दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के साथ राजनीतिक खेल खेलने के बाद केजरीवाल सरकार अब आंगनबाड़ियों का राजनीतिकरण करने पर तुली है – वीरेंद्र सचदेवा

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*सीएम केजरीवाल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक रूप से लुभाने की कोशिश करने से पहले बताना चाहिए कि उनकी सरकार उन्हें उचित वेतन कब देगी – वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के साथ राजनीतिक खेल खेलने के बाद केजरीवाल सरकार अब आंगनबाड़ियों का राजनीतिकरण करने पर तुली हुई है।

सचदेवा ने कहा है कि अगर मैं कहूं कि स्कूलों के बाद अब आंगनबाड़ियों पर भी आम आदमी पार्टी की बुरी नजर लग गई है तो गलत नहीं होगा।

खेल पिटारा नाम की बचपन शिक्षा किट एक मुखौटा है, इसका मुख्य उद्देश्य समाज के ज्यादातर गरीब वर्ग के माता-पिता के साथ सीधा राजनीतिक संपर्क शुरू करना है, जैसा कि सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समितियों और मेगा पीटीएम के माध्यम से किया जा रहा है।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि आज हमने देखा कि मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यह झूठ कहकर गुमराह किया कि अब दिल्ली सरकार के शिक्षक केवल शिक्षण कार्य करते हैं और जल्द ही आप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी कार्यस्थल के अलावा कोई काम नहीं करेंगे। इसी तरह उसने उन्हें सरकारी स्कूल के शिक्षकों की तरह प्रशिक्षण के झूठे सपने दिखाए।

सचदेवा ने कहा है कि सरकारी स्कूल के शिक्षक चुनाव और जनगणना सर्वेक्षण का काम उसी तरह करते हैं जैसे वे 8 साल पहले करते थे, वास्तव में अब उनके पास एक नया काम है मेगा पीटीएम आयोजित करना और केजरीवाल सरकार के एजेंडे को प्रसारित करना है। अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी केजरीवाल सरकार के राजनीतिक एजेंडे को अभिभावकों के बीच बांटेंगी।

सचदेवा ने कहा है कि सीएम केजरीवाल को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक रूप से लुभाने की कोशिश करने से पहले यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार उन्हें उचित वेतन कब देगी जिसके लिए वे लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि पिछले 8 वर्षों के दौरान हमने दिल्ली सरकार को लगातार दिल्ली के स्कूलों में केवल एक ही मकसद से कार्यक्रम शुरू करते देखा है, वह है अभिभावकों से संपर्क करना और राजनीतिक अपील करना। केजरीवाल सरकार मेगा पैरेंट टीचर मीट में अपने स्कूलों में शिक्षा मानकों में सुधार के गलत दावे कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी स्कूलों के नौवी से बारहवीं कक्षा के परिणाम हर गुजरते साल के साथ खराब हो रहे हैं। स्कूल टीचर ईवेंट मैनेजर बन कर रह गये हैं।

जल्द ही हम आंगनबाड़ियों को बदहाल होते और आम आदमी पार्टी के विस्तारित कार्यालयों में तब्दील होते देखेंगे।

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