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। राहुल जी का स्वागत है। हमारे साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, डॉ. अभिषेक सिंघवी जी औरहमारे संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल जी मौजूद हैं। मैं राहुल जी से गुजारिश करुंगा कि वो पहले आपको संबोधित करेंगे, बाद में आपके सवाललेंगे।
राहुल गांधी ने कहा – नमस्कार। मैंने आप सबसे काफी बार बोला है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है और इसके हमें हर रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं। सवाल मैंने एक ही पूछा था, फाउंडेशन पर जाता हूं,अडानी जी की शैल कंपनी हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपए किसी ने इनवेस्ट किया। अडानी जी का पैसा नहीं है। अडानी जी का इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस हैं, पैसा किसी और का है। सवाल ये है कि ये जो 20 हजार करोड़ रुपए हैं, येकिसके हैं?
मैंने पार्लियामेंट हाउस में प्रूफ देकर, जो मीडिया रिपोर्ट से मैंने निकाला, अडानी जी और नरेंद्र मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल में बोला। रिश्ता नया नहीं है, रिश्ता पुराना है। जब नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तबसेरिश्ता है और उसके बहुत सारे पब्लिक प्रूव्स हैं। हवाई जहाज मैं मैंने फोटो दिखाई, नरेन्द्र मोदी जी बड़े कंफर्ट में बैठे हुए थे अपने दोस्त, अपने मित्र के साथ। पार्लियामेंट में मैंने दिखाई, ये सवाल मैंने पूछा।
फिर मेरी स्पीच को एक्सपंज किया गया। मैंने स्पीकर को डीटेल्ड चिट्ठी लिखी, प्वाइंट बाय प्वाइंट, मैंने कहा कि एयरपोर्ट्स अडानी जी को रूल बदल कर दिए गए हैं। ये लीजिए रूल की कॉपी, इसको बदला गया है। चिट्ठी लिखी, कोई फर्क नहीं पड़ा।
फिर मेरे बारे में मंत्रियों ने पार्लियामेंट में झूठ बोला। बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी। मैंने ऐसी कोई बात नहीं की है। मैंने कहा स्पीकर से, मैंने जाकर कहा स्पीकर सर, पार्लियामेंट का नियम है कि अगर किसी मेंबर पर कोई एक्यूजेशन लगाता है, तो उस मेंबर को जवाब देने का हक होता है। मैंने एक चिट्ठी लिखी। उस चिट्ठी का जवाब नहीं आया। दूसरी चिट्ठी लिखी, उस चिट्ठी का जवाब नहीं आया। मैं स्पीकर के चेंबर में गया। मैंने स्पीकर सर से कहा, स्पीकर सर, ये कानून है, ये रूल है, इन्होंने झूठा आरोप लगाया है, मुझे आप बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं? स्पीकर सर मुस्कुराते हैं, कहते हैं, मैं नहीं कर सकता और फिर उसके बाद आपसबने देखा कि क्या हुआ।
सवाल पूछना मैं बंद नहीं करुंगा। नरेंद्र मोदी जी का अडानी के साथ क्या रिश्ता है और 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं?
