*मणिपुर दौरे पर मोइरांग के राहत शिविरों में हिंसा के पीड़ितों से की राहुल गांधी ने मुलाकात
*अपने दौरे के दूसरे दिन राज्यपाल और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से भी मिले राहुल गांधी
मणिपुर में अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा कर हिंसा से पीड़ित लोगों का दु:ख दर्द जाना और इंफाल में सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसके अलावा राहुल गांधी ने राजभवन पहुंचकर मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मणिपुर के हालातों को लेकर चर्चा की और उन्हें राहत शिविरों में आवश्यक संसाधनों की कमी से भी अवगत कराया। राहुल गांधी ने मोइरांग में आज़ाद हिंद फौज शहीद स्मारक पहुंचकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर की हिंसा से पीड़ित लोगों की दुर्दशा देखकर उनका दिल दहल गया है। हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है, सिर्फ शांति ही समाधान है।
राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह मणिपुर में लोगों का दु:ख-दर्द बांटने आए हैं। मणिपुर की हिंसा एक भयानक त्रासदी है। यह मणिपुर की जनता के साथ-साथ देशवासियों के लिए भी अत्यंत दु:खद और दर्दनाक है। वह राहत शिविरों में गए और हर समुदाय के लोगों से मिले। उन्होंने राहत शिविरों में मणिपुर के भाइयों और बहनों की तकलीफों को देखा, सुना और महसूस किया। शिविरों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत है। राहत शिविरों में दवाई व खाने की कमी है, जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा के कारण अपने प्रियजनों और घरों को खोने वाले लोगों के दर्द को देखना और सुनना दिल दहला देने वाला है। वह जिस भी भाई, बहन और बच्चे से मिले, उसके चेहरे पर मदद की पुकार थी। आज मणिपुर को शांति की जरूरत है।
राहुल गांधी ने कहा कि नफरत और हिंसा एक आपदा है, जिसका सामना हम सब साथ मिलकर सिर्फ़ मोहब्बत और संवाद से कर सकते हैं। मणिपुर की जनता से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। शांति ही आगे बढ़ने का रास्ता है। हर किसी को अब शांति व सद्भाव के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी तरफ बढ़ना शुरू करना चाहिए। राज्य में शांति लाने के लिए वह हर संभव मदद करेंगे।