दिल्ली में ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए जल्द खुलेंगी 12 नई डिस्पेंसरी, बोर्ड बैठक में कर्मचारियों के हित में केजरीवाल सरकार ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसलें

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  • श्रम मंत्री राज कुमार आनंद की अध्यक्षता में गुरुवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के क्षेत्रीय बोर्ड की 53वीं बोर्ड बैठक आयोजित हुई
  • श्रम मंत्री ने हर विधानसभा में ईएसआईसी डिस्पेंसरी खोलने की संभावना तलाशने के आदेश दिए
  • ईएसआईसी में अधिक कर्मचारियों को जोड़ने के लिए उनकी न्यूनतम वेतन सीमा को 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार करने का प्रस्ताव पेश किया गया
  • श्रम विभाग और ईएसआईसी साथ मिलकर लगाएंगे जागरूकता शिविर, कर्मचारियों को अधिकारों के प्रति करेंगे जागरूक और नियोक्ताओं का कराएंगे ऑन-स्पॉट पंजीकरण – राज कुमार आनंद
  • राजधानी में ईएसआईसी अस्पतालों की स्थिति सुधारने और नए अस्पताल खोलने की दिशा में होगा काम – राज कुमार आनंद
  • ईएसआईसी के मेडिकल कॉलेजों में दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के बच्चों का कोटा निर्धारित किया जाएगा – राज कुमार आनंद
  • बोर्ड बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने ईएसआईसी के लाभार्थियों की भुगतान संबंधित शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारण करने का दिया आदेश

केजरीवाल सरकार दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ईएसआई में शामिल कर उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए गुरुवार को दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री राज कुमार आनंद की अध्यक्षता में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय बोर्ड की 53वीं बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से राजधानी में 70 विधानसभाओं के लिए डिस्पेंसरी खोलने की संभावना तलाशने के आदेश दिए। वहीं दिल्ली में बहुत जल्द ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए 12 नई डिस्पेंसरी खोली जाएंगी। इसके लिए विभाग से मंजूरी मिल चुकी है और उचित स्थान का चयन किया जा रहा है।

श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने ईएसआईसी के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी न्यूनतम वेतन सीमा को 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार करने की दिशा में संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं। वहीं केजरीवाल सरकार ईएसआईसी लाभार्थियों के बच्चों के लिए ईएसआईसी के मेडिकल कॉलेजों में कोटा निर्धारित करेगी। बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों को उनके अधिकारों और सराकरी सुविधाओं के प्रति जागरूक करने के लिए श्रम विभाग और ईएसआईसी साथ मिलकर औद्योगिक क्षेत्र में जागरूकता शिविर लगाएंगे। बोर्ड बैठक में दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के अधिकारी, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सदस्य और कर्मचारियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

दिल्ली में खुलेंगी 12 नई ईएसआईसी डिस्पेंसरी
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय बोर्ड की बोर्ड बैठक में ईएसआईसी अधिकारियों ने बोर्ड को बताया कि दिल्ली में 12 नई डिस्पेंसरी खोलने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। अब इस दिशा में काम करते हुए उचित स्थान की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस दौरान श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने राजधानी में 70 विधानसभाओं में ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए एक-एक डिस्पेंसरी खोलने की बात बोर्ड के समक्ष रखी। कर्मचारी राज्य बीमा निगम से इस दिशा में संभावनाएं तलाशते हुए प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं।

कर्मचारियों की न्यूमतम वेतन सीमा बढ़ाने पर दिया जोर
श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम को बोर्ड बैठक में यह निर्देश दिए कि वह ऐसे उपाय अपनाएं जिससे राजधानी में ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ईएसआईसी से जोड़ा जा सके और सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जाए। श्रम मंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम से कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन सीमा को 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार करने की दिशा में संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए हैं। इस तरह से बड़ी संख्या में राजधानी में काम करने वाले कर्मचारी ईएसआईसी से जुड़कर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

नियोक्ताओं से करवाएं ऑन-स्पॉट पंजीकरण, कर्मचारियों को करें जागरूक
बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया कि दिल्ली में कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना बेहद जरूरी है। इसे सफल बनाने के लिए दिल्ली सरकार का श्रम विभाग और कर्मचारी राज्य बीमा निगम साथ मिलकर काम करेगा। राजधानी के बड़े औद्योगिक क्षेत्र में दोनों सरकारी संस्थाएं साथ मिलकर जागरूकता शिविर का आयोजन करेंगी। इन शिविरों में कर्मचारियों को उनके अधिकारों और सरकारी सुविधाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसी के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिविर में नियोक्ताओं का ईएसआईसी के अंतर्गत ऑन-स्पॉट पंजीकरण कराया जाए ताकि उनके पास काम करने वाले कर्मचारियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके।

न्यूजलेटर और मैगजीन देकर करेंगे जागरूक
बोर्ड बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने यह सुझाव दिया कि कर्मचारियों को समय-समय पर सरकार की सभी सुविधाओं के प्रति जागरूक करने के लिए विशाल जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें शिविर लगाने के साथ ही ईएसआईसी की तरफ से कर्मचारियों को न्यूजलेटर और मैगजीन भी बांटी जानी चाहिए। जिसमें यह बताया जाए कि ईएसआईसी का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को किन दस्तावेजों की जरूरत होगी। इसी के साथ अगर वह अपने दस्तावेजों में जरूरी बदलाव करना चाहते हैं तो किस पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

ईएसआईसी के दायरे में लाए जाएंगे अस्पताल
बोर्ड बैठक में दिल्ली में स्थित ईएसआईसी के अस्पतालों की स्थिति सुधारने पर जोर दिया गया। श्रम मंत्री ने राजधानी में ईएसआई अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में लाभार्थियों के बच्चों को मिलेगा कोटा
बोर्ड बैठक में दिल्ली में स्थित ईएसआईसी के मेडिकल कॉलेजों में दिल्ली के छात्रों को कोटा दिलाने का मुद्दा उठाया गया। श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ओर से देशभर में मेडिकल कॉलेज संचालित किए जाते हैं। जिसमें ईएसआईसी लाभार्थियों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। अभी तक दिल्ली में स्थित इन कॉलेजों में दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए कोई कोटा निर्धारित नहीं था। ऐसे में ईएसआईसी लाभार्थियों के बच्चों के लिए दिल्ली के ईएसआईसी कॉलेज में कोटे की मांग उठाई जा रही है।

ईएसआईसी लाभार्थियों को समय पर मिले भुगतान
बोर्ड बैठक में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने ईएसआईसी लाभार्थियों की शिकायतों का समय पर निपटारण न होने का मुद्दा उठाया। सदस्यों ने कहा कि मृत्यु और स्वास्थ्य संबंधित मामलों में कई बार ईएसआईसी लाभार्थियों को वर्षों तक बीमा राशि का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में उस भुगतान राशि की कोई अहमियत ही नहीं रह जाती है, वहीं आम जनता को कई काफी परेशानी उठानी पड़ती है। बोर्ड बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम से इस पर गंभीरता से काम करने के निर्देश देते हुए सभी शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारण करने के आदेश दिए। इसी के साथ सभी लाभार्थियों को नियमित रूप से भुगतान करने के लिए कहा गया ताकि भविष्य में किसी भी लाभार्थी या उसके परिवार के सदस्य को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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