मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता (राज्य सभा) ने आज झारखंड के जिला साहिब गंज में जनसभा को संबोधित किया

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मल्लिकार्जुन खरगे ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए झारखंड की पावन धरती पाकुड़ विधानसभा के श्रीकुंड मैदान में इस मंच पर उपस्थित हमारे इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी श्री अविनाश पांडे जी, पार्लियामेंट के सदस्य श्री सईद नासिर हुसैन जी, इस ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के प्रभारी श्री अर्जुन मोढवाडिया जी, प्रणव झा जी, राजेश ठाकुर जी, आलम जी, जो हमारे सीएलपी के नेता हैं, वरिष्ठ नेता, एक्स हमारे यूनियन मिनिस्टर, जाने-माने नेता, श्री सुबोधकांत सहाय जी, श्री बन्ना गुप्ता जी, मिनिस्टर, बादल जी, मिनिस्टर, हाफिज उल हसन (जेएमएम), श्रीमती गीता कोरा जी, एमपी, लोकसभा, एआईसीसी सेक्रेटरी दीपिका पांडे जी, विजय हंसदक जी, एमपी (जेएमएम), प्रदीप यादव जी, बंधु तिर्की जी, जलेश्वर महतो जी, उपस्थित सभी विधायक बंधुओं, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों, प्रदेश कांग्रेस से पदाधिकारियों और यहाँ मंच पर उपस्थित सारे सज्जनों और खासकर इस ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के लिए पधारे हुए मेरे भाइयों, बहनों, युवाओं, किसानों, मजदूरों और मीडिया के मेरे दोस्तों।

झारखंड कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो झारखंड हमेशा देश के लिए उजाला देता है। अगर झारखंड से कोयला नहीं निकलता, तो सारे हिंदुस्तान में अंधेरा ही अंधेरा छा जाता है। तो ऐसी ही रोशनी दिलाने वाले मेरे सभी भाई लोग यहाँ पर हैं और उसी तरीके से आप एकजुट होकर आपने भारत जोड़ो यात्रा में भी काम किया और राहुल जी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक 3,600 किलोमीटर उन्होंने चलकर दिखाया, जो नामुमकिन था, लोग कहते थे कि ये कैसे होगा, क्या राहुल जी कन्याकुमारी से कश्मीर पहुंचेंगे, ये धूप में, बारिश में और ठंड में और कश्मीर में मैं जब गया था, तब वहाँ बर्फ ही बर्फ थी। ऐसी लंबी यात्रा उन्होंने तय की, इसलिए की, कि देश में जो एक नफरत का वातावरण पैदा हुआ है, देश में युवाओं के पास रोजगार नहीं है, देश में बेरोजगारी के अलावा इन्फ्लेशन, महंगाई बढ़ रही है।

यही मोदी साहब 2014 में ये कहते थे, महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार बोलते थे। अरे भाई, आप जो महंगाई के लिए लड़े, मीडिया में अपना नाम बढ़ाया और सभी पेपरों में आपने इतना विज्ञापन किया, इतना विज्ञापन किया, महंगाई मेरी सरकार आने के बाद, मैं कम करुंगा। ये कहा उन्होंने, मैं उनको पूछना चाहता हूं, अब कहाँ हैं आप, कहाँ गया आपका स्लोगन और यही बात तो राहुल गांधी जी पूछ रहे हैं, यही बात तो मैं पार्लियामेंट में पूछ रहा हूं और यही बात हमारे कांग्रेस के सभी नेता लोग उनसे पूछ रहे है। लेकिन उसका जवाब उनके पास नहीं है। जब जवाब आदमी के पास नहीं होता, तो वो घूमकर इधर-उधर की बात करने लगता है।

ऐसा ही पार्लियामेंट में आपने देखा होगा कि उनका उत्तर कैसा था, इतने गुस्से में, छाति थप-थपा के, थपा के मार लेते थे और उनके भाषण में उन्होंने यहाँ तक भी कहा कि मैं एक आदमी सारे देश के अपोजिशन पर भारी पड़ता हूं। इतने अहंकार की बात उन्होंने कही, यानी उनकी पार्टी भी उनके सामने कुछ नहीं। जिन नेताओं ने उनको आगे बढ़ाया, वो भी कोई बात नहीं है, लेकिन मैं ही मोदी, एक ही इंसान सब पर भारी पड़ रहा हूं सबके ऊपर। अरे, आपके जैसे बहुत हो गए दुनिया में और हो भी गए, आगे भी गए और फिर बाद में मिट भी गए। तो ऐसी अहंकार की बात मत करो।

