दिल्ली विश्वविद्यालय एडमिशन की केंद्रीकृत प्रक्रिया को खत्म कर कॉलेजों को कट-ऑफ जारी करने का दे अधिकार- आनंद प्रकाश

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  • एडमिशन प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने से छात्रों को कोर्स और कॉलेज चयन करने में काफी परेशानी हो रही है- आनंद प्रकाश
  • पहले कॉलेज कट-ऑफ जारी करते थे, इससे छात्रों को कोर्स और कॉलेज चयन करने में आसानी होती थी- आनंद प्रकाश
  • डीयू ने एग्जिक्यूटिव काउंसिल में प्रस्ताव लाए बिना ही पिछले दो सालों में 1700 रुपए तक फीस बढ़ा दी है- आनंद प्रकाश
  • ओबीसी-ईडब्ल्यूएस छात्रों को पहले की तरह सर्टिफिकेट का सत्यापन कराने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए- आनंद प्रकाश
  • सीयूईटी के आने के बाद से डीयू के कॉलेजों में लड़कियों के एडमिशन में 37 फीसद तक गिरावट आई है- आनंद प्रकाश
  • सीवाईएसएस की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर छात्र एडमिशन से संबंधित समस्या का समाधान ले सकते हैं- कमल तिवारी
  • हम अपनी वेबसाइट्स पर हेल्पलाइन नंबरों का एक पोस्टर भी जारी कर रहे हैं, ताकि छात्रों को संपर्क करने में आसानी हो- कमल तिवारी
  • सीयूईटी आने के बाद से एडमिशन में पादर्शिता नहीं है और छात्राओं को मिल रही 1-2 फीसद छूट भी खत्म कर दी गई है- अनुशा
  • डीयू से मांग है कि छात्राओं को एडमिशन में पूर्व की तरह छूट दी जाए और स्पेशल विंडो खोली जाए, ताकि छात्र सर्टिफिकेट अपलोड कर सकें- अनुशा

आम आदमी पार्टी की इकाई एएडीटीए और सीवाईएसएस ने दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने में छात्रों को हो रही परेशानी पर गंभीर चिंता जताई है। एएडीटीए के सदस्य आनंद प्रकाश का कहना है कि डीयू ने एडमिशन प्रक्रिया को केंद्रीकृत कर दिया है। इससे छात्रों को कॉलेजों की कटऑफ के बारे में पता नहीं चल पा रहा है और उनको कोर्स व कॉलेज चयन में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने डीयू से मांग की कि एडमिशन की केंद्रीकृत प्रक्रिया को खत्म कर कॉलेजों को कट-ऑफ जारी करने का अधिकार दिया जाए। साथ ही ओबीसी-ईडब्ल्यूएस छात्रों को सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए पहले की तरह 15 दिन का समय दिया जाए। वहीं, सीवाईएसएस के प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा कि इस बार भी सीवाईएसएस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जहां संपर्क कर छात्र एडमिशन संबंधित समस्याओं का समाधान ले सकते हैं। सीवाईएसएस की प्रदेश सचिव अनुशा ने सर्टिफिकेट अपलोड करने से वंचित रह गए छात्रों के लिए स्पेशल विंडो खोलने और छात्राओं को पूर्व की तरह एडमिशन में मिल रही 1-2 फीसद की छूट को जारी रखने की मांग की है।

आम आदमी पार्टी की इकाई एएडीटीए और सीवाईएसएस ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता किया। इस दौरान एएडीटीए के सदस्य प्रोफेसर आनंद प्रकाश ने कहा कि कोविड-19 के दौरान केंद्र सरकार ने एडमिशन की पूरी प्रक्रिया को बदल कर सीयूईटी एंट्रेंस आधारित कर दी। साथ ही प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी ऐसी संस्था को दी गई, जिस पर कई आरोप लगे हुए हैं। बदलाव तभी संभव होता, जब एजेंसी एक निष्पक्ष तरीके से परीक्षा को आयोजित कराए। पीएम मोदी डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय में दूर दराज से गरीब परिवार से आते हैं। बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां अभी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। फार्म भरने के लिए 10-15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। डीयू ने एडमिशन प्रक्रिया को केंद्रीकृत कर दिया है। इस वजह बच्चों को कोर्स और कॉलेज के चयन में काफी परेशानी हो रही है। एक तरफ ऑनलाइन कोर्स व कॉलेज का चयन करने के लिए कहा जा रहा है और दूसरी तरफ सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए कॉलेज में उपस्थित रहने के लिए कहा जा रहा है। अभी तक कॉलेज एक कटऑफ निकालता था। हर बच्चे को सभी कॉलेजों की कट ऑफ पता चल जाती थी। एडमिशन प्रक्रिया केंद्रीकृत करने के बाद बच्चों को कॉलेजों की कटऑफ के बारे में पता नहीं चल पा रहा है।

