दिल्ली में 80 फीसदी तक नालों की डी-सिल्टिंग का काम पूरा, मेयर ने 28 जून की डेडलाइन की तय

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  • दिल्ली नगर निगम से जुड़े सभी नालों की सफाई का कार्य हर हाल में 28 जून तक पूरा कर लिया जाए- डॉ शैली ओबरॉय
  • दिल्ली को जलभराव से बचाने के लिए जोन स्तर पर गंभीरता से काम किया जाए, सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें- डॉ शैली ओबरॉय
  • सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत एमसीडी दिल्ली वासियों के लिए दिन रात काम कर रही है, इसके सकारात्मक परिणाम जल्द लोगों को देखने को मिलेंगे- डॉ शैली ओबरॉय

दिल्ली में मानसून से पूर्व नालों की सफाई का काम एमसीडी तेजी से कर रही है। दिल्ली में 80 फीसदी तक नालों की डी-सिल्टिंग का काम पूरा कर लिया गया है। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने अब 28 जून की डेडलाइन तय कर दी है। मेयर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम से जुड़े सभी नालों की सफाई का कार्य हर हाल में 28 जून तक पूरा कर लिया जाए। दिल्ली को जलभराव से बचाने के लिए जोन स्तर पर गंभीरता से काम किया जाए। सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत एमसीडी दिल्ली वासियों के लिए दिन रात काम कर रही है। इसके सकारात्मक परिणाम जल्द लोगों को देखने को मिलेंगे।

दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा को लेकर आज उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने मेयर को नालों से गाद निकाले जाने के कार्य की प्रगति से अवगत कराया। दिल्ली नगर निगम द्वारा छोटे नालों से गाद निकाले जाने का कार्य 80 फीसदी से अधिक पूरा कर लिया गया है। वहीं, बड़े नालों से गाद निकाले जाने का कार्य लगभग 68 फीसदी पूरा हो गया है। निगम के 12 जोन में से 10 जोन में नालों की सफाई का कार्य 90 फीसदी से अधिक हो चुका है। जलभराव की स्थिति में पानी की निकासी के लिए संवेदनशील स्थानों पर 500 से अधिक पंप लगाए गए हैं। दिल्ली नगर निगम किसी भी जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

बैठक के दौरान मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने अति संवेदनशील गोकलपुर ड्रेन की गाद निकासी और रानीखेड़ा में जलभराव रोकने के संबंध में जानकारी मांगी। अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी दिल्ली स्थित गोकलपुर ड्रेन करीब 5 किलोमीटर लंबा है और इसे पूरी तरह साफ कर दिया गया है। वहीं रानीखेड़ा को जलभराव से बचाने के लिए पानी को निकाल दिया गया है और वहां पंप लगा दिए गए हैं। इस मॉनसून में रानीखेड़ा में जलभराव नहीं होगा।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम से जुड़े सभी नालों की सफाई का कार्य हर हाल में 28 जून तक पूरा कर लिया जाए। दिल्ली को जलभराव से बचाने के लिए जोन स्तर पर गंभीरता से काम किया जाए। सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। पिछले साल जिन स्थानों पर जलभराव हुआ था, वहां पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत एमसीडी दिल्ली वासियों के लिए दिन रात काम कर रही है। इसके सकारात्मक परिणाम जल्द लोगों को देखने को मिलेंगे।

जलभराव वाले 74 संवेदनशील स्थानों को किया चिन्हित

दिल्ली नगर निगम ने करीब 74 स्थानों की पहचान की है जो कि जलभराव के लिहाज से संवेदनशील हैं। इन स्थानों पर जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों जैसे- डीडीए, पीडब्ल्यूडी और रेलवे के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। खास बात है कि इन 74 स्थानों में दिल्ली नगर निगम के अधीन कोई भी क्षेत्र नहीं आता है। ऐसे में अन्य एजेंसीज के साथ में मिलकर एमसीडी कार्य कर रही है, ताकि दिल्ली को जलभराव से बचाया जा सके।

नालों की सफाई तेज करने के दिए निर्देश

मेयर ने शाहदरा दक्षिण क्षेत्र व शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में नालों की सफाई का कार्य तेज करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली के कस्तूरबा ड्रेन, संजय ड्रेन, नांगलोई निलोठी ड्रेन, तैमूर नगर ड्रेन की सफाई के संबंध में विशेष निर्देश जारी किए। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर कार्य करें ताकि बारिश के दौरान सड़कों और रिहायशी क्षेत्रों में जलभराव ना हो। 28 जून तक 30 नालों की सफाई का कार्य शत प्रतिशत पूरा कर लिया जाए।

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