दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने घर-घर पंजाबी बोलने की मुहिम को आंदोलन के रूप में खड़ा करने का दिया निमंत्रण

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*मातृभाषा पंजाबी बोलने के अलावा अमृत संचार की लहर को भी तेज़ किया जाएगा: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों

*गुरमति कैंप का दो दिवसीय अंतिम शिविर भाई लक्खी शाह वणजारा हॉल में आयोजित

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने दिल्ली सहित देश-विदेश में रहने वाली सिख संगत को अपने घरों में मात्रभाषा पंजाबी बोलने की मुहिम को एक आंदोलन के रूप में खड़ा करने के लिए आमंत्रित किया है।
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन जसप्रीत सिंह करमसर की देख-रेख में दिल्ली के बच्चों के लिए 20 दिवसीय गुरमति कैंप लगाए गए जिसमें भाई लक्खी शाह वणजारा हॉल में गुरमति कैंप के दो दिवसीय अंतिम शिविर के पहले दिन आए हुए बच्चों, वालंटियर व बच्चों के माता-पिता की विशाल एकत्रता को संबोधित करते हुए सरदार कालका व सरदार काहलों ने बताया कि इस बार कैंप में 13 हज़ार बच्चों ने भाग लिया व सभी कैंप में 15 से 20 वालंटियर्स ने सेवा निभाई, यह सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि हमने बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टियों के दौरान गुरमति कैंप लगाने की शुरुआत पिछले वर्ष की थी लेकिन इस बार बहुत अधिक उत्साह व प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से इन शिविरों का दायरा बढ़ाया जायेगा क्योंकि देश के विभिन्न राज्यों मेघालय , अरुणाचल प्रदेश के अलावा विदेशों से भी अगले वर्ष से ऐसे शिविर आयोजित करने की मांग उठ रही है।
उन्होंने कहा कि इन शिविरों के दौरान हमने यह भी सर्वेक्षण किया कि कितने घरों में पंजाबी मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 75 प्रतिशत घरों में माता-पिता और बच्चे पंजाबी की बजाय हिंदी या अन्य भाषाएं बोल रहे हैं। उन्होंने संगत से अपील करते हुए कहा कि अन्य भाषाओं का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन उन्हें अपने घरों में अपनी मातृभाषा पंजाबी बोलनी चाहिए।
उन्होंने उन बच्चों को भी आमंत्रित किया कि वे अपने घरों में पंजाबी बोलना शुरू करें और घर में आने वाले हर रिश्तेदार को भी पंजाबी बोलने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि गुरु अंगद देव जी ने हमें गुरुमुखी लिपि का आशीर्वाद दिया है और यह दुनिया की एकमात्र ऐसी भाषा है जिसका हर अक्षर अपने आप में पूर्ण है। इन शिविरों में बच्चों को दी गई सिख व सिख इतिहास की किताबें उन्हें जीवन भर इस इतिहास को याद रखने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
इन शिविरों को लेकर जहां बच्चों में पूरा उत्साह था, वहीं जिन सिंह सभाओं में ये शिविर आयोजित किए गए थे, उनके प्रबंधकों में भी खुशी की लहर थी। अब शिविरों को मिली प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि संगत इस तरह की पहल को लेकर बेहद उत्साहित है। गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों में समय-समय पर गुरुमति शिविरों का आयोजन कर बच्चों को गुरु इतिहास से जोड़ा जा रहा है। बच्चों को कीर्तन करने की शिक्षा भी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कृष्णा नगर में आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में बच्चों ने अमृतपान किया. इसके साथ ही गुरुद्वारा सीसगंज साहिब में प्रत्येक बुधवार व गुरुद्वारा बंगला साहिब में प्रत्येक रविवार को अमृत संचार करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोचिंग देने वाले शिक्षक भी अमृतपान करने के लिए तैयार हुए हैं, यह इस गुरमति कैंप की एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कैंप की सफलता के लिए जसप्रीत सिंह करमसर व उनके सहयोगियों भाई अमरीक सिंह, भाई सुखविंदर सिंह सहित टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी। जिनकी कड़ी मेहनत के चलते यह सभी कैंप कामयाब हुए।
इस मौके पर आत्मा सिंह लुबाणा, जसमेन सिंह नोनी, भुपिंदर सिंह भुल्लर, परविंदर सिंह लक्की, जतिंदरपाल सिंह गोल्डी, परमजीत सिंह भाटिया सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

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