प्रोफेसर आनंद प्रकाश का कहना है कि डीयू ने विकास शुल्क समेत अन्य सुविधाओं के नाम पर पिछले दो वर्षों में करीब 1700 रुपए की फी बढ़ोत्तरी की है। इसके अलावा इडब्ल्यूएस के नाम पर 150 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। डीयू में फ्री वृद्धि होती है तो पहले उसे एग्जिक्यूटिव काउंसिल (ईसी) में लाया जाता है और सर्व सम्मति से फैसला लिया जाता है। पहले ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए 15 दिन का समय दिया जाता था। लेकिन अब इस छूट को खत्म कर दिया गया है। जानकारी के अभाव में बच्चे नया सर्टिफिकेट नहीं बनवा पाते हैं। इसलिए हम मांग करते हैं कि ऐसे बच्चों के लिए 15 दिन की छूट दी जाए।

उन्होंने कहा कि जब से सीयूईटी आया है, तब से डीयू में हजारों सीटें खाली रह गई हैं। हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय की करीब 15 हजार सीटें खाली रह गई थीं। 2021 में 54818 लड़कियों का एडमिशन हुआ था। लेकिन जब सीयूईटी के जरिए एडमिशन हुआ, तब 37 फीसद एडमिशन कम हुआ। यानी करीब 4 हजार लडकियों का ही एडमिशन हो पाया। हमारी मांग है कि केंद्रीकृत प्रक्रिया को खत्म कर कॉलेजों को कट ऑफ जारी करने और एडमिशन की जिम्मेदारी दी जाए।

आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई सीवाईएसएस के दिल्ली प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा कि स्पोर्ट कोटा के कई छात्र हैं, जो खेलों में व्यस्त होने के कारण एडमिशन के दौरान अपना सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर पाए थे और अब डीयू ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी है। हम डीयू से अनुरोध करना चाहते हैं कि डीयू अपनी वेबसाइट खोले, ताकि छात्र अपना सर्टिफिकेट अपलोड कर सकें। इस बार डीयू छात्रों का पूरी तरह से शोषण कर रहा है। छात्रों को कई समस्याएं आ रही हैं और उनको कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। एडमिशन के दौरान हर बार सीवाईएसएस एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाता है। इस बार भी सीवाईएसएस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिन छात्रों को कोई समस्या है, वो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। हम अपनी सभी वेबसाइट्स पर हेल्पलाइन नंबरों का एक पोस्टर भी जारी करेंगे, ताकि छात्र संपर्क कर अपनी समस्याओं का समाधान करा सकें।

वहीं, सीवाईएसएस की प्रदेश सचिव अनुशा ने कहा कि सीयूईटी आने से पहले लड़कियों को एक से दो फीसद की छूट दी जाती थी, लेकिन अब सीयूईटी आने के बाद कोई पारदर्शिता नहीं बची है और छूट भी खत्म कर दी गई है। हमारी मांग है कि छात्राओं को पहले मिल रही छूट दी जाए। मणिपुर के बहुत सारे छात्र हैं, जहां इंटरनेट बंद है और छात्र एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। अन्य जगहों के भी कई छात्र हैं, जिनके यहां इंटरनेट की पहुंच नहीं है। हमारी डीयू से मांग है कि मणिपुर समेत ऐसे बच्चों के लिए स्पेशल विंडो खोली जाए ताकि छात्र अपने सर्टिफिकेट अपलोड कर सकें। केंद्र सरकार नारा देती है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लेकिन जब लड़कियों को छूट नहीं दी जाएगी, तो बेटियां कैसे पढ़ेंगी।

इन हेल्पलाइन नंबरों पर छात्र करें संपर्क

छात्र एडमिशन संबंधित अपनी समस्या के समाधान के लिए सीवाईएसएस के प्रदेश सचिव कमल तिवारी (9717208239), संजय कुमार (8375019223), अनुशा सिंह (8586049885), लॉ छात्र एस. फोगाट (9868454488), लोकेश चौधरी (8222840599), वेंकेटेश्वर कॉलेज के एलएल धाकर (9589270036), श्रद्धानंद कॉलेज से वंशिका (9871553657) से संपर्क कर सकते हैं।

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