*सदस्यों के बैठक में न आने पर कुलपति ने लिया कड़ा संज्ञान
*शैक्षणिक सत्र 2024-25 में यूजी के लिए 2,46,194 विद्यार्थियों ने किया था डीयू के लिए पंजीकरण, 70423 का हुआ दाखिला: प्रो. योगेश सिंह
दिल्ली विश्वविद्यालय कोर्ट की 92 वीं वार्षिक बैठक का आयोजन कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार, 21 मार्च को हुआ। बैठक में सदस्यों की कम उपस्थिती पर कुलपति ने कड़ा संज्ञान लिया और रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता से कहा कि बैठक में अनुपस्थित सभी विभागाध्यक्षों, प्रिंसिपलों, डीन और प्रोफेसरों को नोटिस भेजा जाए। बैठक के आरंभ में कुलपति ने विश्वविद्यालय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कुलपति ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक प्रवेश के लिए 69 कॉलेज और 79 कार्यक्रम थे जिनके लिए पंजीकृत उम्मीदवारों की संख्या 2 लाख, 46 हजार 194 थी। इनमें डीयू के लिए प्राप्त वरीयताओं की कुल संख्या 1 करोड़,72 लाख,18 हजार,187 थी। डीयू की एडमिशन ब्रांच द्वारा आवंटन के लिए विचार किए गए अद्वितीय कटऑफ और रैंक की कुल संख्या 5 करोड़, 68 लाख, 20 हजार, 017 थी। इस शैक्षणिक सत्र में कुल 70 हजार, 422 विद्यार्थियों के प्रवेश किए गए थे।
पिछले साढ़े तीन साल की प्रमोशनों और नियुक्तियों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि विभिन्न कॉलेजों और विभागों में शैक्षणिक पदों पर अब तक कुल 7423 प्रमोशनें हो चुकी हैं जिनमें से कॉलेजों में 7019 और विश्वविद्यालय के विभागों में कुल 404 प्रमोशनें हुई हैं। नई नियुक्तियों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक कुल 4784 शैक्षणिक नियुक्तियां हो चुकी हैं जिनमें से कॉलेजों में 4447 और विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 337 नियुक्तियां हुई हैं। गैर-शैक्षणिक पदों पर भी 43 नियुक्तियां हो चुकी हैं जिनमें 7 लाइब्रेरियन, 35 सहायक लाइब्रेरियन और एक परीक्षा नियंत्रक शामिल हैं। गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रोमोशनों का आंकड़ा अब तक 1981 है।
कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यायल निरंतर अपना विस्तार कर रहा है। इंजीनियरिंग परियोजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 1838.41 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न परियोजनाओं पर काम जारी है। कुलपति ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जनवरी 2025 को डीयू के दो नए परिसरों और एक कॉलेज की आधारशिला रखी थी। उन्होंने बताया कि सूरजमल विहार में बनने वाला पूर्वी परिसर, पूर्वी दिल्ली में उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करेगा और द्वारका सेक्टर 22 में बनने वाला पश्चिमी परिसर, पश्चिमी दिल्ली के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुलभ करेगा। उन्होंने बताया कि रोशनपुरा (नजफगढ़) में बन रहे वीर सावरकर कॉलेज में इस शैक्षणिक सत्र से ही दाखिले शुरू कर दिये जाएंगे।
एम.टेक. कंप्यूटर साइंस सहित अनेकों नए प्रोग्राम किए शुरू
विश्वविद्यालय में शुरू की गई नई शैक्षणिक पहलों का जिक्र करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि कंप्यूटर साइंस विभाग में इस वर्ष से 30 सीटों के साथ एम.टेक. कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा रूसी भाषा में बीए (ऑनर्स), डीएम (जेरिएट्रिक मेंटल हेल्थ), डीएम (पल्मोनरी मेडिसिन), एम.एससी. मनोरोग (मानसिक स्वास्थ्य), जेरिएट्रिक मेंटल हेल्थ में डीएम सहित अनेकों नए प्रोग्राम शुरू किए गए हैं।
स्किल एन्हांसमेंट कोर्सों में सबसे लोकप्रिय है पर्सनालिटी डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन
स्किल एन्हांसमेंट (एसईसी) कोर्सों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि इनमें सबसे लोकप्रिय “पर्सनालिटी डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन” कोर्स है। इस शैक्षणिक सत्र में 38642 विद्यार्थियों ने यह विषय चुना है। दूसरे नंबर पर “पॉलिटिकल लीडरशिप एंड कम्युनिकेशन” विषय है जिसे 36193 विद्यार्थियों ने चुना है। तीसरे नंबर पर “डिजिटल मार्केटिंग” है जिसे 35370 विद्यार्थियों ने चुना है और चौथे नंबर पर “कम्युनिकेशन इन एवरीडे लाइफ” है जिसे 31185 विद्यार्थियों ने चुना है। इसी प्रकार वैल्यू एडिशन कोर्सों में सर्वाधिक 69457 विद्यार्थियों ने “डिजिटल एम्पावरमेंट” को चुना है जबकि दूसरे नंबर पर “फाइनेंशियल लिटरेसी” है जिसे 54401 विद्यार्थियों ने चुना है। “कॉन्स्टिट्यूशनल वैल्यूज एंड द आर्ट ऑफ बीइंग हैप्पी” को 37244 विद्यार्थियों ने चुना है। कुलपति ने कहा कि इससे यह जानकारी मिलती है कि कम्युनिकेशन वाले विषयों को अधिक विद्यार्थी चुन रहे हैं। उन्होंने सभी प्रिंसिपलों से आह्वान किया कि इन विषयों पर अधिक ध्यान दिया जाए। कुलपति ने बताया कि हाल ही में आयोजित 38वें एआईयू अंतर-विश्वविद्यालय राष्ट्रीय युवा महोत्सव में डीयू ने 13 पुरस्कार प्राप्त किए और ओवरआल में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
डीयू के नाम रहे ये पुरस्कार
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र प्रोफेसर बिबेक देबरॉय को इस वर्ष भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर के एल कृष्णा और प्रोफेसर वी आर पंचमुखी को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में डीयू की वरिष्ठ प्रोफेसर और जूलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर रीना चक्रवर्ती को सतत मीठे पानी की जलीय कृषि में उनके शोध योगदान के लिए जैविक विज्ञान में अनुसंधान हेतु राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा विजिटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।