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INDIA PULSES & GRAINS ASSOCIATION के द्वारा द पल्सेस कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन दिल्ली के बावजूद प्रगति मैदान स्थित भारत मण्डपम में हुआ। तीन दिवसीय कॉन्क्लेव के दूसरे दिन। केंद्र सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त आयाद को फरवरी से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस मामले में गुरुवार को INDIA PULSES & GRAINS ASSOCIATION अध्यक्ष बिमल कोठारी ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिसमूह (जीओएम) की बैठक में चर्चा की जाएगी। द पल्सेस कॉन्क्लेव 2025 के मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, “हम पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को रोक रहे हैं।” श्री जोशी ने कहा कि खाद्य मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी दे दी है और पीली मटर पर सीमा शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय जीओएम द्वारा लिया जाएगा। बता दें कि सरकार ने दिसंबर 2023 में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी और बाद में इसे 28 फरवरी तक तीन बार बढ़ाया था। इस बीच, सरकार किसानों के हित में पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है। दालों के सम्मेलन के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह (पीली मटर का शुल्क मुक्त आयात) आगे नहीं बढ़ाया जाएगा या आयात पर कुछ प्रतिबंध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 कैलेंडर वर्ष के दौरान भारत का पीली मटर आयात कुल 67 लाख टन दालों के आयात में से 30 लाख टन रहा। “पिछले साल हमारा दाल उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था और कीमतें अधिक थीं, इसलिए हमें आयात करना पड़ा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस साल हम इतनी ही मात्रा में आयात करने जा रहे हैं, यह बहुत कम होगा। पीली मटर के आयात पर संभावित प्रतिबंधों के साथ, कोठारी ने कहा कि अधिक घरेलू उत्पादन के कारण चालू वर्ष में अनुमानित 5.5 मिलियन टन से 2025-26 वित्त वर्ष में देश का कुल दाल आयात घट सकता है। उद्योग को उम्मीद है कि सरकार पीली मटर पर 15-20 प्रतिशत आयात शुल्क लगा सकती है। आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना की इस रिपोर्ट में INDIA PULSES & GRAINS ASSOCIATION के अध्यक्ष एवं अन्य अतिथियों ने प्रैस वार्ता में क्या कहा।

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