माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी मादक पदार्थों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा इस समस्या के निदान हेतु सभी कानून प्रवर्तन संस्थओं को कठोर एवं कारगर कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं । पुलिस आयुक्त श्री संजय अरोड़ा के मार्गदर्शन में दिल्ली पुलिस द्वारा इसे निष्ठापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है।
दिल्ली में सक्रिय अवैध मादक पदार्थों के तस्करों/आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए, दिल्ली पुलिस प्रतिदिन अवैध मादक पदार्थों के आपूर्तिकर्ताओं/पैडलर्स की गिरफ्तारी के साथ अवैध मादक पदार्थों के तस्करों के नेटवर्क/रैकेट का भंडाफोड़ कर रही है। हम युवाओं से, जो विशेष रूप से मादक पदार्थों के उपयोग के प्रति संवेदनशील हैं, मादक पदार्थों के बारे में सच्चाई का सामना करने का आह्वान करते हैं। युवा लोगों में मादक पदार्थों के उपयोग का प्रचलन सामान्य आबादी की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। अवैध मादक पदार्थों का प्रयोग करने के लिए साथियों का दबाव बहुत अधिक हो सकता है, और आत्म-सम्मान अक्सर कम होता है। इसके अतिरिक्त जो लोग अवैध मादक पदार्थों लेते हैं उन्हें या तो गलत जानकारी होती है या फिर वे इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में अपर्याप्त रूप से जागरूक होते हैं। कई लोग मादक पदार्थों को लेने के बाद उदास और अकेले हो जाते हैं और रोगी महसूस करने लगते हैं। नशा प्रतिदिन हमारे समाज की एक समस्या बनती जा रही है, जिस पर काबू पाना बेहद आवश्यक है।
नशे पर नकेल कसने के लिए स्वापक विरुद्ध क्रत्यक दल क्राइम ब्रांच सहित दिल्ली पुलिस के जिलों और इकाइयों द्वारा 12 से 26 जून, 2023 तक “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। इस पखवाड़े के दौरान इन सभी टीमों व दिल्ली पुलिस बैंड के सदस्यों ने तमाम जिला पुलिस से समन्वय स्थापित करके पूरी दिल्ली में हर गली- मोहल्ले में आम जनता विशेषकर युवा वर्ग के बीच जाकर प्रेरणादायी संदेश प्रचारित एवम् प्रसारित किये|
इस पहल के तहत 23 जून को दिल्ली के सभी 15 जिलो में स्थित सभागारों में ब्रह्माकुमारीज़ और इसकी सहयोगी कंपनी राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन की मेडिकल विंग के सहयोग से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए । सभी 15 कार्यक्रमों में जिला उपायुक्त /अतिरिक्त उपायुक्त सहित सहायक पुलिस आयुक्त स्वयं उपस्थित थे। कार्यक्रम में आरडब्ल्यूए/एमडब्ल्यूए/अमन कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ शराब की लत से पीड़ित व्यक्ति और उनके पीड़ित परिवार भी शामिल हुए।
ब्रह्माकुमारीज के नशामुक्ति क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जागरूकता सत्र आयोजित किए कि हमारी युवा पीढ़ी को इन घातक मादक पदार्थों के खतरे से कैसे बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया और यह भी सुझाव दिया कि कैसे ध्यान और राजयोग जीवन शैली शराब/तंबाकू/ मादक पदार्थों को छोड़ने में सहायक हो सकती है।
राजयोगी जीवनशैली के अभ्यास में सुबह जल्दी ध्यान (अमृत वेला), संध्या ध्यान, सोने से पहले ध्यान, प्रतिदिन सकारात्मक सोच और ज्ञान वर्ग (मुरली), नियंत्रण का अभ्यास पूर्वनिर्धारित समय पर विचार (यातायात नियंत्रण), सात्विक आहार और आत्मा चेतना करना शामिल है । राजयोग अभ्यासियों में उत्पन्न होने वाले प्रमुख चरों में से एक यह है कि वे मन की शांति का अनुभव करें । मन को कार्य करने से पहले सोचने और बुद्धि का उपयोग छान-बीन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है विचार के माध्यम से और केवल वही स्वीकार करें जो सकारात्मक और अनुकूल हो । राजयोगी जीवनशैली में ध्यान प्रमुख कारक है।
ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दी गई चिकित्सा से प्रतिभागियों को गहरी शांति और हल्केपन का अनुभव हुआ। नशा मुक्ति पर प्रदर्शनियाँ भी प्रदर्शित की गईं और स्वयंसेवकों ने प्रतिभागियों को समझाया। प्रतिभागियों को पंपलेट/फ़ोल्डर आदि जैसी मुद्रित सामग्री दी गई। कुछ स्थानों पर नुक्कड़ नाटक टीमों ने नशामुक्ति पर नाटक प्रस्तुत किये।
आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने इन कार्यक्रमों का स्वागत किया और पेशकश की कि वे निश्चित रूप से इस नेक कार्य में दिल्ली पुलिस और ब्रह्मा कुमारियों के साथ होंगे और स्थानीय पुलिस और एनजीओ की मदद से अपने इलाके में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
सभी उपस्थित लोगों को अपने परिवार के सदस्यों एवं सामाजिक परिधि में आने वाले सभी जनों को जागरूक कर उन्हें नशे की लत से दूर रखने कि सलाह दी गयी तथा उन्हें इन मादक पदार्थों के दुरुपयोग से अवगत कराया गया जो ज्यादातर युवाओं को निशाना बना रही है। इन व्याख्यानों में उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन कर उनका मनोबल वर्धन किया जिससे उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को मदद मिलेगी