जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को भेजी 42 विधायकों से आई शिकायतें; कड़े शब्दों में दिए निर्देश-जल बोर्ड से जुड़ी सभी समस्याओं का 15 मार्च तक किया जाए समाधान

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*दिल्ली में सीवर ओवर फ्लो, दूषित पानी और पाइपलाइन लीकेज की शिकायतें गंभीर, विधायकों ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी शिकायतें

*समस्याएँ इतनी गंभीर की 9 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को रद्द करनी पड़ी नियम 280 के तहत चर्चा ताकि दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मुद्दों पर हो सके बात

*जल बोर्ड की समस्याओं को सुलझाने के लिए जल मंत्री द्वारा मुख्य सचिव को दिया गया था एक सप्ताह का अल्टीमेटम

जल मंत्री का निर्देश-

*मुख्य सचिव जल बोर्ड को लेकर भेजी गई सभी शिकायतों के समाधान की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रतिदिन शाम 6.00 बजे सौंपे

*मुख्य सचिव विधानसभा के समक्ष 15.03.2024 को प्रस्तुत करने के लिए 14.03.2024 तक सभी समस्याओं की एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे-जल मंत्री आतिशी

*मुख्य सचिव 15 मार्च को विधानसभा के सत्र में अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति करें सुनिश्चित-जल मंत्री आतिशी

*08 मार्च की भी जल मंत्री ने मुख्य सचिव को भेजी थी 80 शिकायतें

जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को 42 विधायकों से आई शिकायतें भेजी। उन्होंने मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए जल बोर्ड से जुड़ी सभी समस्याओं का 15 मार्च तक समाधान करने का अल्टीमेटम दिया।

बता दें कि, दिल्ली में सीवर ओवर फ्लो, दूषित पानी और पाइपलाइन लीकेज की समस्याओं को लेकर विधायकों ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शिकायतें सौंपी थी। जहां जल बोर्ड अधिकारियों द्वारा समस्याओं पर संज्ञान न लेने की बात कही गई थी। ये समस्याएँ इतनी गंभीर थी कि, 9 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को नियम 280 के तहत चर्चा रद्द करनी पड़ी ताकि दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सके।

बीते दिनों भी जलमंत्री ने जल बोर्ड से संबंधित 80 शिकायतों को मुख्य सचिव को भेजा था। आज इन सभी शिकायतों के आलोक में जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा है कि, मुख्य सचिव द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि, उन्हें भेजी गई सभी शिकायतों को 15.03.2024 तक हल किया जाए, साथ ही इनके दीर्घकालिक समाधान भी सुनिश्चित किया जाए।

जल मंत्री आतिशी ने निर्देश देते हुए कहा कि, मुख्य सचिव इन शिकायतों के समाधान की प्रोग्रेस रिपोर्ट हर शाम 6 बजे तक जल मंत्री की भेजे साथ ही 15 मार्च को विधान सभा सदन में प्रस्तुत करने के लिए मुख्य सचिव 14 मार्च तक इन सभी समस्याओं की एक विस्तृत प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जल मंत्री को सौंपे। जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव की 15 मार्च को विधानसभा के विशेष सत्र में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए।

जल मंत्री ने मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि, दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों द्वारा सीवर ओवरफ्लो, दूषित जल और पाइपलाइन लीकेज से संबंधित मुद्दे बार-बार उठाए गए हैं। दिनांक 09.03.2024 को भी कई विधायकों ने माननीय विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शिकायतें भेजीं। दिल्ली में ये मुद्दा इतना गंभीर बन चुका है कि, माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 280 के तहत चर्चा रद्द कर दी ताकि दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सके। दिल्ली में जल प्रदूषण और सीवर ओवरफ्लो से जुड़ी समस्याएं इतनी गंभीर हो गई हैं कि लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

बता दें कि इन सभी समस्याओं को देखते हुए, दिल्ली विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसके अनुसार :-

  1. पानी और सीवरेज के मुद्दों से संबंधित विधायकों द्वारा उठाई गई सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं।
  2. मुख्य सचिव को सभी शिकायतों के समाधान के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है और इस सप्ताह के दौरान मुख्य सचिव को दैनिक रिपोर्ट जल मंत्री को देनी होगी।
  3. विधानसभा की बैठक विशेष रूप से इसी उद्देश्य से 15.03.2024 को बुलाई जाएगी, जहां मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा।

आज जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को दिल्ली के 42 विधायकों से जल बोर्ड को लेकर आई शिकायतों को भी भेजा और उस बाबत निर्देश देते हुए कहा कि,

  1. मुख्य सचिव, जल बोर्ड को लेकर भेजी गई सभी शिकायतों को 15.03.2024 तक हल करना सुनिश्चित करे साथ ही इनके दीर्घकालिक समाधान भी तैयार किए जाए।
  2. मुख्य सचिव इन शिकायतों के समाधान की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रतिदिन शाम 6.00 बजे तक जल मंत्री की भेजे।
  3. मुख्य सचिव विधानसभा के समक्ष 15.03.2024 को प्रस्तुत करने के लिए 14.03.2024 तक जल मंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे।
  4. मुख्य सचिव 15.03.2024 को विधानसभा के सत्र में में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें।

बता दें कि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार – मुख्य सचिव को हालांकि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन उन मामलों पर चुनी हुई सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए जिन पर उनकी कार्यकारी क्षमता का विस्तार होता है।

इस बाबत जल मंत्री ने मुख्य सचिव को चुनी हुई सरकार के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए है।

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