- पिछले साल हमने यह स्कूल खोला था, जिसमें बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है- अरविंद केजरीवाल
- इस स्कूल के 32 बच्चों ने इस साल एनडीए की परीक्षा पास की है, अब ये बच्चे अफ़सर बनेंगे- अरविंद केजरीवाल
- नए इंस्टीट्यूट में एक-दो साल के अंदर सफलता की कहानी कम ही सुनने को मिलती है, पर हमारे बच्चों ने एक साल में ही कमाल कर दिखाया- अरविंद केजरीवाल
- किसी इंस्टीट्यूट को खड़ा करने के लिए कई एसओपी बनानी होती हैं, इतने कम समय में सारे एसओपी बन गए और आज रिजल्ट सामने है- अरविंद केजरीवाल
- देश की फौज में अच्छे ऑफिसर भेजने के लिए दिल्ली में पहले कोई इंस्टीट्यूट नहीं था, लेकिन अब एक सिस्टम बन गया है- अरविंद केजरीवाल
- आप सभी को देश के लिए कुछ कर गुजरने का एक मौका मिला है, इसलिए इसे करियर के नजरिए से मत देखना- अरविंद केजरीवाल
- अब आपको किसी मुश्किल से घबराना नहीं है, बल्कि देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए हमेशा तैयार रहना है- अरविंद केजरीवाल
- आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल के बच्चे एक साल में ही इतना शानदार रिजल्ट दे देंगे, हमें इतनी उम्मीद नहीं थी- आतिशी
- बच्चों ने सीएम केजरीवाल को कहा थैंक्स, स्कूल और हॉस्टल में अद्वितीय सुविधाओं की वजह से मिल सकी ये सफलता
- बच्चों ने कहा, ‘‘हमारी सोच से परे निकली स्कूल की शिक्षा व्यवस्था और हॉस्टल में रहने व खाने की सुविधाएं
- एनडीए की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल के 32 बच्चों से कैंप कार्यालय में मिले सीएम अरविंद केजरीवाल, दी बधाई
शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नया मुकाम हासिल कर रहे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल का नाम भी जुड़ गया है। इस स्कूल के पहले बैच के 32 बच्चों ने पहली बार में ही यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए की लिखित परीक्षा पास कर ली है। शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने कैंप ऑफिस में इन सभी बच्चों व शिक्षकों से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी और पहली बार में ही मिली इस ऐतिहासिक सफलता को अविश्वसनीय बताया। सीएम ने कहा कि पिछले साल हमने यह स्कूल खोला था। यहां बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है। इस स्कूल के 32 बच्चों ने इस साल एनडीए की परीक्षा पास की है। अब ये बच्चे अफ़सर बनेंगे। सीएम ने बच्चों से कहा कि देश के लिए कुछ कर गुजरने का आप सभी को एक मौका मिला है। अब आपको किसी मुश्किल से घबराना नहीं है, बल्कि देश के लि हमेशा तैयार रहना है। इस दौरान बच्चों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को थैंक्स किया और कहा कि स्कूल और हॉस्टल में अद्वितीय सुविधाओं की वजह से ये सफलता मिल सकी है। स्कूल की शिक्षा व्यवस्था और हॉस्टल में रहने व खाने की सुविधाएं हमारी सोच से परे पाई गई।
शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल के बच्चों से मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे लिए बच्चों की यह उपलब्धि किसी चमत्कार से कम नहीं है। क्योंकि शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल बिल्कुल नया स्कूल है और यह पहला बैच है। पिछले साल 27 अगस्त को जब मैं स्कूल का उद्घाटन करने गया था, तब मुझे खुशी हुई कि हम लोगों ने ऐसा स्कूल बनाया। जब भी कोई नया इंस्टीट्यूट बनता है तो एक-दो साल के अंदर सफलता की कहानी सुनने को कम ही मिलती है। लेकिन हमारे बच्चों ने पहले ही साल में कमाल करके दिखा दिया है। सभी बच्चों की जबरदस्त तपस्या रही और रहनी भी चाहिए। मुझे लगता है कि इसका सारा श्रेय अथॉरिटी, शिक्षकों और प्रशिक्षकों को जानी चाहिए। जब बच्चे स्कूल में आए तो तब कच्चे थे और इन्होंने सभी बच्चों को गढ़कर हीरा बनाया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी इंस्टीट्यूट को खड़ा करने के लिए हर क्षेत्र में एसओपी, करिकुलम बनाने पड़ते हैं। यूपीएससी का कोर्स पढ़ाया जाता था, उसके लिए अलग से ट्रेनर्स आते हैं। बच्चों के जो मॉक टेस्ट किए