*नशीली दवाओं का दुरुपयोग किशोर अपराध से जुड़ा है, दिल्ली सरकार सकारात्मक बदलाव लाकर किशोर अपराधों को रोकने का काम कर रही है- राजकुमार आनंद
*समाज में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को खत्म करने के लिए निवारक और शिक्षाप्रद उपायों के साथ-साथ दवाओं की आपूर्ति पर अंकुश लगाने की जरूरत- राजकुमार आनंद
*समाज कल्याण मंत्री ने 6-12 वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनमें सुधार लाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए विभाग की सराहना की
*समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने सुल्तानपुरी स्थित सूर्योदय केंद्र का दौरा कर जायज़ा लिया
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने आज सुल्तानपुरी स्थित सूर्योदय केंद्र का दौरा कर जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नशीली दवाओं का सेवन करने वाले युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग किशोर अपराध से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार सकारात्मक बदलाव लाकर किशोर अपराधों को रोकने का काम कर रही है। समाज में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को खत्म करने के लिए निवारक और शिक्षाप्रद उपायों के साथ-साथ दवाओं की आपूर्ति पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इस दौरान समाज कल्याण मंत्री ने 6-12 वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनमें सुधार लाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए विभाग की सराहना की।
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने शुक्रवार को सूर्योदय केंद्र, एक ओएसटी (ओरल सब्स्टीट्यूट थेरेपी) सेंटर का दौरा किया। इसे ”ए वन स्टॉप सेंटर फॉर ड्रग डी एडिक्शन, थेराप्यूटिक केयर एंड वेलनेस” के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान निषेध निदेशालय के निदेशक और अन्य उच्च पदाधिकारी भी उपस्थित थे। समाज कल्याण मंत्री ने अधिकारियों से केंद्र के समग्र कामकाज के बारे में जानकारी ली। इस दौरान मंत्री राजकुमार आनंद ने उपस्थित सभी अधिकारियों को लक्षित लाभार्थियों की बेहतरी के लिए अधिक समय और प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने एक बेहतर रिजल्ट के लिए सभी हितधारकों के बीच अच्छा सामंजस्य बनाकर रखने का आह्वान भी किया।
इस दौरान मंत्री को केंद्र प्रभारी ने बताया कि सूर्योदय केंद्र ने सुल्तानपुरी के आसपास के क्षेत्रों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए लगातार सुधार करने का प्रयास किया है। केंद्र लाभार्थियों को दवाओं का उपयोग बंद करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित और सहयोग करता है। केंद्र न केवल मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों की सेवा करता है, बल्कि उनके परिवारों की भी देखभाल करता है जो इस समस्या के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं। यहां मादक पदार्थों की लत के शिकार लोगों से निपटने के लिए परिवार के सदस्यों को आवश्यक मार्गदर्शन और परामर्श भी प्रदान किया जाता है।
नशामुक्ति और परामर्श केंद्र/ओएसटी धीरे-धीरे सुल्तानपुरी के लोगों के लिए खुद को मॉडल केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रगति कर रहा है और एक स्वस्थ, समृद्ध समाज के निर्माण की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर रहा है। हालांकि सामाजिक भलाई व समाज के सशक्तिकरण के लिए सभी गतिविधियों और कार्यक्रमों को कवर करती है। केंद्र को मुख्य रूप से मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम के क्षेत्रों की निगरानी और नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दे का कार्य सौंपा गया है।
इस दौरान समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग किशोर अपराध से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार एक सकारात्मक व व्यवहारिक बदलाव लाकर किशोर अपराधों को रोकने के लिए काम कर रही है, जो लाभार्थियों को नशीली दवाओं के उपयोग या अपराध सिंडिकेट में शामिल होने से दूर रखने में सहायता करेगा। उन्होंने आयुर ज्ञान न्यास योजना के माध्यम से 6-12 वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्रदान करके उनमें सुधार लाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए विभाग की सराहना की।
फरवरी-2020 में अपनी स्थापना के बाद से, सूर्योदय केंद्र ने समग्र कल्याण के लिए मॉडल और वन स्टॉप सेंटर के रूप में एक लंबा सफर तय किया है। यह सुल्तानपुरी में मादक पदार्थों की लत के प्रवर्तन से संबंधित सभी आंकड़ों का संदर्भ बिंदु है। केंद्र लोगों की उभरती चुनौतियों, प्रवृत्तियों और परिचालन संबंधी जरूरतों का आकलन और विश्लेषण करने में कड़ी मेहनत कर रहा है।
समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि समाज में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को खत्म करने के लिए निवारक और शिक्षाप्रद उपायों के साथ-साथ दवाओं की आपूर्ति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने मद्यनिषेध महिला एवं बाल विकास निदेशालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और दिल्ली में नशा निषेध के क्षेत्र में काम कर रहे अन्य संगठनों का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि गैर-निष्पादित गैर-सरकारी संगठनों को प्रतिस्थापित किया जाएगा और अन्य वैकल्पिक समाधान तलाशे जाएंगे।
निदेशक, मद्यनिषेध निदेशालय (डीडब्ल्यूसीडी) ने आश्वासन दिया कि सभी लाभार्थियों के बेहतर देखभाल सुविधाओं के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/पर्यवेक्षकों के साथ एक लिंक स्थापित किया जाएगा।