जवाहरलाल नेहरु जी ने एक बात कही थी। उन्होंने ये कहा था जो आदमी अपने ही गुण गाता है, तो समझ लेना उसके पास कोई अच्छे गुण नहीं दिखते और गुणवत्ता और क्वालिटी भी नहीं होती। ऐसे ही लोग अपनी बात करते रहते हैं। मैंने ये किया, मैंने वो किया, अरे क्या किया भाई? आपने कहा, मैं गरीबों के लिए एक गैस का सिलेंडर फ्री देता हूं, कहा, दिया एक बार। अब देश में जब 7 करोड़ लोगों को पहले मिला था, उसमें से अब इस बार उनको एक सिलेंडर भी खरीदने की ताकत उनमें नहीं है और ऐसे लोग बार-बार कहते हैं कि हमने कुछ किया।

अगर किसी ने गरीबों के लिए किया है, मजदूरों की, किसानों की अगर किसी ने सुनवाई की है, तो श्रीमती सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह जी ने की। वो फूड सिक्योरिटी एक्ट लाए, गरीबों को अन्न देने का काम उन्होंने किया। अब वो छाती ठोक कर कहते हैं, मैं 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा हूं, कहाँ से दे रहे हैं भाई? जिस देश में आजादी के पहले अनाज की कमी थी, लोग भूखे मरते थे और अमेरिका से गेहूं लाकर यहाँ पर बांटा जाता था। लेकिन नेहरु जी ने, इंदिरा गांधी जी ने ग्रीन रेवोल्युशन किया, अनाज उगाओ और आज अनाज का भंडार हमारे गोदामों में इतना है कि सोनिया गांधी जी ने सोचा कि इसे गरीबों में बांटो और वो फूड सिक्योरिटी एक्ट लाई। अगर वो एक्ट नहीं लाते, अरे मेरे बाबा, तुम कहाँ से देते गरीबों को।

मनरेगा स्कीम कौन लाया? आपको मालूम नहीं, अरे मनरेगा स्कीम सोनिया गांधी जी लाईं। जब सोनिया गांधी जी ने, मनमोहन सिंह जी ने मनरेगा योजना लगाकर गरीबों का पेट भरने के लिए कम से कम 100 दिन का काम उनको देना चाहा। उन्होंने शुरुआत की और इन्होंने क्या किया, इस बजट में। अगर आप देखेंगे, जिस जगह 2 लाख 72 हजार करोड़ रुपए इस वक्त से आज के जो मेहनत का यानी गरीबों को जो मजदूरी मिलती है, उसका हिसाब डालें, तो 100 दिन के लिए मैटेरियल के साथ 2 लाख 72 हजार करोड़ रुपए होना चाहिए। ये छोड़िए मटेरियल का, कम से कम काम के लिए 1 लाख 72 हजार करोड़ होना चाहिए, लेकिन इन्होंने बजट में कितना रखा मालूम – सिर्फ 60 हजार करोड़। गया बजट में 9-10 हजार तो था, 42 दिन काम किया 100 दिन के बजाए, लेकिन अब सिर्फ 60 हजार करोड़, और ये गरीबों की बात करते हैं।

इनको हमेशा झूठ बोलने की आदत है, बीजेपी को। बीजेपी हमेशा झूठ बोलते रहे हैं, ये झूठों के सरदार हैं, सब। ये फैक्ट बोले, मैं नहीं बोल रहा और मैं यहीं नहीं बोल रहा हूं, मैंने पार्लियामेंट में भी बोला। मैं जब बोलता हूं, तब हमारा कहने का मकसद गरीबों के बारे में हो, देश के बारे में हो, जब हम कहते हैं, तो हमारे पूरे शब्दों को निकाल लेते हैं, पूरे के पूरे। मैंने कुछ नहीं कहा था, मैंने कहा कि मोदी साहब आप मौनी बाबा हो। तो फौरन चेयरमैन साहब ने उसको निकाला। अरे मौनी बाबा पार्लियामेंट में पहले उन्होंने बोला। वाजपेयी जी ने हमारे नरसिम्हा राव जी को बोला। ये बीजेपी के लोग मनमोहन सिंह जी को मौनी बाबा बोले। अगर मैं मौनी बाबा राज्य सभा में कहता हूं, तो ये निकाल दिया जाता है। तो कहाँ है, फ्रीडम ऑफ स्पीच कहाँ है? अरे पार्लियामेंट में भी नहीं, पार्लियामेंट के बाहर भी नहीं, अगर कोई सच्चाई बोलता है, कोई सच्चाई लिखता है, कोई सच्चाई दिखाता है, तो उसको ये लोग जेल भेज देते हैं। ऐसी सरकार होनी चाहिए, क्या?

