- पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और 6-13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौक पर भाजपा शासित केंद्र सरकार के काले अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी ‘‘आप’’- सौरभ भारद्वाज
- भाजपा के कट्टर समर्थक भी अब आध्यादेश के विरोध में हैं और ये मान कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने दिल्लीवालों के साथ धोखा किया है- सौरभ भारद्वाज
- अरविंद केजरीवाल देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में शुमार हैं, अब लोग भाजपा के मंत्रियों से कह रहे हैं कि हमें भी केजरीवाल जैसी सरकार चाहिए-सौरभ भारद्वाज
-एलजी साहब के माध्यम से भाजपा असंवैधानिक तरीके से दिल्ली पर कब्जा करना चाहती है- सौरभ भारद्वाज
भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली पर थोपे गए काले अध्यादेश के खिलाफ अब आम आदमी पार्टी सड़क पर उतर कर दिल्लीवालों के हकों की लडाई लडेगी। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर इस काले अध्यादेश के खिलाफ जमीन पर कड़ा विरोध जताने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीन जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ मिलकर पार्टी मुख्यालय पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे। इसके बाद 5 जुलाई को सभी विधानसभाओं में और 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के हर मोहल्ले, गली और चौराहे पर काले अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग इस काले अध्यादेश से खुश नहीं हैं और केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ उनके साथ धोखा किया है। इससे दिल्लीवाले बहुत नाराज हैं। एलजी के जरिए भाजपा असंवैधानिक तरीके से दिल्ली पर कब्जा करना चाहती है। अब तो भाजपा के कट्टर समर्थक भी केंद्र के काले आध्यादेश के विरोध में हैं।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने पहली बार 2013 में अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना। फिर 2015 में दोबारा 70 में से 68 सीटें देकर और 2020 में तीसरी बार 70 में से 62 सीटें देकर दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना। कहा जा सकता है कि देश के सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्रियों में हमेशा अरविंद केजरीवाल का नाम शुमार होता रहा है। भाजपा ने अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर तीनों चुनावों में पूरा जोर लगाया। मगर दिल्ली में उनकी करारी हार हुई। अब भाजपा और केंद्र सरकार दिल्लीवालों से बदला लेना चाहती है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुक्त विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था, वर्ल्ड क्लास स्कूल, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में मुफ्त दवा व इलाज, महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा समेत हर तरीके की सुविधाएं दे रही है। मगर इससे भी केंद्र सरकार को बहुत कष्ट होता है। किसी राज्य में बीजेपी के मंत्री जाते हैं, तो वहां लोग कहते हैं कि हमें अरविंद केजरीवाल जैसी सरकार चाहिए। जब केंद्र सरकार के सारे हथकंडे चुनावों में फेल हो गए, तो अब ये एलजी के माध्यम से किसी भी तरह दिल्ली पर एक गैरकानूनी कब्जा करना चाहते हैं। यह काला अध्यादेश उसी गैरकानूनी कब्जे का तरीका है।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत के 5 जजों के संवैधानिक पीठ ने फैसला लिया है कि अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार का है। इसे लेकर साढ़े 8 साल तक आम आदमी पार्टी ने लड़ाई लड़ी। अरविंद केजरीवाल सही कहते थे कि ये अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हैं। मगर केंद्र सरकार और बीजेपी दिल्लीवालों से झूठ कहती थी। यह अधिकार हमेशा से संविधान में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को मिले थे। केंद्र ने उनके ऊपर जबरदस्ती कब्जा किया हुआ था। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट छुट्टी पर गया, उसी रात यह काला अध्यादेश लाकर दिल्लीवालों से, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से बदला लिया गया।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के अंदर भाजपा के कट्टर समर्थक भी इस बात को कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर ठीक नहीं किया। यह एक तरह से दिल्लीवालों के साथ धोखा हुआ है। आज दिल्ली में गरीब से लेकर मिडल क्लास और बच्चों से लेकर युवाओं तक यही कह रहे है कि केंद्र सरकार के काले अध्यादेश का हर तरह से विरोध किया जाना चाहिए।
कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्लीवालों के साथ मिलकर इस काले अध्यादेश का विरोध करने के लिए एक तय कार्यक्रम के अनुसार शुरू करने जा रही है। जिसमें सबसे पहले 3 जुलाई को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सभी कैबिनेट मंत्री और “आप” के विधायक दल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी मुख्यालय में केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियों को जलाएंगे। इसके बाद 13 जुलाई तक दिल्ली के हर गली-मोहल्ले, कॉलोनी- सेक्टर, चौराहे-सड़कों व कोने-कोने में इस काले अध्यादेश की प्रतियों को जलाया जाएगा। इस दौरान दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सभी उपाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के हर मंडल पर इस काले अध्यादेश की प्रतियों को जलाया जाए।