गए, उसे डिजाइन किया गया होगा। इतने कम समय के अंदर सारे एसओपी बनकर तैयार हो गए और वो सब बिल्कुल परफेक्ट था, क्योंकि उसका रिजल्ट सामने है। हमारे 76 में से 32 बच्चे पास हो गए। यह किसी जादू से कम नहीं है। इस सफलता के लिए अथॉरिटी बधाई के पात्र है। मुझे पूरी उम्मीद है कि एसएसबी की परीक्षा में भी सारे बच्चे बहुत अच्छा करेंगे। पिछले एक साल की आप सभी की तपस्या रही है और उसने परिणाम भी दिया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह स्कूल आपको आर्म्ड फोर्सेज में जाकर देश की सेवा करने का एक मौका देगा। हो सकता है कि इसमें कुछ बच्चे इसको करियर के रूप में देखेंगे। एनडीए बहुत अच्छा करियर है। इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन मेरी अपील है कि सभी बच्चे इसे करियर से अलग करके देखें। आप सभी को देश के लिए कुछ कर गुजरने का यह एक मौका मिला है। इसको इसी नजरिए से देखिएगा। जब यह तपस्या शुरू हो ही गई है तो कोई भी मुश्किल आए, उससे घबराना नहीं है। देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए अब आपको तैयार रहना है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि दिल्ली से एनडीए में पहले कभी बच्चे जाया करते थे। इसके लिए कोई इंस्टीट्यूट भी नहीं था और कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम भी नहीं था। लेकिन अब दिल्ली में एक सिस्टम बन गया है। अब दिल्ली भी देश के फौज में अच्छे ऑफिसर भेजना शुरू कर रही है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि पिछले साल हमने एक नया स्कूल खोला था, जिसमें बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है। उस स्कूल के 32 बच्चों ने इस साल एनडीए की परीक्षा पास की है। ये बच्चे अब अफ़सर बनेंगे। आज उन सभी बच्चों को मैंने अपने घर चाय पर बुलाया है।
हम सभी बच्चों को जल्द से जल्द इंडियन आर्म फोर्सेज के यूनिफार्म में देखना चाहते हैं- आतिशी
वहीं, शिक्षा मंत्री आतिशी ने एनडीए की लिखित परीक्षा पास करने वाले शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल के छात्रों को बधाई दी और कहा कि छात्रों की इस सफलता पर हम सभी को गर्व है। एक साल पहले जब हमने इस स्कूल की शुरूआत की थी तब हमें इस बात की उम्मीद तो थी कि हमारे बच्चे भी अच्छा करेंगे और दिल्ली के बच्चे भी आर्म्ड फोर्सेज में जाएंगे। हमारे बच्चे एक साल में ही इतना शानदार रिजल्ट दे देंगे, हमें इतनी उम्मीद नहीं थी। यह सभी के लगन और मेहनत का परिणाम है। आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल एक माध्यम है, जिसके एक माध्यम है, जिससे हम देश की सेवा कर सकते हैं। मुझे लगता है कि किसी युवा का इससे बडा और कोई सपना नहीं हो सकता है।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि इस उम्र में बच्चों की रूचि कपड़ों, आईफोन और मोटर बाइक आदि में होता है, आप लोग ये सबकुछ छोड़कर इस स्कूल में आए। इस उम्र के बच्चे सुबह से रात तक फोन पर होते हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी चीज है कि सभी बच्चों ने फोकस तरीके से देश के लिए कुछ करने के लिए सोचा और उसको प्राप्त करने के लिए कठिन मेहनत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एसएसबी की तैयारी और भी ज्यादा जरूरी है। यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए की लिखित परीक्षा में 7500 में 400 बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं। हम चाहेंगे कि हमारे सभी 32 बच्चे एसएसबी उत्तीर्ण करके एनडीए में जाएं। हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहेगा। हमें सभी बच्चों से उम्मीद है कि आपने पिछले एक साल में जितनी मेहनत की है, उससे दोगुनी मेहनत करेंगे। आज हम आप सभी को एएफपीएस के यूनिफार्म में देख रहे हैं, लेकिन हम आपको इंडियन आर्म फोर्सेज के यूनिफार्म में देखें।
केजरीवाल सरकार के आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल की उपलब्धियां
शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल के 32 छात्रों ने यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की है। इन 32 छात्रों में 9 लड़कियां भी शामिल हैं। इस स्कूल से 76 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। यह दिल्ली सरकार के आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल का पहला बैच है। इस स्कूल का उद्घाटन 27 अगस्त 2022 को सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया था। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की कुल संख्या के मामले में दिल्ली सरकार का आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल 32 छात्रों के चयन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर है। वहीं, 1966 में उत्तराखंड के घोड़ाखाल में स्थापित सैनिक स्कूल 37 छात्रों के चयन के साथ शीर्ष पर है, जबकि मोहाली में स्थित महाराणा रणजीत सिंह एएफपीआई 36 छात्रों के साथ दूसरे स्थान पर है।
यूपीएससी साल में दो बार (सितंबर और अप्रैल) राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करता है। योग्य छात्रों को सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के समक्ष उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस दौरान योग्य छात्रों का अंतिम चयन के लिए 5 दिनों में 19 मापदंडों पर मूल्यांकन किया जाता है।
सीएम केजरीवाल ने तैयारी को लेकर छात्रों से की बात
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने छात्रों से बात भी की। सीएम ने छात्रों से उनके चयन के बारे में जाना। कई छात्रों ने बताया कि पहले वे परीक्षा की तैयारी नहीं करना चाहते थे, लेकिन स्कूल में माहौल इतना अच्छा मिला कि उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और सफल भी हो गए। छात्रों ने बताया कि इस परीक्षा में 12 विषय थे जिसमें से 9 बाहरी विषय थे। इसके लिए उन्हें अलग से ये 9 विषय पढ़ने पड़े। छात्रों ने सीएम को बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए शाम को तीन से पांच बजे तक मैथ और अन्य विषय पढ़ाए जाते थे। साथ ही उन्हें स्पेशल क्लास भी दी जाती थी।
छात्रों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से साझा किए अनुभव
शिक्षकों और स्टाफ ने हमारी काफी मदद की- अदिति गौतम
छात्रा अदिति गौतम ने बताया कि एक साल पहले हमने स्कूल ज्वाइन किया था। शुरुआती दिनों में हॉस्टल में अच्छा नहीं लगा, क्योंकि यह पहली बार था। लेकिन धीरे-धीरे हम आपस में दोस्त बनन गए। सभी स्टाफ मेंमबर्स ने हमारी काफी मदद की। शाम के समय हमें यूपीएससी की क्लास दी जाती है, जिसमें हम लोग लिखित परीक्षा की तैयारी करते हैं। हमने पूरे साल सभी स्टाफ मेंबर्स के साथ कड़ी मेहनत की और रिजल्ट देखकर हम सभी काफी खुश हुए।
केजरीवाल सरकार के आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल को देखकर एनडीए में जाने का फैसला किया- प्रिंसी
छात्रा प्रिंसी ने बताया कि वो एनडीए की परीक्षा देना चाहती थीं लेकिन जब मैंने केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए इस स्कूल को देखा, तब एनडीए ज्वाइन करने का मन बनाया। शुरुआती दिनों में स्कूल के सेड्यूल का पालन करना थोड़ा मुश्किल था लेकिन यह समय के साथ हमारे लिए आसान होता गया। सभी टीचर्स और स्टाफ सदस्यों ने काफी मदद की और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल खोलने के लिए केजरीवाल सरकार का धन्यवाद- हिमांशु
छात्र हिमांशु ने बताया कि करीब 18 हजार बच्चों ने इग्जाम के लिए आवेदन किया था। इसके लिए हमें पूरे प्लान के साथ तैयारी कराई गई, जिसमें सारा सिलेबस, टेस्ट के साथ हमें टीचर्स का सहयोग मिला। इस स्कूल को खोलने के लिए मैं दिल्ली सरकार का धन्यवाद करना चाहूंगा। हिमांशु मे बताया कि उन्हें बॉक्सिंग में दिलचस्पी है और अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह उसमें भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे।
मुझे यहां टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन सीखने को मिला- शिव प्रहलाद मिश्रा
छात्र शिव प्रहलाद मिश्रा ने बताया कि मैंने यहां रहते हुए टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन सीखा। तैयारी के शुरुआती टेस्ट में मेरे काफी खराब अंक आते थे, लेकिन टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन के साथ तैयारी करने के बाद मेरे रिजल्ट में काफी सुधार हुआ।