ये लोगों ने क्या कोशिश की मालूम है आपको, मोदी जी और शाह जी तो तोड़-फोड़ में बहुत मजबूत है, तोड़-फोड़ सरकार बहुत बनाते हैं। कर्नाटक में हम बहुमत में थे, अलायंस की सरकार, उसको इन्होंने तोड़ा। महाराष्ट्र में अघाड़ी की सरकार थी, उसको इन्होंने तोड़ी। मणिपुर में हमारी मैजोरिटी थी, उसको उन्होंने तोड़ा, गोवा में हम मेजोरिटी के नजदीक थे, उसको उन्होंने तोड़ा। हर जगह तोड़-फोड़ करना और तोड़-फोड़ करके सरकार बना लेना और ऊपर से कहना देखो, हम प्रजातंत्र के लोग हैं और मैं प्रजातंत्र में विश्वास रखता हूं। ऐसे बड़े-बडे भाषण करते हैं। अरे, बड़े-बड़े भाषण करने वाले थोड़ा चलो, संविधान के तहत चलो, हमारे कहने से मत चलो। ये बाबा साहब आम्बेडकर जी ने जो संविधान इस देश को दिया है, उसके तहत आप चलने की कोशिश करो। वो सब छोड़ दिया।

कहते हैं, संविधान की बात, लेकिन करते हैं क्या, आरएसएस जो बोलता है, नागपुर से जो नोटिस निकलता है या ऑर्डर निकलता है, उनकी बात सुनते हैं। क्योंकि वो धर्म-धर्म में झगड़ा करवाते हैं, जाति-जाति में झगड़ा करवाते हैं। कभी भी देखो, कहीं भी जाओ, चुनाव नजदीक आते ही हिंदू-मुसलमान, हिंदू-मुसलमान, हिंदू-मुसलनाम। अरे क्या यही सब्जेक्ट है, क्या इसी से पेट भरने वाला है? अरे देश को किधर लेकर जाना है, ये पहले देखो।

हमने तो आजादी दिलवाई, कांग्रेस ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन इनका कुछ भी नहीं है ,इसमें। इन्होंने ना हिस्सा लिया आजादी की लड़ाई में, ना इनकी पार्टी आई, ना कोई प्रचार किया। फिर भी कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी हैं, हम ही इस देश को बचा सकते हैं, 60 सालों में कांग्रेस ने इस देश को डुबो दिया। अरे, अब झारखंड में कई इंस्टीट्यूशन्स हैं, पब्लिक सेक्टर हैं, बड़े-बड़े कारखाने हैं, ये सब मोदी के समय में आए हैं क्या? जो हम करे, वो भी कहने के लिए वो शर्माते हैं। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, सड़क, अरे हमने तो सड़क एक लाइन की बनाई। आपने डबल लाइन उसी जमीन पर की। कई दो लाइन की हमारी जमीन थी, तो चार लाइन की। हमने इतना रोड़ बनाया। अरे रोड़ पहले किसने शुरु किया, जमीन किसने ली, एक लाइन किसने डाली?

