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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने एनडीएमसी ट्यूलिप महोत्सव – 2025 का उद्घाटन किया ट्यूलिप वॉक महोत्सव में भाग लिया। इस मौक़े पर एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल की उपस्थिति में नई दिल्ली में शांति पथ, चाण्क्यपुरी में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा आयोजित ट्यूलिप प्रदर्शनी का भी दौरा किया। एनडीएमसी ट्यूलिप महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने एनडीएमसी के प्रयासों और कड़ी मेहनत से फूलों की देखभाल करने वाले तथा इन फूलों से यहां की खूबसूरती को फैलाने वाले मालियों को बधाई दी और कहा कि इस वर्ष 3.25 लाख ट्यूलिप लगाए गए हैं। डीडीए के 20 पार्कों में भी इस बार कुछ ट्यूलिप लगाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के पालनपुर में 15 हजार ट्यूलिप भारत में ही विकसित किए गए हैं, जिन्हें नई दिल्ली में भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले चार वर्षों में आयात पर निर्भरता को कम करना है। उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली को और अधिक खूबसूरत बनाना है, जिसके लिए ऐसे प्रयास जारी रहेंगे। इस सहयोग के कारण नीदरलैंड के साथ जो मैत्री बनी है, उससे एक ट्यूलिप के पौधे का नाम “मैत्री” रखा गया है। इस अवसर पर नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा कि हम अपने दोनों देशों के बीच दोस्ती का उत्सव मनाने के लिए ट्यूलिप लगा रहे हैं। हम देख सकते हैं कि ट्यूलिप उगाने से दिल्ली शहर कितना अच्छा लग रहा है। लेकिन, ज़ाहिर है, ट्यूलिप के अलावा भी बहुत कुछ है, जो हमारे दोनों देशों को एक साथ जोड़ता है। हमारे बीच एक मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध है, जो बहुत पुराना है। हम कृषि, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और नवाचार जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन क्षेत्रों में बहुत मजबूत साझेदार हैं। पिछले दो वर्षों में से मिली सफलता और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी जनता से मिली सराहना के बाद, एनडीएमसी ने एनडीएमसी ट्यूलिप फेस्टिवल – 2025 के अपने तीसरे संस्करण का आयोजन करके भारत की राजधानी – नई दिल्ली के केंद्र में अपने खिलते ट्यूलिप के साथ वसंत ऋतु का स्वागत कर रही है। एनडीएमसी ने मौसमी उपयुक्तता का आकलन करने के लिए परीक्षण के रूप में 2017-18 में अपने ट्यूलिप बल्ब लगाना शुरू कियाथा। ट्यूलिप के 17,000 बल्बों से शुरू हुई यह पहल तब से नई दिल्ली के पुष्प सौंदर्यीकरण की एक वार्षिक परंपरा बन गई है। यह पहल एक बड़ी सफलता साबित हुई है, जिससे एनडीएमसी सार्वजनिक स्थान पर इन कीमती फूलों को लगाने वाला भारत का पहला नागरिक निकाय बन गया है। बता दें कि इस वर्ष, एनडीएमसी ने 3.25 लाख ट्यूलिप बल्ब आयात किए और इनमें से 2.25 लाख खुले स्थान पर लगाए, जिसमें 1.46 लाख ट्यूलिप बल्ब अकेले चाणक्यपुरी क्षेत्र में शांति पथ पर लगाए गए है। भंडारण एवं मल्टीप्लिकेशन के माध्यम से परीक्षण के तौर पर 10,880 बल्ब तैयार किये गये और इन्हें रोपित भी कर दिया गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्सेज टेक्नोलॉजी – सीएसआईआर के सहयोग से, हिमाचल प्रदेश के पालनपुर में 14735 बल्बों का उत्पादन किया गया और इस ट्यूलिप महोत्सव में रोपण के लिए प्राप्त किया गया। पहली बार एनडीएमसी ने एक लाख ट्यूलिप फूलों के गमले बनाए हैं और उन्हें शांतिपथ लॉन, लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, तालकटोरा गार्डन, सेंट्रल पार्क और एनडीएमसी नर्सरी (सफदरजंग मदरसा, गुरुद्वारा पार्क, पुराना किला रोड आदि) में आम जनता को उपलब्ध कराने के लिये बिक्री के लिए रखा है। इस वसंत ऋतु में, नई दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों जैसे शांतिपथ लॉन, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर लॉन, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, सरदार पटेल मार्ग, मंडी हाउस, विंडसर प्लेस, शेरशाह सूरी मार्ग और कई राउंड अबाउट्स पर ट्यूलिप बल्ब खिल रहे हैं। नई दिल्ली लाल, सफेद, पीले, बैंगनी, गुलाबी, दो रंग और नारंगी रंग के खिलते ट्यूलिप के जीवंत रंगों से सजी हुई है।  एनडीएमसी के प्रमुख क्षेत्रों में ट्यूलिप अब पूरी तरह से खिल चुके हैं और रंगों की शानदार छटा बिखेर रहे हैं। जनता खुले स्थानों पर इन पुष्प प्रदर्शनियों का आनंद ले रही है। ट्यूलिप के इतिहास और शांतिपथ के आसपास के स्मारकों के इतिहास के साथ ट्यूलिप की विविधता के आधार पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी है, जिसे शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में खिलते हुए ट्यूलिप के आसपास प्रदर्शित किया गया है। एनडीएमसी के 1,450 एकड़ के हरे-भरे स्थान को बनाए रखने के प्रयास में नेहरू पार्क, सेंट्रल पार्क, संजय झील, तालकटोरा गार्डन, लोधी गार्डन, 52 राउंडअबाउट, एवेन्यू रोड की हरी पट्टियाँ, कॉलोनी पार्क आदि जैसे प्रमुख पार्क शामिल हैं। ट्यूलिप न केवल लुटियंस दिल्ली की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि निवासियों और आगंतुकों के लिए एक सकारात्मक और सुखद अनुभव भी प्रदान करते हैं। ये फूल वायु प्रदूषण और धूल प्रदूषण को कम करने में भी योगदान देते हैं।
एनडीएमसी अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से नई दिल्ली की सुंदरता और जीवंतता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि कर रही है, जिसमें ट्यूलिप रोपण परियोजना एक अधिक सौंदर्यपूर्ण और समृद्ध राजधानी शहर की परिषद की निरंतर खोज के प्रमाण के रूप में काम कर रही है। यह पहल एनडीएमसी को अन्य नागरिक निकायों के लिए एक रोल मॉडल बनाती है, जो दर्शाती है कि कैसे शहरी हरियाली, एक शहर को और अधिक रहने योग्य और प्रेरणादायक स्थान में बदल सकती है। आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना की विशेष रिपोर्ट में मीडिया से बात करते हुए उपराज्यपाल और नीदरलैंड अम्बेसडर ने क्या कहा।


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