विज्ञापनजीवी अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने आईना दिखाते हुए पिछले तीन सालों में विज्ञापन पर खर्चे पैसे का हिसाब मांगा है – वीरेन्द्र सचदेवा

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*कोर्ट का केजरीवाल सरकार से साफ कहना कि विज्ञापन पर खर्च के लिए पैसा है लेकिन दिल्ली की जनता की सेवा के लिए नहीं एक तरह से केजरीवाल सरकार को तमाचा है – वीरेन्द्र सचदेवा

*अरविंद केजरीवाल दिल्ली के विकास के पैसों से अपना चेहरा चमकाने का लगातार असफल प्रयास कर रहे हैं- वीरेंद्र सचदेवा

*हर वो काम जिससे दिल्ली की जनता का फायदा होना था, केजरीवाल सरकार ने उसमे रोड़ा अटकाया है – वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को आईना दिखाते हुए कहा है कि विज्ञापन के लिए पैसे हैं जनता की सुविधा के लिए नहीं है।

प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा संचालित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ प्रवक्ता श्री हरीश खुराना एवं श्री वीरेन्द्र बब्बर उपस्थित थे।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि न्यायालय में दिल्ली सरकार ने कहा जनता की सेवा के विकास कार्य के लिए पैसे नहीं है जिसके जवाब में न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि विज्ञापन के लिए पैसे हैं लेकिन जनता की सुविधा के लिए नहीं है।

सचदेवा ने कहा की न्यायालय ने केजरीवाल सरकार से पिछले 3 सालों में विज्ञापन पर खर्च किये गए पैसों की डिटेल मांगी है। उन्होंने कहा कि एक आर.टी.आई. के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच सालों में 1868 करोड़ रूपये विज्ञापन पर खर्च किया है यानि एक करोड़ 20 लाख रुपये प्रति दिन। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के विकास के पैसों से अपना चेहरा चमकाने का लगातार असफल प्रयास कर रहे हैं।

सचदेवा ने कहा कि रैपिड रेल से ट्रांस यमुना का बहुत बड़ा फायदा होना है पर केजरीवाल सरकार उसमें विलंब डाल रही है। इतना ही नहीं एनवायरनमेंट सेस के नाम पर इकट्ठा किया गया पैसा कहां है, यह दिल्ली की जनता जानना चाहती है। सेस का कितना पैसा इकट्ठा हुआ है ये बताये और कहां इस्तेमाल हुआ ये भी बताये।

सचदेवा ने कहा की प्रगति मैदान टनल प्रोजेक्ट में 20 फीसदी आर्थिक योगदान दिल्ली सरकार को देना था लेकिन उन्होंने नहीं दिया। इसी तरह दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के पैसे भी अरविंद केजरीवाल को देने थे लेकिन ज़ब केजरीवाल ने नहीं दिये तो उसे परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र से पूरा करवाया। यानी हर वो काम जिससे दिल्ली की जनता का फायदा होना था, केजरीवाल सरकार द्वारा उसमे रोड़ा अटकाया जा रहा है।

सचदेवा ने कहा कि मेट्रो के चौथे फेज में हुई देरी का भी कारण केजरीवाल सरकार द्वारा पैसे नहीं देना है। यमुना की सफाई के लिए केंद्र द्वारा दिये करोड़ो रूपये पैसे कहाँ गए वो विज्ञापन पर खर्च हुए।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग में फ़ाइल चलाई की है जिसमें ब्लास्टर प्रोग्राम के विज्ञापन के लिए बड़ा बजट दिया गया है।

आज दिल्ली की जनता पूछ रही है की ये करोड़ो रूपये विज्ञापन की जगह रैपिड रेल के लिए क्यों नहीं दिया गया।

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