आज एक और मंत्र खोल रहे हैं, क्या खोल रहे हैं वंदे भारत ट्रेन। अरे भाई वो लाइन किसने बिछाई, मोदी ने बिछाई? रेलवे की लाइन तुम्हारे जमाने में कितनी बिछाई, हजारों किलोमीटर, लाखों किलोमीटर हमने रेलवे की लाइनें बिछाईं। उसके ऊपर ये लोग नए-नए नाम देकर रेलगाड़ी छोड़ रहे हैं और वो रेल गाड़ी छोड़ने के लिए मोदी जी खुद जाते हैं और वहाँ पर हरी झंडी दिखाकर, ये वंदे भारत मैंने किया। अरे भाई, नीचे के रेल का किसने किया, क्या इससे पहले रेल नहीं चलती थी? अगर कोई किसी की 60 स्पीड, 70 की स्पीड से ट्रेन जाती है, तो आपने 80 की स्पीड की है। इसका मतलब आपने किया? ऐसा झूठ और ये झूठ बोलते-बोलते जा रहे हैं और मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्यों लोग उनके झांसे में आ रहे हैं और एक ही नहीं, कोई भी चीज आप देखिए, जैसा कि ये बीजेपी सरकार कहती है कि आजादी उनको 2014 में ही आई, 1947 में उनको आजादी मालूम नहीं है, क्योंकि वो लड़े नहीं, इसलिए उसका महत्व उनको मालूम नहीं। ये 2014 में प्रधानमंत्री बने, तब से ये कह रहे हैं, अब फ्री इंडिया, मॉडल तब से ये कह रहे हैं अब फ्री इंडिया, मॉडर्न इंडिया, अरे मॉडर्न इंडिया तो पंडित जवाहर लाल नेहरू जी पंचवार्षिय योजना लाए थे, उन्‍होंने करके दिखाया। तो इसीलिए तो लोगों को खाने को अन्न मिल रहा है, व्‍हाईट रैवल्‍यूशन दूध मिल रहा है, बच्‍चों को स्‍कूल है, इनके जमाने में 70,000 गवर्नमेंट स्‍कूल बन्‍द किए जो गरीबों के बच्‍चे पढ़ते थे, जो गरीब लोग अपने बच्‍चों को वहां भेजते थे 70,000 गवर्नमेंट स्‍कूल बंद और किसको दिए जो भी प्राइवेट आते गए उनको देते गए, यूनिवर्सिटीज प्राइवेट को, सरकारी यूनिवर्सिटीज खोले ही नहीं क्‍योंकि वो मुफ्त में गरीब के बच्‍चों को देना पड़ता है।

तो ये जो ये बार-बार कहते हैं गरीब की बात यही लोग हमेशा गरीबों को खत्‍म करने की कोशिश कर रहे हैं और ये आंकड़ों के साथ मैंने बोला और दूसरी चीज हमने पार्लियामेंट में उठाई थी एक व्‍यक्ति जिसकी आमदनी 2019 में सिर्फ एक लाख करोड़ थी, पहले तो पचास लाख करोड़ थी फिर बाद में एक लाख करोड़ फिर ढाई साल में उस अडानी की इंकम जो इनका दोस्‍त है जो उसी प्‍लेन में बैठकर प्रधानमंत्री शपथ लेने के लिए वो आए थे उनके दोस्‍त की आज संपत्ति 13 लाख करोड़ है, कोई गरीब 2 लाख रुपए जो कमाकर रखा होगा क्‍या तुम्‍हारी संपत्ति 2 लाख से एकदम 13 लाख किसी की बनी है? कौन सा ऐसा जादू है? क्‍योंकि अडानी जी को मोदी जी सरकारी पैसा देते गए।

एलआईसी जहां पर हमारे 28 करोड़ लोगों ने अपनी पॉलिसी रजिस्‍टर की है, उनका पैसा है, वहां से ये उनको 36,000 करोड़ रुपए देते हैं, एसबीआई बैंक जहां आप लोग डिपोजिट रखते हैं, पैसा रखते हैं वहां पर और दूसरे बैंको से अब तक उनको 82,000 करोड़ रुपए मिला है। किसी को मिलता है ? सिर्फ ढाई साल में मोदी जी अगर वो मैप हमारे सब गरीबों को, किसानों को, मजदूरों को अगर दिखाएंगे तो हमको कोई मेहनत करने की जरूरत ही नहीं। भाई मोदी जी, तुमने उसको 13 लाख करोड़ का आदमी बनाया कम से कम मुझे 13 लाख का तो बनाओ, लेकिन वो हमेशा झूठ बोलते हैं इन सबकी संपत्ति एक आदमी को उन्‍होंने दे दी और ये सवाल हमने पार्लियामेंट में उठाया, राहुल गांधी जी ने उठाया तो इसको भी निकाल दिया (हटा दिया) क्‍या गलती थी हमारी? जो अडानी ने गड़बड़ी की थी, उसको हम उठा रहे थे, जो एलआईसी ने पैसा दिया, उसको हम उठा रहे थे, जो एसबीआई ने लोन दिया उसको हम उठा रहे थे, जिसमें गरीबों का पैसा है, बोलो क्‍या गलती की हमने? लेकिन फिर भी हमारे भाषण को काट दिया, राहुल जी के भाषण को काट दिया और बोले ये सब अनपार्लियामेंट्री है।

