*अग्निपथ योजना को वापस ले केंद्र सरकार- कांग्रेस
कांग्रेस के भूतपूर्व सैनिक विभाग के नव-नियुक्त चेयरमैन रि. कर्नल रोहित चौधरी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर देश के सैनिकों और पूर्व सैनिकों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों के धरने को तीन हजार दिन हो गए हैं, मगर ओआरओपी कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। इसी के साथ उन्होंने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को भी वापस लेने की मांग की।
कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा आज ‘वन रैंक-वन पेंशन’ है। इसे यूपीए सरकार ने 26 फरवरी 2014 के आदेश के तहत लोकसभा और राज्यसभा में पास किया था। यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में करीब 23 हजार करोड़ रुपए के साथ पुरानी पेंशन के गैप को कम करने का काम किया। दुर्भाग्य की बात है कि बहुत सारे पूर्व सैनिक मोदी जी के जुमलों के झांसे में आ गए थे। क्योंकि मोदी जी ने सौ दिनों में वन रैंक-वन पेंशन लागू करने की बात कही थी। आज पूर्व सैनिकों को जंतर-मंतर पर बैठे हुए 3000 दिन हो गए हैं, लेकिन वन रैंक-वन पेंशन कहीं नहीं दिख रही।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने अगस्त 2013 में रेवाड़ी रैली से पहले पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिनमंडल से कहा था कि वह उनकी मांग सरकार बनने पर 100 दिन में पूरा करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री जी ने रेवाड़ी रैली में कहा था कि वह वन रैंक, वन पेंशन की मांग को पूरा करेंगे और पूर्व सैनिकों को मान-सम्मान को देने का काम करेंगे। मगर सरकार में आने के बाद प्रधानमंत्री जी ने वन रैंक, वन पेंशन योजना को लागू नहीं किया। जब पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय मांगा तो उन्होंने समय नहीं दिया। सवा साल के बाद 2015 में पूर्व सैनिकों को जंतर-मंतर पर धरना देना, पूर्व सैनिकों ने अनशन किया। वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव देखकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ सैनिकों को दे दिया है। ओआरओपी योजना लागू नहीं की गई, जिसकी घोषणा यूपीए सरकार ने की थी। इसके बाद पूर्व सैनिकों का संघर्ष चलता रहा और आज तीन हजार दिन पूर्व सैनिकों के धरने को पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी ओआरओपी कहीं दिखाई देने को नहीं मिल रही है। प्रधानमंत्री और सरकार ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले सैनिकों को धोखा दिया है।
रोहित चौधरी ने कहा कि ओआरओपी-2 जो 2019 मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। पूर्व सैनिक सुप्रीम कोर्ट में गए और भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी जी से पूर्व सैनिकों ने मुलाकात की। इसके दो दिन बाद सरकार ने आनन-फानन में वन रैंक, वन पेंशन के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जो ऑर्डर नौ महीने से सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। इससे पांच दिन पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अंदर हलफ़नामा दिया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि सरकार के पास न तो टेबल है, न पैसा है। सरकार इसे लागू नहीं कर पाएगी। सरकार ने अब जो वन रैंक, वन पेंशन का मसौदा तैयार किया है, उसमें कई खामियाँ हैं। जिसकी वजह से जेसीओ की पेंशन छह हजार कम हो गई। इसके साथ-साथ एक विश्वास की कमी आनी शुरू हो गई है। सेना के अधिकारी, जेसीओ और अन्य जवान कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ते हैं। आज इस ताने-बाने को सरकार खराब करने का काम कर रही है। इसकी वजह से कुछ चुनिंदा लोगों ने गलत भाषण देने भी शुरू कर दिए हैं। इन भाषणों को लेकर अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल डिसिप्लेन एंड विजिलेंस डिफेंस फोर्सस को एक पत्र जारी करना पड़ा कि इसका असर सेना के अंदर सेवारत सैनिकों, अधिकारियों और जेसीओ के संबंधों के बीच में आ सकता है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। इसका असर दूरगामी होगा। अगर सरकार सेना के साथ खिलवाड़ करेगी तो यह देश की एकता-अखंडता के लिए बहुत ही नुकसानदेह हो सकता है।
रोहित चौधरी ने कहा कि वर्ष 2015 में ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के लिए रेड्डी कमीशन बनाया गया था, मगर उसकी रिपोर्ट साझा नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट में मामला चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट के अंदर भी रेड्डी कमीशन की सिफारिशों को छुपाया गया।
कर्नल रोहित चौधरी ने केंद्र सरकार मांग करते हुए कहा कि सैनिकों के लिए एक्स सर्विसमैन कमीशन बनाया जाए। यूपीए सरकार के कार्यकाल में पूर्व सैनिकों को नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण दिया था। इसके 7 लाख 82 हजार पद खाली पड़े हैं। केंद्र सरकार द्वारा 7 लाख 82 हजार पद अगर तत्काल भर दिए जाएं, तो हमारे सैनिकों और सेवानिवृत्त सैनिकों को फायदा मिलेगा। इसके साथ अग्निपथ योजना को सरकार वापस ले। इस योजना के खिलाफ कांग्रेस पार्टी संघर्ष करेगी और इस योजना की वापसी के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।