यूपीए ने देश को बना दिया था पंगु, एनडीए ने दौड़ाया विकास के मार्ग पर : बिधूड़ी

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*भ्रष्टाचार और कुप्रशासन से जनता का विश्वास उठ गया था

*मोदी जी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में स्थापित किए नए-नए कीर्तिमान

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि एनडीए सरकार ने आर्थिक मंच पर देश को जो मजबूती प्रदान की है, वह अद्वितीय है। यूपीए सरकार के दौरान देश आर्थिक संकट में फंसा हुआ था, प्रशासन पूरी तरह से पेरेलाइज था, भ्रष्टाचार अपने चरम पर था और भ्रष्टाचार के कारण जनता का सरकार पर विश्वास पूरी तरह डगमगाया हुआ था। विश्व में भारत की छवि और प्रभाव लगातार कम होता जा रहा था। पिछले दस सालों में देश ने तेजी से प्रगति की है और हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

इस संवाददाता सम्मेलन को भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता श्री अनिल गुप्ता ने संचालित किया।

भाजपा सरकार द्वारा यूपीए सरकार पर लाए गए श्वेत पत्र पर बिधूड़ी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान प्रतिदिन किसी नए घोटाले की गूंज सुनाई देती थी। कोयला आवंटन घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, टू जी टेलीकॉम घोटाला, शारदा चिटफंड घोटाला, आईएनएक्स मीडिया घोटाला, एयरसेल घोटाला, एंट्रिक्स-देवास डील, नौकरी के लिए जमीन घोटाला, पंचकूला और गुरुग्राम में जमीन घोटाला, हॉक विमान खरीद घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड हैलीकॉप्टर घोटाला, जैसे न जाने कितने घोटाले हुए। इन घोटालों में सत्तारूढ़ कांग्रेस और यूपीए के सहयोगी दलों के नेता संलिप्त पाए गए लेकिन सरकार मजबूर दिखाई दी। यूपीए सरकार ने अपना अस्तित्व बचाने के लिए देश को दांव पर लगा दिया।

बिधूड़ी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2014 के पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा जो श्वेतपत्र पेश किया है, उसमें यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में बताया गया है। तत्कालीन सरकार आर्थिक क्रियाकलापों को सुचारु रूप से चलाने में पूरी तरह फेल रही। उसकी जगह पर सरकार की ओर से लिए गए फैसले देश को आगे ले जाने की बजाय और पीछे ले गए।

बिधूड़ी ने कहा कि वाजपेयी सरकार ने यूपीए सरकार को मजबूत आर्थिक स्थिति दी थी लेकिन जब उसने दस साल बाद शासन छोड़ा तो देश की अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब स्थिति में थी। देश कर्जों से घिरा हुआ था। पांच सालों तक मुद्रास्फीति लगातार दो अंकों में बनी रही थी। देश की कमजोर आर्थिक स्थिति और अस्थिर सरकार के कारण कोई भी निवेश का जोखिम नहीं उठा रहा था। विदेशी निवेशक तो क्या, स्वदेशी उद्योगपति भी निवेश करने से कतरा रहे थे।

बिधूड़ी ने यूपीए सरकार के दस सालों की तुलना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार से की। उन्होंने कहा कि जब 2014 में एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था न केवल खराब स्थिति में थी, बल्कि संकट में थी। हमें एक दशक से कमजोर अर्थव्यवस्था को ठीक करने की जटिल चुनौती मिली थी। तब हम विश्व की सबसे नाजुक पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक थे, आज हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। तब दुनिया का भारत की आर्थिक क्षमता और गतिशीलता पर से भरोसा उठ गया थां। अब, हमारी आर्थिक स्थिरता और विकास पूरे विश्व में भारत के प्रति आशाएं जागृत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यूपीए शासनकाल में भारत की साख तब मिट्टी में मिली जब हम कॉमनवेल्थ गेम्स का सही तरह से आयोजन नहीं कर पाए जबकि एनडीए सरकार ने 2023 में साल भर चलने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन करके भारत के नाम का डंका बजा दिया है। तब, हमारे देश में महंगाई दर दोहरे अंक में थी; अब, मुद्रास्फीति को घटाकर 5 प्रतिशत के पास कर दिया गया है। तब, हमारे सामने विदेशी मुद्रा संकट था और अब, हमारे पास 620 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार है। तब, हम पॉलिसी पैरालिसिस से जूझ रहे थे, अब हम तेजी से विकास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में भारत ने भरपूर तरक्की की है। तब इलेक्ट्रोनिक्स निर्यात 7.6 बिलियन डॉलर था, आज निर्यात बढ़कर 22.7 बिलियन डॉलर हो चुका है। तब विदेशी निवेश 305 बिलियन डॉलर और आज 596.5 बिलियन डॉलर है। तब 29 फीसदी जनता गरीबी रेखा से नीचे थी, अब 11 फीसदी ही रह गई है। तब केवल 350 स्टार्ट अप थे, आज 1 लाख 17 हजार से ज्यादा हैं। तब मेट्रो वाले शहर सिर्फ 5 थे, आज 20 हो चुके हैं। तब राष्ट्रीय राजमार्ग 25.7 हजार किमी. थे लेकिन दस वर्षों में ही दुगुने से भी ज्यादा करीब 55 हजार किमी. हो गए हैं। तब रेल दुर्घटनाओं का औसत 233 था, अब केवल 34 है। टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय 12.2 मिनट था जो घटकर सिर्फ 47 सेकिंड रह गया है। ऊर्जा क्षमता 249 गीगा वॉट से बढ़कर 429 गीगा वॉट हो गई है। तब बिजली औसतन 12 घंटे उपलब्ध रहती थी, अब 20 घंटे हो गई है। हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 149 हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज भी 387 से बढ़कर 706 हो गए हैं। विश्वविद्यालयों की संख्या 676 से बढ़कर 1168 हो चुकी है। एलपीजी कनेक्शन 14.5 करोड़ से बढ़कर 31.4 करेड़ और पीएनजी कनेक्शन 22.3 लाख से बढ़कर 1.19 करोड़ हो चुके हैं। पानी के कनेक्शन भी 3.2 करोड़ से दस सालों में बढ़कर 13.8 करोड़ हो गए हैं। ब्रॉडबैंड इस्तेमाल करने वालों की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 90 करोड़ हो चुकी है।

बिधूड़ी ने कहा कि ये आंकड़े यूपीए सरकार की विफलता की और एनडीए सरकार की सफलता की कहानी कह रहे हैं। यूपीए ने देश को गर्त में डाल दिया था और मोदी जी के नेतृत्व में अब भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है।

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