मैं पूछते जाऊंगा, मुझे कोई डर नहीं लगता है इन लोगों से और अगर ये सोचें कि मुझे डिस्क्वालिफाई करके, धमका के, जेल में डाल कर मुझे बंद कर सकते हैं, नहीं, मेरी वो हिस्ट्री नहीं है। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। किसी चीज से नहीं डरता हूं। ये सच्चाई है।
एक प्रश्न पर कि आप शहीदों के परिवार से आते हैं, आपकी दादी भी संसद से डिस्क्वालिफाई हुईं, जनता के बीच गईं और सत्ता में वापस आईं, क्या श्री राहुल गांधी भी जनता के बीच में जाएंगे और वही वापसी फिर से करेंगे? श्री राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में साढ़े चार महीने जनता के बीच में रहे और वो मेरा काम है, वो मैं करता जाऊंगा। आज के हिन्दुस्तान में जो पहले राजनीतिक पार्टियों को सपोर्ट मिलती थी, मीडिया से मिलती थी, बाकी इंस्टीट्यूशन्स से मिलती थी, वो नहीं मिलती है। तो अपोजिशन की पार्टीज़ को एक ही रास्ता है, जनता के बीच में जाने का।
एक अन्य प्रश्न पर कि भारतीय जनता पार्टी ने आप पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगाया है, इस पर आप क्या जवाब देना चाहेंगे भारतीय जनता पार्टी को? श्री गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में आप मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए मैं वहां कह रहा हूं सब समाज एक हैं, सबको एक साथ चलना चाहिए, भाईचारा होना चाहिए, नफरत नहीं होनी चाहिए, हिंसा नहीं होनी चाहिए तो मेरी पोजिशन बिल्कुल क्लीयर है। ये ओबीसी का मामला नहीं है, ये नरेन्द्र मोदी जी और अडानी जी के रिश्ते का मामला है, 20,000 करोड़ रुपए जो अडानी जी को पता नहीं कहां से मिले, उसके बारे में सवाल पूछ रहा हूं और उसका जवाब चाहिए। बीजेपी ध्यान को भटकाने की कोशिश करती है कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी, कभी कुछ और बात करेगी, कभी डिस्क्वालिफिकेशन की बात करेगी, मगर सवाल यही है 20,000 करोड़ रुपए, 3 बिलियन डॉलर्स किसका था? और वो अडानी का पैसा नहीं हो सकता।
एक अन्य प्रश्न पर कि आपने कहा कि आप डरते नहीं हैं, लेकिन स्टेट के टारगेट पर हैं और स्टेट आपके खिलाफ है, पूरी स्टेट, पूरी सरकारी मशीनरी आपके खिलाफ है, ऐसे में आपके सामने चैलेंजबहुत बड़ा है तो रास्ता क्या है, रणनीति क्या है? श्री गांधी ने कहा कि चाहे स्टेट हो, चाहे कुछ भी हो, मैं सच्चाई को देखता हूं, मुझे और किसी चीज में इंटरेस्ट नहीं है, मैं सच्चाई बोलता हूं। राजनीति में ये फेशनेबल बात नहीं है, मगर ये बात मेरे खून में है, मैं और कोई रास्ता निकाल ही नहीं सकता हूं। तो मेरा काम ये है, ये मेरी तपस्या है,जीवन की तपस्या है उसको मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे डिस्क्वालिफाई करें, मारें, पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है। इस देश ने मुझे सबकुछ दिया है, प्यार दिया है, इज्जत दी है, इसलिए मैं ये करता हूं।
एक अन्य प्रश्न पर कि बीजेपी के जो लीडर्स आप पर अटैक कर रहे हैं उस पर आप क्या कहेंगे? और आप अपनी कॉन्स्टिट्युएंसी वायनाड के लोगों को क्या कहना चाहेंगे? श्री गांधी ने कहा कि मैंने सोचा है कि मैं अपनी… देखिए मैंने कॉन्स्टिट्युएंसी में भी बोला कि वायनाड के लोगों के साथ मेरा परिवारिक रिश्ता है, फैमिली प्यार का रिश्ता है तो मैंने सोचा कि मैं वायनाड के लोगों के लिए अपनी एक चिट्ठी लिखूं, उनके लिए कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है? तो वो तो मैं रिजॉल्व कर दूंगा। बीजेपी के नेताओं का काम यही है, वो सब नरेन्द्र मोदी जी से डरते हैं, कारण आप जानते हो। नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि देखिए ध्यान हटाना है। वो सब जानते है अडानी जी और नरेन्द्र मादी जी का रिश्ता, सारे के सारे जानते हैं, क्या रिश्ता है सब जानते हैं, मगर डरते हैं। तो अगर नरेन्द्र मोदी जी ने उनसे कहा कि ध्यान उधर करो, ध्यान उधर करेंगे। मगर सवाल यही है 20,000 करोड़ रुपए किसके हैं?
