भाजपा की केंद्र सरकार के एलजी ने 8 साल से दिल्ली के स्कूल-अस्पतालों में प्रिंसिपल-डॉक्टर और स्टाफ की भर्ती नहीं होने दी- आतिशी

Listen to this article
  • दिल्ली सरकार स्कूल-अस्पतालों की बिल्डिंग बना सकती है लेकिन शिक्षक-डॉक्टर और स्टाफ की भर्ती नहीं कर सकती है- आतिशी
  • भाजपा की केंद्र सरकार का सर्विसेज पर अवैध कब्ज़ा सिर्फ अधिकारियों की पोस्टिंग तक सीमित नहीं है बल्कि हर कर्मचारी की भर्ती और तबादले तक है- आतिशी
  • केंद्र सरकार के एलजी ने 8 साल तक 370 प्रिंसिपल की नियुक्तियां रोके रखीं और अब झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने नियुक्तियां रोकी- आतिशी
  • उपराज्यपाल विनय सक्सेना के पास 370 प्रिंसिपल की नियुक्तियों की फाइल गई थी, फिर भी उन्होंने 244 प्रिंसिपल की नियुक्तियां रोक दीं- आतिशी
  • उपराज्यपाल ने फाइल पर कहा कि 126 प्रिंसिपल भर्ती कर लो और 244 प्रिंसिपल की जरूरत के ऊपर स्टडी करिए, क्योंकि बिना प्रिंसिपल के भी तो स्कूल चल रहे थे- आतिशी
  • उपराज्यपाल को शर्म आनी चाहिए क्योंकि इन स्कूलों में गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं, अगर उनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे होते, तब भी क्या वह यही कहते?- आतिशी
  • दिल्ली के लोगों ने जैसे भाजपा को एमसीडी से बाहर किया, वैसे ही लोकसभा में भी हराएंगे- आतिशी
  • एक तरफ अरविंद केजरीवाल बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ भाजपा के नुमाइंदे उसको रोकने की कोशिश कर रहे हैं- आतिशी

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के एलजी ने 8 साल से दिल्ली के स्कूल-अस्पतालों में प्रिंसिपल-डॉक्टर और स्टाफ की भर्ती नहीं होने दी। दिल्ली सरकार स्कूल-अस्पतालों की बिल्डिंग बना सकती है, लेकिन शिक्षक-डॉक्टर और स्टाफ की भर्ती नहीं कर सकती है। भाजपा की केंद्र सरकार का सर्विसेज पर अवैध कब्ज़ा सिर्फ अधिकारियों की पोस्टिंग तक सीमित नहीं है बल्कि हर कर्मचारी की भर्ती और तबादले तक है। केंद्र सरकार के एलजी ने 8 साल तक 370 प्रिंसिपल की नियुक्तियां रोके रखीं। अब झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने नियुक्तियां रोकी। उपराज्यपाल विनय सक्सेना के पास 370 प्रिंसिपल की नियुक्तियों की फाइल गई थी। इसके बावजूद उन्होंने 244 प्रिंसिपल की नियुक्तियां रोक दीं। उपराज्यपाल ने फाइल पर कहा कि 126 प्रिंसिपल भर्ती कर लो और 244 प्रिंसिपल की जरूरत के ऊपर स्टडी करिए। क्योंकि बिना प्रिंसिपल के भी तो स्कूल चल रहे थे। उपराज्यपाल को शर्म आनी चाहिए क्योंकि इन स्कूलों में गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं। अगर उनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे होते, तब भी क्या वह यही कहते? दिल्ली के लोगों ने जैसे भाजपा को एमसीडी से बाहर किया, वैसे ही लोकसभा में भी हराएंगे। एक तरफ अरविंद केजरीवाल उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और उनके नुमाइंदे उसको रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एलजी ऑफिस ने एक प्रेस रिलीज जारी की कि उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में 126 प्रिंसिपल भर्ती करने की अनुमति दी है। इन 126 पदों की नियुक्ति दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा कई साल तक बाधित की गई थी। दिल्ली में जब से विनय सक्सेना एलजी बने हैं, उनसे कई प्रकार के झूठे बयान सुनने को मिले हैं। लेकिन इससे बड़ा झूठा बयान एलजी और एलजी ऑफिस से आज तक कभी नहीं सुना है। इस बयान के झूठ को सामने लाने के लिए हमें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की पिछले आठ साल से अधिकारों के ऊपर चली आ रही लड़ाई को समझना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 2015 में सरकार बनाई। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से कई वादे किए। सबसे खास वादा किया कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम एक बहुत बड़ा बदलाव लाएंगे। आम आदमी की जिंदगी में बदलाव लाएंगे। जैसे ही अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी तो प्राथमिकता पर सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को ठीक करने का काम शुरू हुआ। स्कूल-अस्पतालों की बिल्डिंग से लेकर प्रिंसिपल, टीचर, नर्स, डॉक्टरों की भर्ती पर अरविंद केजरीवाल की सरकार ने युद्ध स्तर पर काम करना शुरू किया। सरकारी स्कूलों में जितने खाली पद थे उनको भरने की प्रक्रिया को शुरू किया गया। दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2015 में ही 57 प्रिंसिपल की नियुक्ति की गई। इसके बावजूद भी बहुत सारे पद खाली थे। उन खाली पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू किया गया। उस वक्त 370 प्रिंसिपल्स की पोस्ट पर प्रिंसिपल्स की रिक्रूटमेंट को शुरू किया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने 2015 में ही दिल्ली की चुनी हुई सरकारों के काम को रोकने का काम शुरू कर दिया। उन्होंने दिल्ली सरकार के सर्विस डिपार्टमेंट पर अवैध और असंवैधानिक तरीके से कब्जा कर लिया।

