छावला के प्राचीन हनुमान मंदिर को ध्वस्त न करने की मांग को लेकर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को लिखा पत्र

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*छावला पुल के किनारे बने प्राचीन हनुमान मंदिर में इलाके के लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं, इससे जनता की आस्था जुड़ी है- सौरभ भारद्वाज

*एलजी प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ने के निर्णय पर दोबारा विचार करें, ताकि इलाके के लोगों की धार्मिक आस्था आहत न हो-सौरभ भारद्वाज

*छावला के इस पुराने पुल से सटकर ही दिल्ली सरकार ने एक नया पुल तैयार किया है, जिसे जल्द चालू किया जाएगा- सौरभ भारद्वाज

*पुराने छावला पुल से जाने वाले ट्रैफिक को नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा, ऐसे में इस मंदिर को ढहाने का आदेश वापस लें- सौरभ भारद्वाज

*यह मंदिर किसी भी तरीके से पुराने छावला पुल पर आने-जाने वाले वाहनों के लिए रुकावट पैदा नहीं करता- सौरभ भारद्वाज

मटियाला स्थित छावला के प्राचीन हनुमान मंदिर को ध्वस्त न करने की मांग को लेकर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए एलजी से आग्रह करते हुए कहा है कि छावला पुल के किनारे बने प्राचीन हनुमान मंदिर से इलाके की जनता की आस्था जुड़ी हुई है। यहां आसपास के गांवों के लोग भी हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने आते हैं। ऐसे में इस मंदिर को तोड़ने के निर्णय पर फिर से विचार करें, ताकि इलाके के लोगों की धार्मिक आस्था आहत न हो। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को अवगत कराया है कि छावला के इस पुराने पुल से सटकर ही दिल्ली सरकार द्वारा एक नया पुल तैयार किया गया है, जिसे एक या दो सप्ताह के अंदर चालू किया जाएगा। ऐसे में पुराने छावला पुल से जाने वाले ट्रैफिक को नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा।

दिल्ली के एलजी को लिखे पत्र में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ दिनों पहले मटियाला से चुने हुए विधायक गुलाब सिंह ने पत्र के जरिए चिंता व्यक्त की थी कि उनकी विधानसभा में आने वाले छावला में एक प्राचीन हनुमान मंदिर को ढहाने का आदेश उपराज्यपाल द्वारा पारित किया गया है। इसे लेकर आसपास के गांव वाले काफी चिंतित हैं। आज मैं नजफगढ़ ड्रेन के निरीक्षण पर गया था। वहां पर स्थानीय विधायक गुलाब सिंह मुझे छावला ब्रिज के निकट प्राचीन हनुमान मंदिर पर लेकर गए। वहां मौजूद कई ग्रामीण लोगों ने बताया कि इस पुल पर और इस इलाके में बहुत दुर्घटनाएं होती थी। जिसके बाद गांव के बुजुर्गों ने यहां पर हनुमान जी को स्थापित करने का निर्णय लिया। गांव वालों का मानना है कि जब से हनुमान जी स्थापित किए गए, तब से यहां पर दुर्घटनाएं होना बंद हो गई। आसपास के दूरदराज गांव से भी लोग इस मंदिर पर हनुमान जी की पूजा करने आते हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग मंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि मंदिर के दौरे पर मैंने देखा कि यह मंदिर एक पुराने छावला पुल के किनारे पर बना हुआ है और किसी भी तरीके से पुल पर आने-जाने वाले वाहनों के लिए रुकावट नहीं बनता है। इस दौरान एक और विशेष बात देखी कि इस पुल से बिल्कुल सटकर एक नया और चौड़ा पुल तैयार किया गया है। यह पुल दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया है। आने वाले एक या दो हफ्ते में ही, जितना भी ट्रैफिक पुराने छावला पुल से जाता है, अब वो ट्रैफिक नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा। गांव वालों को चिंता है कि जब सारा ट्रैफिक नए पुल से डायवर्ट किया जाएगा, तो ऐसे में भगवान हनुमान के मंदिर को इस तरह से ढहाना शुभ कार्य नहीं है। यह अपशगुन है और हनुमान जी का अपमान भी है।

एलजी के मंदिर को तोड़ने के आदेश पर दोबारा विचार करने का आग्रह करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लिखा है कि मैंने छावला पुल के किनारे बने प्राचीन हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। मैंने पाया कि गांव वालों की आस्था मंदिर से जुड़ी है। इसलिए आपसे निवेदन है कि आप इस मंदिर को ढहाने के आदेश पर दोबारा विचार करें। इसके अलावा नए पुल और नए पुल पर ट्रैफिक डायवर्ट होने के विषय में जो सूचनाएं आपको दी है, उसे अपने तरीके से वेरिफाई करवा लें। तब तक मंदिर को ढहाने के अपने आदेश को वापस लिया जाए। मौके पर मौजूद सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अफसरों को भी कहा है कि अभी वे इस मंदिर को न तोड़ें और अगले महीने का इंतजार करें। आपसे आशा है कि आप इस मंदिर को ढहाने के अपने निर्णय पर दोबारा विचार करेंगे और गांव वालों और समाज की आस्था को बरकरार रखेंगे।

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