एक अन्य प्रश्न पर कि पूरी कांग्रेस पार्टी ये कह रही है कि चाहे वो गुजरात की कोर्ट ने आपको सजा सुनाई या आपका निलंबन हुआ ये सबकुछ केन्द्र सरकार, प्रधानमंत्री के इशारे पर हो रहा है, लेकिन बीजेपी कह रही है कि कानून ने अपना काम किया है तो जो ये दलील है कि कानून ने आपको सजा दी है और उसी की वजह से आपका निलंबन भी हुआ है तो इस पर आप क्या कहेंगे? श्री गांधी ने कहा कि लीगल मैटर है, मैं हिन्दुस्तान के लीगल सिस्टम की रेस्पेक्ट करता हूं, मैं लीगल मैटर पर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से बात नहीं करना चाहता हूं। अगर आपके लीगल सवाल होंगे तो आप हमारी लीगल टीम से पूछ लीजिए।
एक अन्य प्रश्न पर कि सदस्यता आपकी रद्द हुई तो उसके बाद बहुत सारे ऐसे विपक्षी दल, जो अभी तक कांग्रेस से दूरी बनाकर चलते थे वो भी आपके समर्थन में आए तो आपको क्या लगता है अब वो समय आ गया है जब सारे विपक्ष को एकजुट हो जाना चाहिए? श्री गांधी ने कहा कि मैं उन सबका, सब विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने इस बात में हमारा सपोर्ट किया और हम सब मिलकर काम करेंगे।
एक अन्य प्रश्न पर कि जिस बयान को लेकर आपको ये सजा सुनाई गई है, क्या आपको लगता है, आपको अफसोस है उस बयान को लेकर, क्या कहेंगे उस बयान पर आप? श्री गांधी ने कहा कि अभी ये लीगल डिस्कशन है, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं क्योंकि ये कोर्ट में मामला है। मगर मैं जो भी सवाल उठाता हूं वो सोच-समझकर उठाता हूं।
एक अन्य प्रश्न पर कि अगर ऊपरी अदालत से आपको स्टे मिलता है, तो आपको उम्मीद है कि लोकसभा स्पीकर आपकी सदस्यता को बहाल कर देंगे? श्री गांधी ने कहा कि मुझे उम्मीद में कोई इंट्रेस्ट ही नहीं है, चाहे मुझे सदस्यता मिले, न मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे परमानेन्टली डिस्क्वालिफाई कर दें तो भी मैं अपना काम करूंगा, अगर मुझे रिइन्स्टेट कर दें तो भी मैं अपना काम करूंगा, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं पार्लियामेंट के अंदर हूं या बाहर हूं, कहां हूं। मैंने आपसे कहा मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसको करके दिखाऊँगा, आपके लिए नहीं, अपने लिए।
वायनाड से अगले प्रत्याशी के बारे में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री गांधी ने कहा कि It is not upto me, It is up to the Congress President, कौन जाएंगे.