इस स्कूल में आने से पहले मेरे अंदर आत्मविश्वास की कमी थी- मोहित
छात्र मोहित ने बताया कि इस स्कूल में आने से पहले मेरे अंदर आत्मविश्वास की काफी कमी थी। साथ ही आर्म्ड फोर्सेज के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन जब यहां आने का मौका मिला तो मेरा आत्म विश्वास काफी बढ़ गया। टीचर्स के सहयोग और इस कोर्स के साथ इस परीक्षा को पास करने में मदद मिली।
मैं मिडिल क्लास से हूं, मुझे इस तरह की सुविधाएं मिलने की उम्मीद नहीं थी- आशुतोष
छात्र आशुतोष कुमार ने बताया कि मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूं। आज मैं सबके सामने इतने आत्मविश्वास के साथ खड़ा हूं तो इसका श्रेय इस स्कूल को जाता है। मीडिल क्लास से होने की वजह से मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि मुझे इस तरह की सुविधा मिल सकती है। मेरे कई दोस्त जो सैनिक स्कूलों में पढ़ चुके हैं, उन्होंने बताया था कि हॉस्टल अच्छा नहीं होता, खाना अच्छा नहीं होता है। लेकिन यहां आकर चीजे बिल्कुल अलग थीं। हम सबमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा था और इस स्कूल ने हमें उसके लिए दिशा दी। मैं चाहता हूं कि हमारा स्कूल हमारे देश का प्रतिनिधित्व करे।
टीचर्स ने इस सफर में हमारी काफी मदद की- रूहानी शर्मा
छात्रा रूहानी शर्मा ने बताया कि मैं हमेशा से ही हॉस्टल लाइफ का अनुभव करना चाहती थी। यहां आकर मैंने कई अच्छे दोस्त बनाए और टीचर्स ने इस सफर में हमारी काफी मदद की, जिसके लिए मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद कहना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि हमारे स्कूल में आगे चलकर एनसीसी भी कराई जाए।
मैंने हॉस्टल के बारे में काफी बुरा सुना था लेकिन यहां सबकुछ शानदार मिला- कार्तिक तिवारी
छात्र कार्तिक ने बताया कि मैं 2020 से एनडीए की तैयारी कर रहा था। कोरोना के समय में मैंने एक सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया, जहां फ्रीडम फाइटर्स के बारे पढ़ने के बाद मुझे अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। मैंने हॉस्टल के बारे में काफी बुरा सुना था लेकिन यहां सबकुछ शानदार है। यहां के टीचर्स और स्टाफ ने हमें काफी सपोर्ट दिया।
आधुनिक सुविधाओं से लैस 14 एकड़ में फैला है ये स्कूल
20 दिसंबर 2021 को सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संपन्न दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में एक ऐसा विशेष स्कूल बनाया जाए, जहां पर बच्चों को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें। एक साल से भी कम समय में दिल्ली सरकार द्वारा इस स्कूल को तैयार कर लिया गया और 27 अगस्त 2022 की सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका उद्घाटन किया। यह स्कूल 14 एकड़ में फैला है जो सभी सुविधाओं से लैस मॉडर्न स्कूल है। यह स्कूल दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हिस्सा और दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त है।
आवासीय सुविधा के साथ स्कूल में मुफ्त ट्रेनिंग
यह स्कूल पूरी तरह से निःशुल्क है और आवासीय है। लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग हॉस्टल है। स्कूल में बच्चों अंदर फौज में ऑफिसर की जो क्वालिटी होती है, उस स्तर की क्वालिटी विकसित की जाती है। स्कूल में एनडीए समेत दूसरी आर्म्ड सर्विसेस के लिए बच्चों को तैयार किया जाता है। ट्रेनिंग देने के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी खासकर सेवानिवृत्त आर्मी या एयरफोर्स ऑफिसर को रखा जाता है। दिल्ली में रहने वाला कोई भी बच्चा 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिला ले सकता है।
वर्तमान में इस स्कूल में कक्षा 9वीं, 10वीं व 12वीं में कुल 237 छात्र नामांकित हैं। कक्षा 12वीं में 76 बच्चे है जिनमे से सभी ने एनडीए की परीक्षा दी और इनमें से 32 बच्चों ने लिखित परीक्षा पास की है।