पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ाने और जनता से टैक्स वसूली में व्यस्त मोदी सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को भूली- कांग्रेस

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*मोदी सरकार मुनाफाखोरी छोड़ महंगाई नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए, गरीब तबके को दी जाए आर्थिक राहत- कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘महंगाई मैन’ मोदी ने जनता की थाली में आग लगा दी है। आटा, तेल, दाल, सब्ज़ी, फल सबकी कीमतें आसमान छू रही हैं।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बढ़ती महंगाई पर प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जनता त्रस्त है और साहेब बहादुर मस्त हैं। पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ाने और जनता से टैक्स वसूल करने में व्यस्त मोदी सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को भूल चुकी है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार मुनाफाखोरी छोड़ महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए। महंगाई से प्रभावित सबसे गरीब तबके को आर्थिक राहत पहुंचाई जाए।

वहीं अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा मंगलवार को महंगाई को लेकर दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। हाथों में सब्जी, फल, मसालों समेत अन्य चीजों के बढ़ते दामों की तख्तियाँ लिए हुए महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री नेटा डिसूज़ा के नेतृत्व में महिला कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कल आंकड़े आए कि दो साल में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है। इसीलिए महंगाई ने बेरोज़गारी से त्रस्त जनता की कमर और तोड़ दी है। महंगाई का ब्रेक तो ऐसा फेल हुआ कि खाने-पीने की जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे बिस्कुट, नमकीन, चाय पत्ती के दाम तो बढ़ाए ही जा रहे हैं, साथ ही उनका वजन भी घटाया जा रहा है।

श्रीनेत ने कहा कि युवा या तो बेरोजगार हैं, अगर रोजगार है तो आय कम है। गरीब खाने को तड़प रहे हैं, मध्यमवर्ग बचाने को तरस रहा है। मगर इन सबके बावजूद महंगाई मैन मोदी को फर्क नहीं पड़ता है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मोदी सरकार तुरंत ज़रूरी चीज़ों के दामों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए। सब्जी के बढ़ते दामों को कम करने के लिए डीजल की कीमत घटाई जाए। अन्तर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के सस्ते होने का फायदा आम जनता तक पहुंचाया जाए और मुनाफ़ाखोरी बंद की जाए। सरकार निर्मम टैक्स वसूली बंद करे और आटा, दही जैसी चीज़ों से जीएसटी हटाया जाए। महंगाई से प्रभावित सबसे गरीब तबके को आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए।

श्रीनेत ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और आलू से लेकर चावल और गेहूं, अरहर दाल, चायपत्ती ने परिवारों के बजट बिगाड़ डाले हैं। जो टमाटर एक महीने पहले 10-15 रुपये किलो बिक रहा था वह अब 100-150 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। टमाटर के बाद मिर्च के दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। देश के अधिकांश हिस्सों में हरी मिर्च की कीमत 400 रुपये किलो पर पहुंच चुकी है। नींबू भी चार सौ को पार कर चुका है। इनके साथ ही धनिया 200 रूपये प्रति किलो, अदरक 400 रूपये प्रति किलो, लहसुन 130 रूपये प्रति किलो, परवल 80 रूपये प्रति किलो, अरबी 80 रूपये प्रति किलो और भिंडी 70 रूपये प्रति किलो हो गई है। आने वाले दिनों में कीमत और बढ़ने की उम्मीद है। यह क़ीमत सिर्फ़ बारिश की वजह से ही नहीं, बल्कि सामान के ट्रांसपोर्टेशन की कीमत की वजह से भी बढ़ रही हैं।

श्रीनेत ने कहा कि आज सब्जी ही नहीं दाल भी आम जनता के लिए दूभर हो गई है। अरहर के साथ-साथ उड़द दाल भी महंगी हो गई है। बाजार में अरहर और उड़द की किल्लत है। पिछले तीन महीने के अंदर ही अंदर अरहर दाल की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 72 से 75 रुपये किलो मिलने वाली अरहर दाल अब दिल्ली-एनसीआर में 160 से 170 रुपये किलो हो गई है। इसी तरह उड़द दाल भी 30 रुपये महंगी हो गई है। अब एक किलो उड़द दाल के लिए लोगों को 80 की जगह 110 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। यही नहीं दाल और सब्जी का जायका बढ़ाने वाला जीरा के दाम में भी एक महीने में 200 रुपये किलो इज़ाफ़ा हुआ है। अब एक किलो जीरे की कीमत लगभग 800 रुपये है। यही जीरा कुछ साल पहले तक 180 से 200 रुपये किलो हुआ करता था।

श्रीनेत ने कहा कि सब्जी,मसाले, दाल के बाद महंगाई ने चावल को भी नहीं बख्शा है। पिछले कुछ महीने के दौरान चावल के रिटेल भाव में तीन से पांच रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। इस महंगाई से आम जनता परेशान है। खर्च में कटौती करते-करते लोगों की हालत खराब हो गई है, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। खाने की 10 आवश्यक चीज़ों में से नौ के दाम पिछले एक महीने में तेजी से बढ़े हैं। कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री का अपना डाटा बताता है कि खाने की 10 आवश्यक चीज़ों में से नौ के दाम पिछले एक महीने में तेजी से बढ़े हैं। इनमें गेहूं, चावल, दाल, चीनी, नमक, दूध, चायपत्ती, आलू, प्याज, टमाटर शामिल हैं। जो मोदी जी महंगाई की मार से बचाने का खोखला वादा कर के सत्ता में आए थे, उनकी ऐसी कृपा रही कि 2013 से 2023 के बीच आटे के दाम में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चावल 25 से बढ़कर 36 रुपये पार कर चुका है। दाल जो 72 की थी वो अब 160- 170 के पार है, सरसों का तेल 90 से दोगुना होकर 185 पहुंच चुका है, और यहाँ तक कि नमक के भी दाम 41 प्रतिशत बढ़ गए हैं।

श्रीनेत ने कहा कि पांच रूपये वाले बिस्कुट के एक पैकेट में 80 ग्राम बिस्किट आता था, अब उसे घटाकर 50 ग्राम कर दिया गया है। 50 रूपये में पहले 250 ग्राम चाय की पत्ती आती थी, अब 200 ग्राम कर दी गई और दाम 70 रूपये कर दिया गया है। पहले 10 रूपये में 65 ग्राम नमकीन का पैकेट आता था, अब घटाकर 32 ग्राम कर दिया गया। मूंगफली का पैकेट 10 रूपये में 55 ग्राम आता था, अब 34 ग्राम कर दिया गया। कॉफी 10 रूपये में पहले सात ग्राम आती थी, अब घटाकर 5.50 ग्राम कर दी गई। यहां तक कि टमाटर का सॉस 200 रूपये में पहले 950 ग्राम आता था, अब 850 ग्राम आता है।

श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में महंगाई से राहत के लिए रसोई गैस के दाम घटाए गए हैं। आर्थिक सहायता के लिए गरीबों के खातों में पैसे डाले गए हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार 500 रूपये में गैस सिलेंडर दे रही है। कर्नाटक में महिलाओं को मुफ्त बस सेवा मिलने से उनके हाथों में अतिरिक्त बचत हो रही है। अगर केंद्र सरकार चाहे तो एक मिनट में एक्साइज ड्यूटी घटाकर महंगाई से बड़ी राहत दी जा सकती है। आख़िर सरकार किस बात की वसूली पर आमादा है? मोदी सरकार के कार्यकाल में औसतन कच्चे तेल की कीमत $65 प्रति बैरल रही है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते दाम ऊपर गए थे, वह अब गिरकर $70-$75 के बीच में आ गए हैं। भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल भी खरीद रहा है, लेकिन जनता के लिए पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम कम नहीं किए जा रहे हैं।

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