मैंने बोली थी वॉशिंग मशीन की बात, वॉशिंग मशीन की बात इसलिए बोली थी, क्‍योंकि बीजेपी बहुत से एमएलएज़ को अपनी तरफ लेती है जिनके ऊपर छापे पड़े, जिनके ऊपर ईडी केस लगाए, जिनको इन्‍कम टैक्‍स का केस लगाया ऐसे लोगों को डराकर, धमकाकर अपनी तरफ कर लेती है, मैं समझता हूं झारखण्‍ड में भी लिया होगा, लेने के बाद वो कहते हैं, ये देखो कलंकित है, लेकिन मैंने कहा साहब वो कलंकित हैं तो आपके पास एक बहुत बड़ी वॉशिंग मशीन है शाह और मोदी ने इतनी बड़ा वॉशिंग मशीन खरीदा है, उस वॉशिंग मशीन में उस आदमी को अगर डाल दिया वो उज्‍जवल होकर बाहर निकलता है, सफेद होकर निकलता है जो कलंकित आदमी होता है यहां पर उनको वॉशिंग मशीन में डालते ही वैसा सफेद हो जाता है तो ये कैसे हुआ – क्‍योंकि उनको एक हुकुमत टिकाना है, कैसे भी हो उसको लाना है, तो उन्‍होंने वो काम किया और वही काम वो यहां कर रहे हैं, यहां झारखण्‍ड में भी वो यही चाहते हैं कि जो सरकार अच्‍छी चल रही है, मिल-जुलकर काम कर रहे हैं। झारखण्‍ड और कांग्रेस एक होकर किसानों के लिए, मजदूरों के लिए, गरीबों के लिए हमारे हेमंत जी काम कर रहे हैं और हमारी पार्टी के सभी मंत्री भी काम कर रहे हैं, हम सब एकजुट होकर काम कर रहे है, लेकिन ये शाह और मोदी जी को पच नहीं रहा है। इसको कब गिराना, इसको कब खत्‍म करना और अपनी सरकार लाना उधर देख रहे हैं।

अरे भाईयों, कितना खाते हो, कितना खाते हो? कम से कम पचकर वो खून तो देने दो आपका, वो भी नहीं। डेमोक्रेसी की बात करते हैं जब लोगों ने हमको चुना है तो आप क्‍यों तोड़ रहे हो भाई, हर जगह तोड़ो-फोड़ो। तो इसीलिए मैं आप सभी से यही कहूंगा जो हम संसद में कहे थे और राहुल गांधी जी भी ये कहे थे प्रधानमंत्री जी आप विदेश गए तो आपके साथ अडानी कितने बार आया उसको निकाल दिया (हटा दिया), फिर उन्‍होंने पूछा जब प्रधानमंत्री जाते हैं उससे पहले एक दिन ये जाकर फिर ज्‍वाइन होते थे, वो कितनी बार आप मिले, विदेशी दौरों में साथ ले जाकर दूसरों से कहकर आपने उनको बड़े-बड़े ठेके दिलाए, चाहे श्रीलंका हो, चाहे आस्‍ट्रेलिया हो, चाहे और किधर हो ये सब कहां – पूरा अडानी साहब को उन्‍होंने ये ठेका लिया था और उनके लिए काम कर रहे हैं, गरीबों के लिए नहीं है। फिर मैंने ये शायरी बोली थी अगर इसमें कोई गलती है तो आप भी मुझे टोक दो, क्‍या था? उसमें यही था मैंने एक शायरी कही थी मोदी जी के बारे में तो वो शायरी भी हटा दिए, मेरे स्‍पीच से। अरे, ये तो शायर ने कहा है, मैंने नहीं मैं तो कोट कर रहा हूं, जैसा वो भी 2-3 शायरी बोले छोटी-मोटी, लेकिन वो नहीं निकाली, चेयरमैन साहब भी बोले, वो नहीं निकाले, ये मेरी ही शायरी क्‍यों निकाले। मुझे ये समझ में नहीं आता है? शायद मैं कर्नाटक का हूं, मेरी हिन्‍दी कमजोर होगी, इसलिए उन्‍होंने सोचा होगा कि ये ठीक नहीं, कर्नाटक का आदमी कैसे हिन्‍दी बोल सकता है, मैंने यही कहा था। मैं फिर आपके सामने दोहरा देता हूं, कहूं अगर आप चाहते हैं तो कहता हूं, मोदी तो नहीं चाहते हैं तो कम से कम आप चाहते हैं समझकर कह रहा हूं।

“नजर नहीं हैं नजारों की बात करते हैं,
जमीन पर चांद सितारों की बात करते हैं,
वो हाथ जोड़कर बस्‍ती को लूटने वाले,
भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं।
बड़ा हसीन है उनकी जुबान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं,
मिली कमान तो अटकी नजर खजाने पर,
नदी सुखाकर किनारों की बात करते हैं,
वो ही गरीब बनाते हैं आम लोगों को,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं”

गरीब की बात वही लोग करते हैं, यही मैंने कहा। इसमें बोलिए क्‍या गलत है? मैंने तो ये शायरी नहीं लिखी। ये तो हमारे शायरों ने कही थी, वो बात मैंने वहां पर कही। पूरा निकालकर चार लफज़ रख लिए जो उन्‍हें ठीक लगे तो वो रखें, बाकी का आधे से ज्‍यादा काट दिया, तो ऐसी चीजें भी उनको पसंद नहीं है।

ये बात तो ऐसी हो गई कि हम लोग तो देश के लोगों के लिए लड़ रहे हैं, नौजवानों के लिए लड़ रहे हैं, इंफ्लेशन के खिलाफ लड़ रहे हैं, किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिए हम लोग लड़ रहे हैं, लेकिन ये लोग अपने दोस्‍तों को अमीर बनाने में लगे हैं, इसीलिए मैं एक बात और कहूंगा और वो देश के लिए, हमारे नौजवानों के लिए जरूरी है।

“देश को जिंदा रखने के लिए भले ही मर जाएंगे, ये दिल ये जान सब कुर्बान कर देंगे, मगर देश से अन्‍याय मिटाने के लिए हर चुनौती से टकराएंगे” ये हमारी सोच है, इसीलिए दोस्‍तों, भाईयों और बहनों और मेरे किसान भाईयों, मैं आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं क्‍योंकि इतनी धूप है, इतने दूर से आप आए हैं, ये शेड्यूल ट्राइब एरिया है, यहां कोई देखने वाला नहीं, देखने वाले एक ही थे, महात्‍मा गांधी जी, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी, आम्बेडकर जी। इन्‍होंने यहां पर लोकतंत्र को प्रतिस्‍थापित किया और यहां के हमारे बहुत से देशभक्‍त थे, जिनका नाम अगर मैं पढ़ते जांऊ, तो बहुत से नाम उसमें हैं और आप सभी को मालूम है कि इस धरती के लिए कौन लड़े? और कैसे-कैसे लोगों ने अपनी कुर्बानी दी और खासकर ये जो झारखण्‍ड में जो गौरव का स्‍थान है और रोशनी का स्‍थान है, खनिज-संपदा का स्‍थान है और धरती बिरसा मुंडा जी की, बाबा तिलक जी की, सिद्धो कान्हू जी का और ताना भगत के जैसे महानायकों की इस महान भूमि को मैं नमन करता हूं और आपका आर्शीवाद मांगने के लिए ठहरा हूं। रामगढ़ के बाइ इलेक्‍शन में जो 27 तारीख को होने जा रही है उसमें हमारा ज्‍वाइंट कैंडिडेट है। कांग्रेस का कैंडिडेट जो मिलीजुली सरकार है वो जो हेमन्‍त जी के नेतृत्‍व में चल रही है तो हम दोनों मिलकर लड़ रहे हैं बजरंग महतो, तो इनकी हम सब लोगों को मदद करनी है, क्‍योंकि हमारी मिली-जुली सरकार रहने की वजह से हमारा कर्तव्‍य होता है कि मोदी जी को हम दिखाएं कि देखो भाई मिली-जुली सरकार और सब मिलकर आपका मुकाबला कर सकते हैं, आप छाती ठोककर ये नहीं बोल सकते हैं मेरे सामने कौन है – तुम्‍हारे सामने हम सब हैं, हम सब मिलकर लड़ रहे हैं।

तो मैं आपसे फिर एक बार आपकी राय पूछूंगा। आप आर्शीवाद दीजिए और सभी लोग मैं समझता हूं आप सब एक होकर पूरा लाभ उठाएंगे। लोगों की समस्‍या सुनेंगे और इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा आपने कामयाब की इसीलिए मैं हमारे प्रभारी अविनाश पांडे जी, जो जनरल सेक्रेटरी हैं और अध्‍यक्ष हमारे राजेश ठाकुर जी और सभी लोग जो यहां बैठे हैं, एआईसीसी की तरफ से धन्‍यवाद देता हूं, आप आगे बढ़ते रहो, हम आपके साथ हैं।

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