*अरविन्द केजरीवाल ने फीडबैक यूनिट का गठन अनैतिक रुप से जासूसी करने के लिए किया था। – चौ0- अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा किभ्रष्टाचार खत्म करने का ढ़कौसला करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 28 अक्टूबर 2015 को सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बहाने राजनीतिक जासूसीकराने के लिए फीडबैक यूनिट को सिर्फ केबिनैट प्रस्ताव पर गठित करके संवैधानिक और प्रशासनिकप्रक्रियाओं का उलंघन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है मुख्यमंत्री अरविन्दकेजरीवाल को फीडबैक यूनिट गठित करके प्रशासनिक अनियमितताओं के 700 मामलों में मुख्यआरोपी बनाकर उपराज्यपाल निर्देश पर सीबीआई मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करें।उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने फीडबैक यूनिट के लिए नियमों को नजरअंदाज करके सीक्रेट सर्विसएक्पेंडिचर के तहत 1 करोड़ रुपये आवंटन किए जो भ्रष्टाचार के तहत कार्यवाही है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि फीडबैक यूनिट मामले में जब उपराज्यपाल ने सीबीआई को भ्रष्टाचारनिरोधक कानून, अपराधिक षड़यंत्र रचने और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज करके जांचकरने की मंजूरी दे दी है तब सीबीआई उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदया सहित मुख्यमंत्री अरविन्दकेजरीवाल के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करके आगे की जांच करें। उन्होंने कहा कि फीडबैक यूनिटकी प्रशासनिक विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए 2016 में विजिलेंस विभाग के तत्कालीन सचिवअश्विनी कुमार ने इसे तुरंत बंद करने की सिफारिश की थी, जिसमें हुए भ्रष्टाचार खुलासा हो गया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि फीडबैक यूनिट के जरिए राजनीति जासूसी कराने के आरोपों को सिरेके नकार कर झूठा बताकर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल आरोपों से बच नहीसकते, क्योंकि सीबीआई को फीडबैक यूनिट ने जो जानकारी सौपी है उसमें राजनीतिक, खुफिया, विविध गोपनीय जानकारियां है, जिनके तहत सीबीआइ ने दिल्ली सरकार के सर्तकता विभाग के एकसंदर्भ पर प्राथमिक जांच दर्ज की है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल औरउनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढ़ंग से सरकार का दुरुपयोगकरने का यह कोई पहला मामला नही है, इससे पूर्व भी केजरीवाल सरकार अनेकों भ्रष्टाचार के मामलेसाबित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारी नेताओं केसंरक्षक की भूमिका निभा रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार एफबीयू के द्वारा विपक्षी नेताओं, उपराज्यपाल, न्यायाधीशों, मीडिया, व व्यापारियों पर अपनी नजर रखना चाहती थी। दिल्ली सरकार बताए कि इस यूनिट ने जो 700 रिपोर्ट सरकार को सौंपी है वह किस संबंध में है, जबकि यह आरोप है कि इनमें 60 प्रतिशत मामले राजनीतिक है जिनकी जांच के लिए उपराज्यपाल ने प्रस्ताव गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भिजवा दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि फीडबैक यूनिट मामले पर केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज हो।