*निगम बजट में किसी प्रकार के टैक्स बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव का कांग्रेस पार्षद पुरजोर विरोध करेंगे।
दिल्ली नगर निगम के पूर्व नेता श्री जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा तय तारीख के बावजूद अंतिम समय बजट पेश नही कर पाना निगम में बदइंतजामी का नतीजा दिखाता है। उन्होंने कहा कि निगम ने द्वारा बजट नही पेश करने और बजट की कॉपी तक निगम पार्षदों को मुहैया न कराने पर कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। इतिहास में पहली बार हुआ है कि दिल्ली नगर निगम का तय बजट निर्धारित समय पर पेश नही हुआ और पोस्टपोन कर दिया गया, जबकि निगम आयुक्त द्वारा निगम की आम बैठक में बजट पेश होना 3-4 दिना पहले तय हुआ था। महापौर के आदेश के बाद निगम सचिव ने अचानक बजट को पोस्टपोन करने के संबधित आदेश जारी कर दिए और विचित्र बात है कि कोई कारण निगम पार्षदों को बताया तक नही गया जिससे संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई।
जितेन्द्र कुमार कोचर ने हैरानी जताते हुए कहा कि कि महापौर को बजट प्रस्तुत करने से 2 घंटे पहले अचानक याद आया कि बजट के लिए जनता से भी राय मश्वरा करना है जबकि निगम आयुक्त ने बजट को फाइनल कर आज पेश करने की तैयारी कर ली थी। इस सबसे यह दर्शाता है कि महापौर और निगम आयुक्त के बीच कोई तालमेल नही है और आपसी संवाद भी नही हो रहा है।
निगम में कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश ने कहा कि जिस तरह की बजट को लेकर खबरे सामने आ रही है कि इस वर्ष 2023-24 के लिए 15523 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया गया था, जिसमें से 16023 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित था, इससे तय है कि लगभग 500 करोड़ घाटे का बजट पेश होगा और इस घाटे को पूरा करने के लिए नगर निगम संपत्ति कर से राजस्व बढ़ाने से लेकर टोल टैक्स से राजस्व बढ़ाने की किसी प्रकार की योजना का कांग्रेस पार्टी के पार्षद सदन में बजट का पुरजोर विरोध करेंगे, क्योंकि इससे दिल्लीवासियों पर बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के सत्ता की लालसा के कारण निगम चुनाव को एक साल पूरा होने के बावजूद दिल्ली में नगर निगम द्वारा विकास के काम ठप पड़े है और निगम पार्षद अपने क्षेत्र में जनता के विकास कार्य नही करवा पा रहे हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय ने कहा कि भाजपा व आम आदमी पार्टी की नूरा कुश्ती की वजह से स्थायी समिति का गठन नहीं होने के कारण इतिहास में पहली बार सीधा निगम के सदन में बजट पेश करने का निर्णय हुआ है। निगम की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी का गठन नहीं हो पाया है जिसके कारण बजट स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि नियमानुसार यह बजट स्थायी समिति के समक्ष पेश किया जाता है। वार्ड समितियों से लेकर तदर्थ और विशेष समितियां अपना बजट स्थायी समिति को देती थीं, लेकिन दिल्ली की जनता का दुर्भाग्य है कि स्थायी समिति सहित नगर निगम में अब तक इन समितियों का गठन ही नहीं हुआ है।