*केजरीवाल सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से अगले 3 साल में नवीकरणीय उर्जा स्रोतों के माध्यम से करेगी 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन- मनीष सिसोदिया
*हमारा लक्ष्य दिल्ली की उर्जा की मांग के बड़े हिस्से को नवीकरणीय उर्जा पर शिफ्ट करना है ताकि थर्मल पॉवर प्लांट से हमारी निर्भरता कम हो सके और हम दिल्ली के लिए पूरी तरह स्वच्छ अक्षय उर्जा का उत्पादन कर सकें-मनीष सिसोदिया
*दिल्ली के लोगों को भविष्य में भी निर्बाध तरीके से बिजली मिलती रहे और बिजली की बढ़ती मांग पूरी हो सके इसके लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली को उर्जा के मामले में बना रही है आत्मनिर्भर-मनीष सिसोदिया
*दिल्ली सरकार के सभी भवनों जैसे सरकारी दफ्तरों,स्कूलों आदि की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के काम में तेजी लाई जाये ताकि 3 साल के भीतर सरकार सोलर पॉलिसी के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें-मनीष सिसोदिया
*उपमुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के संभावित क्षेत्रों को तलाशने के दिए निर्देश; अधिकारीयों को कहा झीलों में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने जैसे अनूठे प्रोजेक्ट्स शुरू हो काम
*उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उर्जा विभाग के अधिकारीयों के साथ की अहम बैठक; आगामी सालों के लिए दिल्ली की उर्जा की जरूरतों को पूरा करने के दिल्ली सरकार की तैयारियों पर गहनता से हुई चर्चा
उर्जा के क्षेत्र में दिल्ली को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केजरीवाल सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है| इस दिशा में शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में उर्जा विभाग के अधिकारीयों के साथ एक अहम बैठक का आयोजन किया गया| बैठक में श्री सिसोदिया ने आगामी सालों के लिए दिल्ली की उर्जा की जरूरतों और उसे पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों पर गहनता से चर्चा की|
बैठक में अधिकारीयों ने बताया कि दिल्ली में अबतक की सबसे ज्यादा बिजली की मांग 2022 में जून के महीने में 7695 मेगावाट रही| वर्तमान में, डिसकॉम के पास 8471 मेगावाट के कुल बिजली टाई-अप हैं, जिनमें से 33% बिजली यानि लगभग 2826 मेगावाट बिजली, उर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है| इसमें मुख्य रूप से सौर उर्जा और पवन उर्जा शामिल है जिनसे दिल्ली को लगभग 2,000 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है|
हाल ही में केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट सोलर पॉलिसी 2022 के विषय में साझा करते हुए अधिकारीयों ने बताया कि, इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में लोगों को रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा और लोगों के इसके लिए प्रति यूनिट 2 से 3 रूपये का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन(जीबीआई) भी दिया जायेगा, कमर्शियल सेक्टर के लिए जीबीआई 1 रूपये पार्टी यूनिट होगा| साथ ही इसके लिए प्रति उपभोक्ता प्रतिकिलोवाट 2,000 रूपये की सब्सिडी भी दी जाएगी जो अधिकत 10,000 रूपये होगी| इसके अतिरिक्त 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक के रूफटॉप क्षेत्र के सभी सरकारी भवनों को सोलराइज किया जाएगा। इन पहलों के माध्यम से दिल्ली में अगले 3 वर्षों में 500 मेगावाट अतिरिक्त रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित किया जा सकेगा|
अधिकारीयों ने बताया कि डिस्कॉम 3000 मेगावाट की अतिरिक्त नवीकरणीय उर्जा के लिए विभिन्न एजेंसी के साथ चर्चा कर रही है| अधिकारीयों ने बताया कि सौर ऊर्जा निगम (SECI) के 1000 मेगावाट सौर और 111 मेगावाट पवन उर्जा संयंत्र के शुरू होने के बाद दिल्ली को 1100 मेगावाट नवीकरणीय उर्जा और मिल सकेगी| साथ ही लगभग 2100 मेगावाट नवीकरणीय उर्जा उत्पादन के कुछ प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जो जल्द ही पूरे हो जायेंगे|
इन सभी पहलों के माध्यम से अगले 3 सालों में दिल्ली में 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर सकेगी जो पूरी तरह से उर्जा के नवीकरणीय स्रोतों द्वारा उत्पादित होंगे और दिल्ली की उर्जा की मांग को पूरा करने, 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के साथ-साथ प्रदुषण को कम करने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा|
इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली दी जाती है जिसकी दर देश में सबसे कम है| केजरीवाल सरकार अपनी गारंटी को पूरा करते हुए दिल्ली की एक बड़ी आबादी को फ्री बिजली उपलब्ध करवाती है| दिल्ली के लोगों को भविष्य में भी निर्बाध तरीके से बिजली मिलती रहे और हम बिजली की बढती मांग को पूरा कर सकें इसके लिए सरकार दिल्ली को उर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है|
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में कुल उर्जा के खपत का 33% नवीकरणीय उर्जा होती है| अगले 3 सालों में सरकार के विभिन्न पहलों के माध्यम से दिल्ली में 6000 मेगावाट नवीकरणीय उर्जा का उत्पादन हो सकेगा| इस प्रकार अगले 3 सालों में हमारा लक्ष्य दिल्ली की उर्जा की मांग के बड़े हिस्से को नवीकरणीय उर्जा पर शिफ्ट कर देना है ताकि थर्मल पॉवर प्लांट से हमारी निर्भरता कम हो सके और हम दिल्ली के लिए पूरी तरह स्वच्छ अक्षय उर्जा का उत्पादन कर सकें| ये प्रदुषण को कम करने की दिशा में भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा|
श्री सिसोदिया ने अधिकारियोंन को निर्देश दिए कि दिल्ली सरकार के सभी भवनों जैसे सरकारी दफ्तरों,स्कूलों आदि की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के काम में तेजी लाई जाये ताकि 3 साल के भीतर सर्लर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें| साथ ही उन्होंने अधिकारीयों को सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के अन्य संभावित क्षेत्रों को भी तलाशने की बात कही जिसमें उन्होंने झीलों में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने के पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू करने के निर्देश दिए|
बता दे कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बहुत सी कंपनियों से 2018 के बाद से आगे बढ़-बढ़ के पॉवर परचेज एग्रीमेंट किए थे हालांकि इनमें से कई प्लांट शुरू होना बाकी है लेकिन सरकार ने एडवांस में ही अग्रीमेंट कर रखे है ताकि दिल्ली के लोगों की उर्जा की बढ़ती मांग को निर्बाध तरीके से पूरा किया जा सकें|