केंद्र की भाजपा सरकार ने जीएनसीटीडी एक्ट में असंवैधानिक संशोधन कर उपराज्यपाल को शक्तियां दी हैं, जिनका गलत इस्तेमाल कर एलजी शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर जाने से रोक रहे हैं- मनीष सिसोदिया

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  • दिल्ली सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहती है लेकिन एलजी उसमें टांग अड़ा रहे हैं- मनीष सिसोदिया
  • केजरीवाल सरकार के काम रोकने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन कर एलजी को शक्तियां दी हैं- मनीष सिसोदिया
  • उपराज्यपाल वीके सक्सेना असंवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर जाने से न रोकें- मनीष सिसोदिया
  • पंजाब की सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है तो दिल्ली सरकार भी भेज सकती है- मनीष सिसोदिया
  • हमारे लिए बेहद गर्व की बात कि दिल्ली के अनुभव से सीखते हुए पंजाब सरकार ने अपने पहले ही साल में शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है- मनीष सिसोदिया

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जीएनसीटीडी एक्ट में असंवैधानिक संशोधन कर उपराज्यपाल को शक्तियां दी हैं। इनका गलत इस्तेमाल कर एलजी शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर जाने से रोक रहे हैं। दिल्ली सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहती है लेकिन एलजी उसमें टांग अड़ा रहे हैं। केजरीवाल सरकार के काम रोकने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन कर एलजी को शक्तियां दी हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना असंवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर जाने से न रोकें। उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है तो दूसरे राज्य की सरकार भी भेज सकती है। हमारे लिए बेहद गर्व की बात कि दिल्ली के अनुभव से सीखते हुए पंजाब सरकार ने अपने पहले ही साल में शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना, असंवैधानिक रूप से कानून का दुरुपयोग करते हुए दिल्ली सरकार के स्कूल के शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर जाने से न रोकें। एक तरफ पंजाब की सरकार है जो अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है। उसी संविधान के तहत दिल्ली की सरकार है अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहती है लेकिन नहीं भेज पा रही है, क्योंकि एलजी साहब उसमें टांग अड़ा रहे है। जब देश में एक राज्य की सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है तो दूसरे राज्य की सरकार भी भेज सकती है। भाजपा की केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन कर एलजी अवैध शक्तियां दी हैं। उन असंवैधानिक शक्तियों के कारण दिल्ली सरकार अपने शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए नहीं भेज पा रही है। शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना है तो उपराज्यपाल की सहमति की जरुरत नहीं होती है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जीएनसीटीडी एक्ट में असंवैधानिक बदलाव के कारण एलजी हर चीज में टांग अड़ा रहे है। संविधान में जितनी स्वतंत्रता पंजाब या किसी और राज्य के सरकार को अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेशों में भेजने की है उतनी ही स्वतंत्रता दिल्ली सरकार को भी है। एलजी द्वारा इसे रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। उपराज्यपाल ऐसा न करें और दिल्ली के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें।

उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत गर्व कि बात है कि हमारी जहां भी सरकार बनती है, वहां आम आदमी पार्टी पूरी शिद्दत के साथ शिक्षा पर काम करना शुरू कर देती है। इसी दिशा में पंजाब के बच्चों को शानदार शिक्षा देने के लिए पंजाब चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने पंजाब के लोगों से जो वादा किया था, उसपर खरा उतरते हुए पंजाब में मान साहब की सरकार ने अच्छे स्कूल बनाने पर काम करना शुरू कर दिया। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना शुरू कर दिया। साथ-साथ दिल्ली के अनुभव से सीखते हुए पंजाब सरकार ने अपने पहले ही साल में शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है। हमने सरकार में आने के बाद दूसरे-तीसरे साल में अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजना शुरू किया था। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के अनुभवों से सीखकर सरकार बनने के पहले ही साल में अपने शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब जैस से बड़ी संख्या में बच्चे देश-विदेश में शिक्षा लेने जाते हैं। ऐसे में अगर हम वहां से अपने शिक्षकों को ही विदेशों में ट्रेनिंग दिला दें तो हमारे बच्चों को विदेशों में पढने जाने की जरुरत नहीं होगी। इस कंसेप्ट पर हमने दिल्ली में काम किया और अब पंजाब में भी काम कर रहे हैं। यह बेहद ख़ुशी की बात है कि पंजाब सरकार के 36 शिक्षक और 2 एजुकेशन ऑफिसर की टीम अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग लेने सिंगापुर जा रहे हैं। एक तरफ पंजाब की सरकार है जो अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है।लेकिन उसी संविधान के तहत दिल्ली की सरकार भी है जो अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहती है पर भेज नहीं पा रही है। क्योंकि एलजी साहब उसमें टांग अड़ाते है। शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड भेजने की फाइल अक्टूबर से इधर-उधर की जा रही है। अगर देश के संविधान के अनुसार देखें तो शिक्षा पर काम करने के लिए देश के सभी राज्यों की सरकारों को पूरा अधिकार है। जितनी स्वतंत्रता पंजाब या किसी और राज्य के सरकार को अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेशों में भेजने की है उतनी ही स्वतंत्रता दिल्ली सरकार को भी है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में उपराज्यपाल कानून का दुरुपयोग करते हुए शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग देने से रोक रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि संविधान में 3 विषयों पब्लिक आर्डर, कानून व्यवस्था और जमीन को छोड़ कर दिल्ली में जनता की चुनी हुई सरकार को बाकि सभी चीजों पर निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार ने एक असंवैधानिक कानून बनाकर, जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन कर एलजी को जो शक्तियां दी हैं, उन असंवैधानिक शक्तियों के कारण दिल्ली सरकार आज अपने शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए नहीं भेज पा रही है। अगर वह असंवैधानिक संसोधन भाजपा की सरकार ने नहीं किया होता तो आज पंजाब की तरह हम भी अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेशों में भेज रहे होते। विदेशों में टीचर्स को भेजना है तो उपराज्यपाल की सहमति की जरुरत नहीं होती है। लेकिन केंद्र सरकार के इन संशोधन ने उन्हें शक्तियां दी है कि वो हर चीज में टांग अड़ा सकते है।

उन्होंने कहा कि मैं एलजी से कहना चाहता हूं कि असंवैधानिक रूप से जीएनसीटीडी एक्ट में जो बदलाव किया गया है उसकी शक्तियों का दुरूपयोग न करें और शिक्षकों को विदेश जाने से न रोकें। जब एक राज्य की सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज सकती है तो दूसरे राज्य की सरकार भी भेज सकती है।

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