आप ने नक़ली सामान बनाने वाली फ़ैक्ट्री या नक़ली सामान बेचने वाले गैंग का भंडाफोड़ के कई मामलों के बारे में सुना या पड़ा होगा या नक़ली वीज़ा पर हवाई यात्रा बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी फ़र्ज़ी वीज़ा बनाने वाली फ़ैक्ट्री के बारे में कभी सुना है। निश्चित ही आपका उत्तर होगा , नहीं। लेकिन दिल्ली पुलिस की आई जी आई एयरपोर्ट पुलिस टीम ने एक ऐसे फ़र्ज़ी वीज़ा चलाने वाली फ़ैक्ट्री के गैंग का भंडाफोड़ किया है। जो कि ऑन डिमांड पर किसी भी देश का वीज़ा केवल 20 से 25 मिनट में तैयार कर देते थे। नक़ली वीज़ा भी ऐसा बिलकुल असली वीज़ा की तरह होता था। जिसकी क़ीमत क़रीब 7 लाख रुपया होती थी। गैंग के लोग इतने शातिर हैं। कोई ग्राहक ढूंढता, कोई वीज़ा तैयार करता। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का नाम मनोज मोंगा, शिवा गौतम उर्फ़ नेपाली , नवीन उर्फ़ राना , बलबीर सिंह, जसविंदर सिंह उर्फ़ मेनटी, छठा आरोपी आसिफ़ अली, और सातवा संदीप नाम का यात्री है। दिल्ली के तिलक नगर में पिछले क़रीब पाँच सालों से फ़र्ज़ी वीज़ा बनाने वाली फ़ैक्ट्री चल रही थी। पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ कर भारी मात्रा में पासपोर्ट फ़र्ज़ी वीज़ा बनाने का सामान प्रिंटर, लैपटॉप कई पासपोर्ट अन्य कई सामान बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार दो सितम्बर को आई जी आई एयरपोर्ट पर एक यात्री जिसका नाम संदीप है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र का रहने वाला है। दिल्ली के आई जी आई एयरपोर्ट से इटली के रोम देश में जाने वाला था। जहाँ से ही यात्री का पासपोर्ट चेक किया गया तो उस पर स्वीडिश देश का नक़ली वीज़ा था। पुलिस ने संदीप को हिरासत में लेकर हुई पूछताछ करी तो संदीप ने पुलिस को बताया कि वह पैसा कमाने के लिए विदेश जाना चाहता था। बताया जाता है कि संदीप के जानकार के द्वारा आसिफ़ अली नाम का व्यक्ति ने मनजोत नाम के व्यक्ति से मिलवाया था और वह 10 लाख रुपया में योरोपीय देश के वीज़े पर लोगों को विदेश भेजता था। संदीप की बात 7 लाख रुपये में तय हुई जोकि दो बैंक खातों में पैसे डालने थे और 50, हज़ार रुपया नगद देने की बात हुई थी। एजेंट आसिफ़ अली की साथी नवीन राना और शिवा गौतम ने मिलकर स्वीडिश वीज़ा का रोम देश के भेजने के लिए इंतज़ाम किया था। परंतु पुलिस की चौकस निगरानी के चलते फ़र्ज़ी वीज़ा बनाने वाली फ़ैक्ट्री के गैंग का भंडाफोड़ किया गया। आसिफ़ अली, शिवा गौतम नवीन राना को गिरफ़्तार करने के बाद पूछताछ में शिवा गौतम ने ख़ुलासा किया कि एजेंट बलवीर सिंह जिसकी उम्र 65 वर्ष है। वह उनके संपर्क में था। पुलिस ने बलवीर सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ करी तो फ़र्ज़ी वीज़ा के तार एक एजेंट जसविंदर सिंह नाम के व्यक्ति तक पहुँचे यह वीज़ा जसविंदर सिंह द्वारा उपलब्ध कराया गया था। पुलिस ने जसविंदर सिंह को गिरफ़्तार कर पूछताछ करी तो उसने पुलिस को बताया कि यह वीज़ा मनोज मोंगा ने तैयार किया था जोकि फ़र्ज़ी वीज़ा तैयार करने का खिलाड़ी है। पुलिस की टीम ने तिलक नगर के अशोक नगर में छापा मारकर इस फ़र्ज़ी वीज़ा रैकेट का भंडाफोड़ किया। बताया जाता है कि मनोज मोंगा ने स्वीकार किया है कि वे किसी भी देश के लिए फ़र्ज़ी वीज़ा ऑन डिमांड पर तैयार कर देता था। मनोज ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह जयदीप नाम के व्यक्ति से पाँच साल पहले संपर्क में आया था। उसे ने ही मनोज मोंगा को इस फ़र्ज़ी वीज़ा रैकेट चलाने का आइडिया दिया था। वह पिछले 5 वर्षों से इस फ़र्ज़ी वीज़ा रैकेट चलाने में जुटा हुआ था। इस पूरे मामले को लेकर टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना ने जब आई जी आई एयरपोर्ट की DCP ऊषा रंगनानी से एक्सक्लूसिव बात करी। देखिए हमारे वरिष्ठ संवाददाता की इस विशेष रिपोर्ट में
बहरहाल पुलिस ने आरोपियों के क़ब्ज़े 30 फ़र्ज़ी वीज़ा स्टिकर, 23 देशों के फ़र्ज़ी रबर स्टैम्प, तीन इटली के फ़र्ज़ी PR कार्ड , 3 लकड़ी की डाई, 4 देशों के मेटल डाई , 1 ईमबोस डाई, 1 अल्ट्रा वॉलेट फ़ीचर मशीन , 14 असली नेपाली पासपोर्ट, दो भारतीय पासपोर्ट, 3 प्रिंटर 1 स्कैनर , एक बड़ी गमशीट, 14 प्लास्टिक लैमिनेशन शीट , 6 वॉटर मार्क शीट, एक बंडल लिफ़ाफ़े का जिस पर VFS ग्लोबल लिखा हुआ । एक लैपटॉप एक कम्प्यूटर और स्टेशनरी का सामान बरामद किया है। पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है। टोटल ख़बरें दिल्ली से राजेश खन्ना की विशेष रिपोर्ट।