एक अन्य प्रश्न पर कि आपके यहां बैठे दोनो मुख्यमंत्रियों के राज्यों के साथ जो भी बिजनेस चल रहा है, वो बिजनेस रोका जाएगा, क्या? श्री गांधी ने कहा कि सिंपल सी बात है, आप डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश मत कीजिए। 20,000 करोड़ रुपए अडानी जी की शेल कंपनीज में कहां से आए। आप एंक्वायरी कीजिए, अगर बात निकली की हमारे चीफ मिनिस्टर का पैसा है, तो इनको जेल में डाल दीजिए, अगर बात निकली तो किसी और का पैसा है, तो उसको जेल में डालिए।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री गांधी ने कहा कि आप लोकतंत्र को समझिए। ये जो पैनिक रिएक्शन इन्होंने किया है, नरेन्द्र मोदी जी ने इससे सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा विपक्ष को, ये इन्होंने हमें हथियार पकड़ा दिया है। ये आप बात समझिए, ये मोदी जी पैनिक में आ गए कि बात निकल जाएगी- ये 20,000 करोड़ रुपए किसके हैं? डर गए, घबरा गए, इन्होंने पूरा सीक्वल ही शुरू कर दिया। ये विपक्ष को सबसे बड़ा इन्होंने हथियार दिया है क्योंकि जनता के माइन्ड में अब एक सवाल आ गया है कि जनता जानती है कि अडानी जी भ्रष्ट व्यक्ति हैं, अब जनता के माइन्ड में ये सवाल उठा है कि इस भ्रष्ट व्यक्ति को हिन्दुस्तान का प्रधानमंत्री क्यों बचा रहा है? ये मतलब, अब सभी बीजेपी के लोग, नरेन्द्र मोदी जी,सभी इस व्यक्ति को बचाने के लिए क्यों लगे हैं?
दूसरा सवाल – बीजेपी के लोगों ने कहा कि अडानी पर आक्रमण, देश पर आक्रमण है। मतलब इनके माइन्ड में देश अडानी है, और अडानी देश है। बात समझिए।
एक अन्य प्रश्न पर कि आपके केस मेंमैक्सिमम पनिशमेंट आपके लिए मुकरर्र की गई, इसके पीछे क्या कहना है आपका,श्री गांधी ने कहा कि वही मैंने कहा, अगर डिस्ट्रैक्शन करना है, डिस्ट्रैक्शन करना है, मैक्सिमम पनिशमेंट की तो जरूरत है, मिनिमम पनिशमेंट से बात थोड़ी बनेगी। मैं तो सोच रहा था भईया 5 साल होते, 7 साल होते, 10 साल होते वो भी मिल जाता, मुझे क्या फर्क पड़ रहा है।
एक अन्य प्रश्न पर कि बीजेपी के लोग बार-बार ये बात कहते हैं कि श्री राहुल गांधी माफी मांग लेते, तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं? श्री गांधी ने कहा कि राहुल गांधी सोचता है मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता और मैंने कहा, पार्लियामेंट हाऊस में कहा कि मुझे बोलने दीजिए न, एक बार तो बोलने दीजिए, दो बार चिट्ठी लिखी, तीसरी बार मैं पर्सनली स्पीकर को जाकर कहता हूं, स्पीकर साहब, प्लीज आप डेमोक्रसी के लोकतंत्र के आप प्रोटेक्टर हैं, मुझे बोलने दीजिए। मुस्कुराकर कहते हैं भईया मैं तो नहीं कर सकता, आप नहीं कर सकते तो कौन कर सकता है? शायद मुझे जाकर मोदी जी से पूछना पड़े, वो तो करने नहीं देंगे। तो मेरा जो प्वाईंट है कि इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है, इस देश के लोग जो इनके दिल में हैं, हमारे दिल में है बोल नहीं सकते हैं, इस देश के इंस्टीट्यूशन्स पर आक्रमण हो रहा है और उस आक्रमण का मैकेनिज्म क्या है – उस आक्रमण का मैकेनिज्म नरेन्द्र मोदी जी और अडानी जी का रिश्ता है, वो फाउंडेशन है। मै नरेंन्द्र मोदी जी पर सवाल नहीं पूछ रहा हूं, मैं अडानी जी पर सवाल पूछ रहा हूं। बीजेपी अडानी जी को क्यों प्रोटेक्ट कर रही है, आप नरेन्द्र मोदी जी को प्रोटेक्ट कीजिए। मैं अडानी जी पर पूछ रहा हूं, आप अडानी जी को क्यों प्रोटेक्ट कर रहे हो – आप इसलिए अडानी जी को प्रोटेक्ट कर रहे हो, क्योंकि आप ही अडानी हो।