*संसद में मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा हो और पीएम मोदी सदन में विस्तृत बयान दें- खरगे
मणिपुर में चल रही हिंसा और महिलाओं के साथ हुई हैवानियत को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मांग करते हुए कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री का तत्काल इस्तीफा लिया जाए और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। खरगे ने संसद में मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा करने और पीएम मोदी को सदन में विस्तृत बयान देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद करके मोदी सरकार और भाजपा ने लोकतंत्र को भीड़तंत्र बना दिया है। उधर, मणिपुर हिंसा को लेकर महिला कांग्रेस और यूथ कांग्रेस द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन भी किया गया।
पत्रकारों के सवालों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है। पीएम मोदी को उनकी चुप्पी पर देश कभी माफ नहीं कर पाएगा। राज्य और केंद्र में खुद की नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देश को बताना चाहिए कि मणिपुर में हुआ क्या है। संसद में हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में हिंसा पर विस्तृत बयान देना चाहिए। मणिपुर के मुख्यमंत्री का तत्काल इस्तीफा लिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
वहीं कांग्रेस महासचिव एवं संचार, प्रचार व मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं और अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। आज 1800 घंटे से अधिक समय की चुप्पी के बाद आख़िरकार प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। उसके बाद पीएम ने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर दिया। उन्होंने न तो शांति की कोई अपील की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से अपना पद छोड़ने के लिए कहा।
वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन और भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत को लेकर प्रेस वार्ता भी की।
कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत हुई है। इससे हम सबका सिर शर्म से झुका है। यह बेहद अफसोसजनक है कि प्रधानमंत्री जी ने आज 78 दिन के बाद मणिपुर हिंसा को लेकर मुंह खोला है, मगर इस दौरान भी उन्होंने सिर्फ़ राजनीति की। सीजेआई को भी कमेंट करना पड़ गया, क्या इस शर्म से प्रधानमंत्री को बोलना पड़ा? क्या महिलाओं को इंसाफ मिलेगा या नहीं? इंडिया द्वारा इस वीडियो को लेकर सदन के बाहर और सदन के अंदर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
रंजीता रंजन ने कहा कि आज बेशर्मी से मोदी सरकार की मंत्री ट्वीट कर रही हैं और कह रही हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर ली है। यह वीडियो चार मई का है। मामले में एफआइआर दर्ज हो गई, मगर अपराधी पकड़ में नहीं आए हैं। इसका शक है कि मणिपुर में इस तरह के कई भयावह मामले छुपाए गए हैं, इसकी जांच की जाए।
वहीं भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ‘न्यू इंडिया’ में महिलाओं के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार भी हो सकता है। अभी तक मणिपुर में 150 मौतें हो चुकी हैं और 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। यह बेहद शर्मनाक है। मणिपुर की बहनें बीते 78 दिन से अपनी आबरू, अपने परिवार और जान को बचाने में लगी हुई हैं। सरकार ने मणिपुर में इंटरनेट बंद कर दिया, ताकि मणिपुर के लोगों की बात देश तक ना पहुंचे।