विधायक आतिशी ने कहा कि एक आम इंसान को पता नहीं होता है कि यह सर्विस डिपार्टमेंट होता क्या है? लेकिन शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग क्या है, यह समझते हैं। जब यह लड़ाई शुरू हुई तो लोगों को लगा कि आईएएस ऑफिसर की ट्रांसफर-पोस्टिंग को केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है। लेकिन यह सिर्फ आईएएस की ट्रांसफर पोस्टिंग तक ही सीमित नहीं है। दिल्ली सरकार के हर विभाग के हर कर्मचारी की रिक्रूटमेंट से लेकर उसके ट्रांसफर, पोस्टिंग और उसकी डिसीप्लिनरी एक्शन से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि शिक्षा विभाग तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास है। ऐसे में हम बिल्डिंग बना सकते हैं लेकिन प्रिंसिपल और स्टाफ को हायर करने की ताकत केंद्र सरकार और उनके नुमाइंदे एलजी के पास है। स्वास्थ्य विभाग में हम अस्पताल की बिल्डिंग बना सकते हैं और वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी दे सकते हैं। लेकिन अगर डॉक्टर और नर्स हायर करने हों तो उसपर केंद्र सरकार और उनके नुमाइंदे एलजी ने असंवैधानिक रूप से कब्जा कर रखा है। इसी तरह दिल्ली सरकार के हर विभाग में किसी भी प्रकार की नियुक्ति का काम केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से 2015 से कब्जाया हुआ है। केंद्र सरकार के नुमाइंदे एलजी ने आठ साल से सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल्स की नियुक्ति नहीं होने दी। सरकारी स्कूल में टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ के पदों को नहीं भरने दिया। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स की भर्ती को नहीं होने दिया गया। अस्पतालों में पर्ची काटने वाले की हायरिंग एलजी ने नहीं होने दी।

