- दिल्ली के खिलाफ केंद्र सरकार के देश विरोधी काले अध्यादेश का विरोध करने की कांग्रेस की घोषणा का ‘‘आप’’ ने किया स्वागत
- दिल्ली पर केंद्र के लाए गए काले अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का रूख साफ होने के बाद ‘‘आप’’ ने पीएसी की बैठक में लिया फैसला
- 17-18 जुलाई को बैंगलूरू में समान विचारधारा वाले दलों की होने वाली बैठक में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी- राघव चड्ढा
- अरविंद केजरीवाल ने देेश के तमाम राजनीतिक दलों से इस काले अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा और कई ‘‘आप’’ के साथ खड़े हैं- राघव चड्ढा
- टीएमसी, आरजेडी, जेडीयू, डीएमके, बीआरएस, एनसीपी, सपा, ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई, सीपीएम, झामुमो ने संसद में बिल के खिलाफ वोट करने का एलान किया है- राघव चड्ढा
- तमाम पार्टियों से मिले समर्थन से साफ है कि देश विरोधी लोग काले अध्यादेश के पक्ष में खड़े हैं और देश हितैशी इसके विरोध में वोट देंगे- राघव चड्ढा
- ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की हुई बैठक, लिए गए कई निर्णय
आम आदमी पार्टी बैंगलूरू में होने जा रही समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों की बैठक में शामिल होगी। कांग्रेस द्वारा दिल्ली पर केंद्र सरकार के लाए गए काले अध्यादेश के खिलाफ संसद में वोट डालने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंदक केजरीवाल की अध्यक्षता में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हुई, जिसमें सर्व सम्मति से बैंगलूरू की बैठक में भाग लेने का निर्णय लिया गया। राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने आम आदमी पार्टी की ओर से कांग्रेस के इस एलान का स्वागत करते हुए कहा कि 17-18 जुलाई को बैंगलूरू में समान विचारधारा वाले दलों की होने जा रही है। इसमें ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे और अपनी बात रखेंगे। यह अध्यादेश राष्ट्र विरोधी कानून है। इसके खिलाफ कई राजनीति दल हमारे साथ खड़े है। तमाम पार्टियों से मिले समर्थन से साफ है कि देश विरोधी लोग इस काले अध्यादेश के पक्ष में खड़े हैं और देश हितैशी लोग इसके विरोध में वोट देंगे।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में रविवार को पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक हुई। इस बैठक में अधिकतर सदस्य मौजूद रहे। इस दौरान पीएसी ने देश के मौजूदा राजनीति हालातों पर गंभीरता पूर्वक विस्तार से चर्चा की। इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि पीएसी की बैठक में हर राजनीतिक पहलू पर विस्तार से चर्चा हुई। केंद्र सरकार का दिल्ली पर लाया गया काला अध्यादेश स्पष्ट तौर पर एक राष्ट्र विरोधी कानून है। जो भी व्यक्ति दिल्ली पर लाए गए इस राष्ट्र विरोधी काले अध्यादेश का समर्थन करता है, वो हर सख्स राष्ट्र विरोधी है। भारत से मुहब्बत करने वाला हर वो सख्स या राजनीति दल दिल्ली पर लाए गए राष्ट्र विरोधी अध्यादेश के विरोध में ही खड़ा होगा और संसद में इस बिल को हराने के लिए प्रयास करेगा और अपना हर संभव योगदान देगा।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने देश के तमाम राजनीति दलों और उनके नेताओं से इस राष्ट्र विरोधी बिल को संसद के अंदर हराने के लिए समर्थन मांगा और देश की कई बड़ी पार्टियों ने हमारा साथ और इस देश विरोधी अध्यादेश के खिलाफ अपना योगदान दिया। तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, डीएमके, बीआरएस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई, सीपीएम, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत तमाम पार्टियों ने अरविंद केजरीवाल के आह्वान पर राष्ट्र विरोधी दिल्ली अध्यादेश के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की और संसद के अंदर इस कानून को हराने के लिए अपने योगदान की बात रखी।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी को मिल रहे समर्थन की श्रृंखला में रविवार को कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति साफ करते हुए दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अपना रूख साफ किया है और विरोध दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इस एलान का स्वागत करती है।
सांसद राघव चड्ढा ने आगे कहा कि 17-18 जुलाई को समान विचारधारा वाली पर्टियों की बैंगलूरू में मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आम आदमी पार्टी भी हिस्सा लेगी और अपनी बात रखेगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इन तमाम पार्टियों के समर्थन से देश भर में अब ये स्पष्ट हो गया है कि जो देश विरोधी सख्स है, वो इस अध्यादेश के पक्ष में खड़ा होगा और हर वो सख्स जो देश के लोकतंत्र से प्यार करता है, वो देश का हितैशी होते हुए इस काले अध्यादेश के खिलाफ अपना वोट देगी और अपनी आवाज बुलंद करेगा। हमें इसकी पूरी उम्मीद है।
काले अध्यादेश के खिलाफ कई दल समर्थन करने का कर चुके हैं एलान
11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इसके अनुसार दिल्ली की सर्विसेज विभाग पर दिल्ली की चुनी हुई दिल्ली सरकार का अधिकार होगा। लेकिन इसके एक सप्ताह बाद ही 19 मई 2023 को भाजपा की केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गत 23 मई से केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने के लिए उनसे मुलाकात कर रहे हैं। 23 मई को उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर उनका समर्थन लिया। इसके बाद 24 मई को मुम्बई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उद्धव ठाकरे ने भी दिल्ली का समर्थन करने का एलान किया है। फिर वे मुम्बई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलकर समर्थन लिए। इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दिल्ली में ‘‘आप’’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता का साथ देने की घोषणा की थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी, बीआरएस समेत कई अन्य दलों ने संसद में दिल्ली पर लाए गए काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने का एलान किया है।
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