अरविन्द केजरीवाल का एम.सी.डी. स्कूलों की तस्वीर बदलने का बयान जुमला साबित होगा। – चौ0 अनिल कुमार

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*कांग्रेस की शिकायत के कारण ही दिल्ली को शराब नगरी नही बन सकी लेकिन केजरीवाल दिल्ली को घोटालों की राजधानी बना दिया।- चौ0 अनिल कुमार

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बयान कि दिल्ली सरकार की तर्ज पर एम.सी.डी. के स्कूलों की तस्वीर बदलेंगे और आधुनिक शिक्षा प्रणाली लागू करना, पूरी तरह से दिल्ली के अभिभावकों को भ्रमित करने वाला है। क्योंकि घोषणा पत्र में वादा अनुसार दिल्ली में सरकारी स्कूलों की संख्या नही बढ़ी और केजरीवाल सरकार ने एक भी नया स्कूल नही बनाया, उल्टा 14 स्कूल बंद कर दिए। 9 वर्षों में सिर्फ स्कूलों में क्लॉस रुमों की मरम्मत के सिवा कुछ नही किया। क्या इस तर्ज पर निगम की सत्ता में आसीन आम आदमी पार्टी एमसीडी के 1535 स्कूलों की आधारभूत संरचना को बदलने सक्षम है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगातार गिरते शिक्षा स्तर के लिए उनके तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जिम्मेदार है, जिन्होंने दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में सुधार विज्ञापनों में किया और अपना सारा फोकस नई शराब नीति को लागू करने में लगा दिया, जिसमें हुए भ्रष्टाचार के चलते आप पार्टी को करोड़ो रुपये अनैतिक रुप से मिले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नई शराब नीति को लागू करने का निर्णय हुआ जिसमें हुए महाघोटाले के कारण सत्येन्द्र जैन, मनीष सिसोदिया जेल में हैं और अरविन्द केजरीवाल व राज्यसभा सांसद संजय कुमार को जांच एजेंसियों के सम्मुख पेश होने के लिए चार्जशीट जारी हो चुकी है। मतलब आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा ध्यान शिक्षा नही बल्कि शराब नीति को लागू करने लगाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की शिकायत के कारण ही दिल्ली को शराब नगरी नही बन सकी, लेकिन केजरीवाल ने दिल्ली को घोटालों की राजधानी बना दिया, जिसका परिणाम आम आदमी पार्टी को भुगतना ही पड़ेगा।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगम के पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में जब भाजपा एम.सी.डी. के स्कूलों की जमीन को बेच रही थी तब आम आदमी पार्टी विपक्षी दल होने के बावजूद तमाशा देख रही थी। तब दिल्ली के बच्चां के लिए स्कूल बचाने के लिए आप पार्टी के निगम पार्षदों ने विरोध क्यों नही किया? उन्होंने कहा कि जहां 15 वर्षों के शासन में भाजपा ने निगम की सम्पतियों के साथ-साथ स्कूलों की जमीन को बेच भ्रष्टाचार करके निगम को कंगाल बना दिया था, अब उसी तर्ज पर आम आदमी पार्टी निगम की सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए एमसीडी स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए केजरीवाल हवाई बयानबाजी कर रहे हैं।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगम का 2023-24 के कुल बजट का 17.77 प्रतिशत 2847.83 करोड़ शिक्षा के लिए आवंटित हुआ है, जो स्कूलों में अध्यापकों, कर्मचारियों के वेतन, छात्रों के कॉपी किताब, वार्षिक वजीफा व अन्य मिड मील के लिए भी पूरा नही पड़ेगा। तब बिना सोचे समझे आंबेडकर के जयंती पर केजरीवाल द्वारा निगम स्कूलों की संरचना और शिक्षा प्रणाली में सुधार की बयानबाजी पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की मानसिकता बन चुकी है कि वह हर सामाजिक कार्यक्रम को राजनीतिक रुप देकर बेबुनियाद योजनाओं की घोषणा करते है जबकि पिछले 9 वर्षो में एक की भी शुरुआत नही हुई।  

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के हर बच्चे को आंबेडकर बनाना चाहते है। मैं मुख्यमंत्री को बताना चाहता हूॅ कि एमसीडी स्कूलों में दलित, पिछड़े, जेजे कलस्टर, पुनर्वास कॉलोनियों के गरीब बच्चे पढ़ते है और मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के स्कूलां में इन छात्रों को मिलने वाले वजीफे को खत्म कर दिया है, जो उनके पढ़ाई में बड़ा सहायक साबित होता था। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की वोट बैंक की राजनीति को दिल्ली का गरीब आदमी अच्छी तरह समझता है जिसको वह सपने दिखा रहे है कि उनका बच्चा भी आंबेडकर बनेगा। दिल्ली सरकार के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में किस तरह एक कूटनीति के तहत लाखों बच्चों को स्कूल से निकाल दिया, यह किसी से छिपा नही है और वर्तमान वर्ष में 9 और 11 वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम ने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल की पोल खोल कर रख दी है।

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