उन्होंने कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के नुमाइंदे दिल्ली के स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी विभाग में नियुक्ति नहीं होने देते हैं। दूसरी तरफ वहीं प्रेसवार्ता करके हल्ला करते हैं कि केजरीवाल के स्कूल में टीचर्स, प्रिंसिपल्स नहीं है। एक तरफ वो सरकारी विभागों, स्कूलों और अस्पतालों को चलने से रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता, प्रवक्ता, एलजी जनता को गुमराह करते हैं। मैं दाद देना चाहूंगी कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार और उनके नुमाइंदे एलजी की हर संभव कोशिश के बावजूद भी 8 साल से हमारे स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, टीचर, डॉक्टर, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ ने दिल्ली के लोगों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं। पूरी दिल्ली को मिलकर उनको नमन करना चाहिए कि केंद्र सरकार की नापाक कोशिशों के बावजूद उन्होंने अपना काम करके दिखाया है। एलजी कल कह रहे थे कि उन्होंने 126 प्रिंसिपल्स की पोस्ट को पास कर दिया।

विधायक आतिशी ने कहा कि मैं एलजी से पूछना चाहूंगी कि पहले एलजी इस सवाल का जवाब दें कि पिछले 8 साल से आपने प्रिंसिपल के 370 खाली पदों को क्यों भरने नहीं दिया? क्यों सर्विसेज पर अवैध कब्जा करके प्रिंसिपल्स की नियुक्ति पर कुंडली मारकर बैठे हुए थे। इस वजह से दिल्ली के सरकारी स्कूलों को प्रिंसिपल नहीं मिल सके। हमने वाइस प्रिंसिपल को हेड ऑफ स्कूल का दर्जा देकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों को चलाया है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के नुमाइंदे और दिल्ली के एलजी ने 8 साल तक 370 प्रिंसिपल्स की नियुक्ति को रोका है। अब 126 प्रिंसिपल्स की नियुक्ति को पास करने के बाद प्रेस रिलीज देते हैं की दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने काम रोका है। यह सरासर झूठ है। सबसे बड़ी बात यह है कि 370 प्रिंसिपल्स की नियुक्तियों की फाइल एलजी साहब को गई थी। वह अपना ढिंढोरा पीट रहे हैं कि मैंने नियुक्ति की फाइल पास कर दी।

उन्होंने सिर्फ 126 नियुक्तियों को क्लियर किया और 244 नियुक्तियों को रोक दिया है। एलजी फाइल पर कहते हैं कि 126 प्रिंसिपल्स तो आप हायर कर दीजिए, लेकिन 244 प्रिंसिपल्स की नियुक्ति को लेकर स्टडी कीजिए कि इनकी जरूरत है या नहीं है। क्योंकि 5 साल से पोस्टिंग खाली है और उनके बिना भी स्कूल चल रहे हैं। एलजी साहब शर्म करिए। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दिल्ली के सबसे गरीब बच्चे पढ़ते हैं। इनके पास जिंदगी में आगे बढ़ने का एक ही मौका है कि उनको सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिल जाए। आप आज यह कह रहे हैं कि 244 स्कूलों में प्रिंसिपल हायर करने हैं या नहीं करने हैं, इसे लेकर स्टडी की जाए। एलजी साहब अगर आपके बच्चे इन 244 स्कूलों में पढ़ रहे होते तो क्या आप यह कहते कि क्या इन स्कूलों को प्रिंसिपल की जरूरत है।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि मैं आज भारतीय जनता पार्टी और उनके नुमाइंदे एलजी से कहना चाहूंगी कि दिल्ली की जनता सब देख रही है। दिल्ली की जनता देख रही है कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया हैं जो दिन रात मेहनत कर रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले। दूसरी तरफ केंद्र सरकार और एलजी हैं, जो सर्विसिस पर अवैध कब्जा करके सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल्स नियुक्त होने नहीं दे रहे। इसके अलावा स्कूलों में टीचर्स और स्टाफ को नियुक्त नहीं होने दे रहे हैं। एलजी और भारतीय जनता पार्टी की इन हरकतों के कारण दिल्ली की जनता ने एमसीडी से बीजेपी को बाहर निकालकर फेंक दिया है। अगर इसी तरह की हरकतें करते रहेंगे तो दिल्ली की जनता एमसीडी, दिल्ली की लोकसभा और विधानसभा से हमेशा के लिए भारतीय जनता पार्टी को बाहर कर देगी। क्योंकि वह देख रहे हैं कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और उनके नुमाइंदे उसको रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *