‘मोदी हटाओ – देश बचाओ’ अभियान से छात्रों को भी जोड़ेगी आम आदमी पार्टी, 10 अप्रैल को देशभर की यूनिवर्सिटी में लगाएगी पोस्टर – गोपाल राय
- मोदी सरकार पूरे विपक्ष को दबाकर भारत को अपने मुट्ठी में करना चाहती है, लेकिन सत्ता और संस्थाएं किसी की ज़िद्द पूरी करने के लिए नहीं होती हैं- गोपाल राय
- देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं, इसे बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को हटाना बेहद जरूरी – गोपाल राय
- मोदी सरकार जांच एजेंसियों पर नियंत्रण कर रही है और न्यायपालिका को भी दबाने की कोशिश कर रही है – गोपाल राय
- आम आदमी पार्टी ने शहीद दिवस पर जंतर मंतर पर सभा कर ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ अभियान की घोषणा की थी
आम आदमी पार्टी ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ अभियान में और तेजी लाने के लिए इससे देश भर के छात्रों को भी जोड़ेगी। “आप” के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने गुरुवार को यह घोषणा करते कहा कि ‘मोदी हटाओ – देश बचाओ’ अभियान से छात्रों को भी जोड़ा जायेगा। इसके लिए आम आदमी पार्टी आगामी 10 अप्रैल को देशभर की यूनिवर्सिटी में ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ का पोस्टर लगाएगी। पार्टी ने शहीद दिवस पर जंतर मंतर पर एक सभा करके ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ अभियान के शुरुआत की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर आज देश भर के 22 राज्यों में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, मलयालम, उड़िया, कन्नड़, बांग्ला, गुजराती, उर्दू और तेलुगु भाषाओं में ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूरे विपक्ष को दबाकर भारत को अपने मुट्ठी में करना चाहती है लेकिन सत्ता और संस्थाएं किसी की ज़िद्द पूरी करने के लिए नहीं होती हैं। आज देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं। इसे बचाना है तो प्रधानमंत्री मोदी को हटाना बहुत जरूरी है।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने पार्टी मुख्यालय में प्रेससवार्ता कर कहा कि पूरे देश के अंदर मोदी हटाओ देश बचाओ का पोस्टर अभियान आम आदमी पार्टी चला रही है | देश भर के 22 राज्यों में अलग अलग भाषाओं में यह पोस्टर लगाए जा रहे है | यह पोस्टर हिंदी, अंग्रेजी , मराठी, पंजाबी , मलयालम ,उड़िया , कन्नड़ , बांग्ला , गुजराती , उर्दू और तेलुगु जैसी 11 भाषाओं सहित देश की सभी हिंदी भाषी राज्यों में लगाए जा रहे है | आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अंदर 23 मार्च को शहीद-ए – आज़म भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव के बलिदान दिवस पर जंतर मंतर पर सभा करके मोदी हटाओ देश बचाओ अभियान की घोषणा की थी | उन्होंने कहा कि देश के अंदर किसानो से प्रधानमंत्री ने वादा करके धोखा दिया , जिसकी वजह से किसानो के अंदर नाउम्मीदी पैदा हुई है | देश के अंदर मजदूरों के लिए जो भी क़ानून थे, उन्हें 4 कानूनों में समेट दिया गया। देश के छात्रों का सभी यूनिवर्सिटियों में दमन किया गया | देश के नौजवान जिस तरह से बेरोज़गारी की वजह से दर दर भटक रहे है और महिलाएँ महंगाई की मार को झेल रही है | ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री इन समस्याओं का समाधान निकालने और देश की शिक्षा और स्वास्थय को बेहतर करने की जगह पूरी ताकत के साथ देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को ख़त्म करने में लगे हुए है | यह वही लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसे आज़ादी के बाद संविधान की बुनियाद पर लाया गया | भारत के संविधान के सहयोगी के रूप भारत की संसद, विधानसभाएँ और चुनाव प्रणाली उसके मूल आधार बने और इन सबका मूल आधार है भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, जिसकी सत्तापक्ष और विपक्ष के बिना परिकल्पना नहीं की जा सकती है | लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री की ज़िद्द है कि वो विपक्ष विहीन सत्ता को संचालित करेंगे, हमे लगता है की यह भारत की पूरी लोकतांत्रिक प्रणाली और संविधान पर सीधा प्रहार है |
दिल्ली “आप” संयोजक गोपाल राय ने कहा कि भारत के अंदर स्वतंत्र एजेन्सिया बनाई गई ताकि किसी भी चीज़ की निष्पक्ष जाँच की जा सके और न्यायलय अपना स्वतंत्र निर्णय ले सके | लेकिन जिस तरह से एजेंसियो की स्वतंत्रता को ख़त्म करके अपनी मुट्ठी में करने की कोशिश हो रही है, यह भारत के अंदर निष्पक्ष जाँच प्रणाली के विश्वास को तोड़ रही है | भारत की न्यायपालिका के ऊपर भी जिस तरह से दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है | जिस तरह चुनाव आयोग को भी अपने अनुसार संचालित करने की कोशिश हो रही है तो ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ऐसे देश की तरफ बढ़ रहे जहाँ किसान परेशान रहे , नौजवान बेरोज़गार रहे , छात्र अशिक्षित रहे , महंगाई बढ़ती रहे लेकिन पूरा भारत उनकी मुट्ठी में रहे | यह जो पूरे भारत को अपनी मुट्ठी में करने का उनका मिशन है , वह तानाशाही का उदाहरण है | लेकिन इस तानाशाही के रास्ते में विपक्ष , भारत की अलग अलग पार्टियाँ जो उनके खिलाफ़ सवाल उठाती है। इसलिए विपक्षी पार्टियां उनके आँख की किरकिरी बनी हुई है | ऐसे में उनका मिशन है कि एन केन प्रकारेण, सारे संवैधानिक तंत्र को ख़त्म किया जाए | ऐसे में देश के लोगो के मन में यह डर है कि यदि ऐसे ही हालात रहे और देश के प्रधानमंत्री मोदी जी बने रहते है तो देश का संविधान , लोकतंत्र और भविष्य खतरे में है | क्योंकि हमने देखा है कि जब जिन किसानो ने पूरे एक साल तक हर मौसम को झेलते हुए आंदोलन किया , जब उनकी ही नहीं सुनी गई तब विपक्ष की आवाज़ को दबाना तो बहुत ही आम बात है | ऐसे में पूरे देश में सिर्फ सन्नाटा होगा और पूरा भारत उनकी मुट्ठी में होगा | मुझे लगता है कि यह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत पर सीधा प्रहार है | इसलिए इन सभी चीज़ो को यदि बचाना है तो मोदी जी को हटाना होगा | सत्ता और संस्थाए किसी की ज़िद्द पूरी करने के लिए नहीं होती है | अब मोदी जी ज़िद्द पर उतर आए है। इसलिए हमने पोस्टर अभियान के माध्यम से मोदी हटाओ देश बचाओ का नारा पूरे देश में घोषित कर दिया है | इसके अगले चरण में 10 अप्रैल को देशभर की सभी यूनिवर्सिटियों में यह पोस्टर अभियान चलाया जाएगा | जहाँ पर छात्रों के साथ मिलकर के इस अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा |